नई दिल्ली : भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने चयन पात्रता पूरी नहीं करने के बावजूद आगामी एशियाई खेलों में राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के प्रतिनिधित्व के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की अपील की. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने योजना बनाई थी कि स्टिमक के मार्गदर्शन में अंडर-23 टीम 23 सितंबर से शुरू होने वाले एशियाई खेलों में हिस्सा लेगी. भारतीय फुटबॉल टीम हालांकि शीर्ष आठ टीम में शामिल होने की खेल मंत्रालय की पात्रता को पूरा नहीं करती जिसके कारण उसके महाद्वीपीय प्रतियोगिता से बाहर रहने की संभावना है.
इगोर स्टिमक ने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट में लिखा 'मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि 2017 की हमारी अंडर-17 टीम जिसने अंडर-23 विश्व कप क्वालीफायर में शानदार प्रदर्शन किया और बेहद प्रतिभावान टीम है. उसे अब एशियाई खेलों में प्रतिनिधित्व से वंचित किया जा रहा है'. स्टिमक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी अपील की है. उन्होंने लिखा कि इस टीम के टूर्नामेंट में खेलने की बेहद जरूरत है और वह इसकी हकदार है. जो कारण बताए गए हैं वे अनुचित हैं और भारतीय राष्ट्रीय टीम का कोच होने के नाते मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि इस मामले को तुरंत आपकी और माननीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की जानकारी में लाया जाए. बतादें कि भारत अभी एशियाई फुटबॉल परिसंघ देशों के बीच 18वें स्थान पर चल रहा है.
क्रोएशियाई कोच स्टिमक ने लिखा कि हमारा अपना मंत्रालय रैंकिंग के संदर्भ में भागीदारी से इनकार कर रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि हमारी फुटबॉल टीम उन कुछ अन्य खेल टीमों की तुलना में बेहतर रैंकिंग पर है जिन्हें एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति दी गई है. इतिहास और आंकड़े भी इस बात के गवाह हैं कि फुटबॉल एक ऐसा खेल है, जहां निचली रैंकिंग वाली टीम के पास शीर्ष रैंकिंग वाली टीम को हराने का मौका होता है. भारतीय ओलंपिक संघ और सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को भेजे गए पत्र में खेल मंत्रालय ने कहा है कि टीम स्पर्धाओं के लिए केवल उन्हीं खेलों को शामिल किए जाने पर विचार करना चाहिए. जिन्होंने एशिया के भाग लेने वाले देशों के बीच पिछले एक साल में शीर्ष आठ में जगह बनाई है.
वर्ष 2002 से एशियाई खेलों में अंडर-23 फुटबॉल टीम हिस्सा लेती है .जबकि इससे अधिक उम्र के तीन खिलाड़ियों को भी टीम में शामिल करने की स्वीकृति होती है. उन्होंने कहा कि भारत ने 2017 में अंडर-17 फीफा विश्व कप की मेजबानी की थी और नई पीढ़ी के शानदार खिलाड़ियों को तैयार करने में काफी निवेश किया. स्टिमक का कहना है कि आपने एक दिन फीफा विश्वकप में खेलने के भारत के सपने का हमेशा समर्थन किया है और मुझे यकीन है कि अब तक जिस तरह आपका समर्थन मिला है. अगर उसकी तरह का निरंतर समर्थन जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हम वैश्विक स्तर पर सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में हिस्सा लेंगे. राष्ट्रीय टीम के रूप में हमने पिछले चार वर्षों में बहुत कड़ी मेहनत की है और कुछ बेहतरीन नतीजे हासिल किए हैं. जिससे साबित होता है कि अगर हमें सभी हितधारकों का समर्थन मिले तो हम और अधिक हासिल कर सकते हैं.
आईओए और एनएसएफ को भेजे गए खेल मंत्रालय के निर्देशों में एक प्रावधान है जो फुटबॉल टीम को उम्मीद की किरण दे सकता है. मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि विशिष्ट खेलों के विशेषज्ञों और भारतीय खेल प्राधिकरण की राय में उचित कारणों से उपरोक्त मानदंडों में छूट के साथ व्यक्तिगत खिलाड़ियों और टीमों की भागीदारी की सिफारिश की जाती है तो उचित फैसले के लिए मंत्रालय उस पर विचार करेगा. पीएम मोदी ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि फ्रांस के फुटबॉलर काइलियान एमबाप्पे भारत में युवाओं के बीच ‘सुपरहिट’ हैं और इस विश्व कप विजेता टीम के खिलाड़ी को फ्रांस से अधिक भारत में लोग जानते हैं.
स्टिमक ने ट्वीट के जरिए कहा है कि फ्रांस की आपकी हालिया यात्रा में फुटबॉल और एमबाप्पे के बारे में आपके भाषण ने भारतीय फुटबॉल के लिए सपना देखने वालों और उसकी हौसलाअफजाई करने वाले सभी भारतीयों को प्रभावित किया. इसलिए संपूर्ण भारतीय फुटबॉल बिरादरी की ओर से मेरी आपसे विनम्र अपील और गंभीर अनुरोध है कि कृपया हमारी फुटबॉल टीम को एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति दें.
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(पीटीआई भाषा)