हैदराबाद: सोमवार से शुरु हो रहे तीरंदाजी वर्ल्ड कप के लिए 23 सदस्यों का भारतीय दल शनिवार को रॉयल डच एअरलाइन से दिल्ली से एम्सटर्डम के लिए रवाना होने वाला था, लेकिन ऑप्रेशनल गड़बड़ी की वजह से फ्लाइट में 2 घंटे 53 मिनट की देरी हो गई, जिस कारण भारतीय दल एम्सटर्डम के लिए रवाना नहीं हो पाई और उनका वर्ल्ड कप में शामिल होना असंभव सा हो गया.
इस पूरे प्रकरण में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह रहा कि भारत के पास कोई अन्य विकल्प मौजूद नहीं था. वर्ल्ड कप में शामिल न हो पान का खामियाजा यह हुआ कि डिफेंडिंग चैंपियन दीपिका कुमारी अपने खिताब को बचाने से चूक गई, जो उन्होंने सॉल्ट लेक सिटी में 2018 में जीता था.
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इससे यह पता चलता है कि भारतीय खेल प्राधिकरण की इतनी बड़ी लापरवाही निकलकर सामने आई है. एक तो इवेंट के इतने करीब जाकर फ्लाइट की बुकिंग की गई, दूसरा उनके पास कोई अन्य विकल्प मौजूद नहीं था, और यह एक भारी चूक है.
आपको बता दें कि भारतीय तीरंदाजी संघ ने कहा कि उनके तरफ से वक्त रहते टीम चुन ली गई थी, लेकिन इस पूरे मामले में भारतीय खेल प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक राधिका श्रीमन की लापरवाही देखने को मिल रही है, जिनके पास ट्रेवल प्लान की जिम्मेदारी थी.
इस घटना ने भारतीय खेल प्राधिकरण की लापरवाही उजागर कर दी है. कोच पूर्णिमा महतो ने कहा कि इतने बड़े इवेंट के लिए किसी वैकल्पिक साधन का न होना दूर्भाग्य की बात है, और किसी अन्य विकल्प के बारे में नहीं सोचा जा सकता था, क्योंकि सोमवार से पहले पहुंचना संभव नहीं है. भारतीय दल अब अपने कैंप वापस पुणे लौट गई है.