दोहा : भारत इस चैम्पियनशिप में एक भी पदक तो अपने नाम नहीं कर सका लेकिन तीन स्पर्धाओं के फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा. अभी तक के इतिहास में भारत के हिस्से एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में सिर्फ एक पदक है. अतीत के प्रदर्शन को देखते हुए भारत का तीन स्पर्धाओं के फाइनल में पहुंचना पहले से बेहतर प्रदर्शन है.
दोनों ओलम्पिक कोटा हासिल करने में सफल रहे थे
भारत के अविनाश साब्ले ने 3000 मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में जगह बनाई तो वहीं भारतीय टीम चार गुणा 400 मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने में सफल रही. ये दोनों ओलम्पिक कोटा हासिल करने में सफल रहे थे. भालाफेंक स्पर्धा के फाइनल में भारत की महिला खिलाड़ी अन्नू रानी ने जगह बनाई थी. वो आठवें स्थान पर रहीं थी लेकिन ओलम्पिक कोटा हासिल नहीं कर पाई थीं.
अमेरिका ने जीते कुल 29 पदक
अमेरिका ने कुल 29 पदक अपने नाम किए, जिनमें से 14 स्वर्ण, 11 रजत और चार कांस्य पदक हैं. अमेरिका के हिस्से सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक आए. उसके बाद केन्या ने सबसे ज्यादा पांच स्वर्ण पदक जीते. जमैका और चीन के हिस्से तीन-तीन पदक आए.
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अंतिम दिन अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) के अध्यक्ष सेबास्टियन कोए ने कहा कि इस टूर्नामेंट में छह चैम्पियनशिप रिकार्ड बने हैं. कुल 43 देशों ने पदक अपने नाम किए हैं.
इस चैम्पियनशिप में 43 देशों ने पदक जीते
आईएएएफ की वेबसाइट ने कोए के हवाले से लिखा है, "आईएएएफ विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के इतिहास में इस बार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया है. हमें इस बात पर गर्व है कि हम अन्य खेल की अपेक्षा ज्यादा देशों तक पहुंच सके. इस चैम्पियनशिप में 43 देशों ने पदक जीते और 86 राष्ट्रीय रिकार्ड बने. हम चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ी अलग संस्कृति और अलग स्थितियों का अनुभव करें."