नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ की इंटीग्रिटी यूनिट ने 2018 में टूर्नामेंट से बाहर डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण शॉटपुट खिलाड़ी नवीन चिकारा को चार साल के लिए निलंबित कर दिया.
चिकारा को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया और उनका निलंबन 27 जुलाई 2018 से लागू होगा. आईएएएफ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
आईएएएफ ने अपने एक बयान में कहा, ‘27 जुलाई 2018 को खिलाड़ी को टूर्नामेंट से बाहर जांच में दोषी पाया गया. 28 अक्टूबर 2018 को मांट्रियल में विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी की अधिकृत लैब में उसके नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ के अंश पाये गए.’
चिकारा ने 2018 फेडरेशन कप में रजत पदक जीता था. वह इसी साल अंतर प्रांत चैम्पियनशिप में उपविजेता रहे. नवंबर 2018 में उन पर अस्थायी निलंबन लगाया गया. बाद में उसके बी नमूने की जांच की गई.
दिसंबर 2018 में उसने एआईयू को बताया कि उसे पता नहीं था कि जीएचआरपी 6 प्रतिबंधित पदार्थ है जो उसके नमूने में पाया गया. उसने 12 मार्च को स्वीकार किया कि उसने डोपिंग निरोधक नियमों का उल्लंघन किया है और लिखित में यह कबूलनामा दिया.
नवीन का सैंपल कनाडा स्थित वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) के मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में भेजा गया. पहले उनपर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगाया गया था. नवीन का दूसरा सैंपल भी उनके खिलाफ ही गया. इसके बाद उनपर चार साल का बैन लगा दिया गया.
नवीन के अलावा रूस के ट्रैक एवं फील्ड के चार एथलीटों पर प्रतिबंधित दवाईयों के सेवन के आरोप लगे हैं. इनमें दो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी भी शामिल हैं.
बीजिंग ओलंपिक 2008 में ऊंची कूद के चैंपियन आंद्रेई सिलनोव और लंदन ओलंपिक 2012 की 400 मीटर बाधा दौड़ की चैंपियन नतालिया अंतियुख पर प्रतिबंधित दवाईयां लेने या प्रतिबंधित तरीकों का उपयोग करने का आरोप लगा है.