चेन्नई: 27 वर्षीय भवानी ने समायोजित आधिकारिक रैंकिंग (AOR) के आधार पर ओलंपिक क्वालीफिकेशन हासिल किया. भवानी ने शुरुआती वर्षों के दौरान अपने संघर्षों के बारे में बात की और अपने परिवार को निरंतर सहायता का श्रेय दिया जिससे उन्हें हर बाधा को दूर करने में मदद मिली.
''मैं तलवारबाजी में ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय और महिला बनकर खुश हूं. शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा लेकिन जब से मैंने बहुत सारी बाधाओं का सामना किया है और अपने परिवार की मदद से उनसे बाहर निकली तब से मुझे कई अन्य जगहों से समर्थन मिलना शुरु हो गया. उनके समर्थन से मैं ये हासिल करने में कामयाब हुई.
"स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, स्पोर्ट्स डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ तमिलनाडु और मिनिस्ट्री ऑफ स्पोर्ट्स, और अब हर कोई फेंसिंग का समर्थन कर रहा है. फेंसिंग को प्राथमिकता वाले खेलों में शामिल किया गया है, मुझे यकीन है कि अब से अधिक लोग करियर के रूप में तलवारबाजी लेंगे.''
भवानी ने कहा, "जब मैंने शुरुआत की तो कई छात्र थे लेकिन मैं अकेली था जिसने तलवारबाजी का रास्ता जारी रखा और सारा श्रेय मेरे परिवार को जाता है क्योंकि उन्होंने कभी भी तलवारबाजी को न नहीं कहा. वो तलवारबाजी के प्रति मेरे जुनून को समझते थे.
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इससे पहले टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली देश की पहली फेंसर (तलवारबाज) भवानी देवी (तमिलनाडु) ने पिछले शनिवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल में जारी 31वीं सीनियर नेशनल फेंसिंग चैंपियनशिप में महिला सब्रे व्यक्तिगत प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया