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फाइनल हारने के बाद पंघल का बड़ा बयान, कहा - गेम में करूंगा ये बदलाव - 52 किलोग्राम भारवर्ग

भारत के पुरुष मुक्केबाज अमित पंघल को विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में हार कर रजत पदक तक ही सीमित रह गए. इस हार के बाद पंघल अपने गेम में बदलाव करने का इशारा कर चुके हैं.

Amit Panghal
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Published : Sep 25, 2019, 8:20 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 10:35 PM IST

हैदराबाद : अमित पंघल अपने बाउट के पहले राउंड में हमेशा डिफेंसिव होकर वो अपने विपक्षी को समझना चाहते हैं जिसका खामियाजा उन्हें विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में हार कर चुकाना पड़ा.

दूसरे और तीसरे राउंड में हमला करना

पंघल ने कहा, "शुरू से ही, मेरी रणनीति अपने प्रतिद्वंद्वी के गेम प्लान को समझने की होती है. मैं ये अनुमान लगाऊंगा कि क्या वो अपना गेम बीच में बदल रहा है या उसी टेम्पो को बनाए रखने वाला है. मैं पहले दो मिनट या हमला करने से पहले देखूंगा. मैं धीमा शुरु करता हूं लेकिन मैं दूसरे और तीसरे राउंड में हमला करके इसकी भरपाई कर लेता हूं.

Amit Panghal
अमित पंघल बाउट के दौरान

मैं उन दो राउंड में अपना 100 प्रतिशत देता हूं. कभी-कभी, ये रणनीति काम करती है, कभी-कभी ये विश्व फाइनल में (उज्बेकिस्तान के शखोबिडिन) ज़ोइरोव, के खिलाफ सफल नहीं होती.

गेम में बदलाव होगा

पंघल ने कहा, ''अब से मैं शुरु से हमला करुंगा. अगर मैं पहले और दूसरे राउंड में सफल रहा तो मैं अपना डिफेंसिव गेम खेल सकता हूं. मेरे कोचों ने मुझसे मेरी कमजोरियों के बारे में बात की. मुझे ये भी बताया कि मैं फाइनल में पहले दौर में कमजोर गेम की वजह से हार गया.

शेफाली वर्मा बनी टी-20 क्रिकेट में पदार्पण करने वाली सबसे युवा खिलाड़ी

आपको बता दें कि रियो ओलम्पिक 2016 में स्वर्ण जीतने वाले उज्बेकिस्तान के शाखोबिदीन जोइरोव ने विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में अमित को कड़े मुकाबले में 5-0 हराया.

हैदराबाद : अमित पंघल अपने बाउट के पहले राउंड में हमेशा डिफेंसिव होकर वो अपने विपक्षी को समझना चाहते हैं जिसका खामियाजा उन्हें विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में हार कर चुकाना पड़ा.

दूसरे और तीसरे राउंड में हमला करना

पंघल ने कहा, "शुरू से ही, मेरी रणनीति अपने प्रतिद्वंद्वी के गेम प्लान को समझने की होती है. मैं ये अनुमान लगाऊंगा कि क्या वो अपना गेम बीच में बदल रहा है या उसी टेम्पो को बनाए रखने वाला है. मैं पहले दो मिनट या हमला करने से पहले देखूंगा. मैं धीमा शुरु करता हूं लेकिन मैं दूसरे और तीसरे राउंड में हमला करके इसकी भरपाई कर लेता हूं.

Amit Panghal
अमित पंघल बाउट के दौरान

मैं उन दो राउंड में अपना 100 प्रतिशत देता हूं. कभी-कभी, ये रणनीति काम करती है, कभी-कभी ये विश्व फाइनल में (उज्बेकिस्तान के शखोबिडिन) ज़ोइरोव, के खिलाफ सफल नहीं होती.

गेम में बदलाव होगा

पंघल ने कहा, ''अब से मैं शुरु से हमला करुंगा. अगर मैं पहले और दूसरे राउंड में सफल रहा तो मैं अपना डिफेंसिव गेम खेल सकता हूं. मेरे कोचों ने मुझसे मेरी कमजोरियों के बारे में बात की. मुझे ये भी बताया कि मैं फाइनल में पहले दौर में कमजोर गेम की वजह से हार गया.

शेफाली वर्मा बनी टी-20 क्रिकेट में पदार्पण करने वाली सबसे युवा खिलाड़ी

आपको बता दें कि रियो ओलम्पिक 2016 में स्वर्ण जीतने वाले उज्बेकिस्तान के शाखोबिदीन जोइरोव ने विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में अमित को कड़े मुकाबले में 5-0 हराया.

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भारत के पुरुष मुक्केबाज अमित पंघल को विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में हार कर रजत पदक तक ही सीमित रह गए. इस हार के बाद पंघल अपने गेम में बदलाव करने का इशारा कर चुके हैं.



हैदराबाद : अमित पंघल अपने बाउट के पहले राउंड में हमेशा डिफेंसिव होकर वो अपने विपक्षी को समझना चाहते हैं जिसका खामियाजा उन्हें विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में हार कर चुकाना पड़ा.



पंघल ने कहा, "शुरू से ही, मेरी रणनीति अपने प्रतिद्वंद्वी के गेम प्लान को समझने की होती है. मैं ये अनुमान लगाऊंगा कि क्या वो अपना गेम बीच में बदल रहा था या उसी टेम्पो को बनाए रखने वाला था. मैं पहले दो मिनट या हमला करने से पहले देखूंगा. मैं धीमा शुरु करता हूं लेकिन मैं दूसरे और तीसरे राउंड में हमला करके इसकी भरपाई कर लेता हूं.



मैं उन दो राउंड में अपना 100 प्रतिशत देता हूं. कभी-कभी, ये रणनीति काम करती है, कभी-कभी ये विश्व फाइनल में (उज्बेकिस्तान के शखोबिडिन) ज़ोइरोव, के खिलाफ सफल नहीं होती.



पंघल ने कहा, ''अब से मैं शुरु से हमला करुंगा. अगर मैं पहले और दूसरे राउंड में सफल रहा तो मैं अपना डिफेंसिव गेम खेल सकता हूं. मेरे कोचों ने मुझसे मेरी कमजोरियों के बारे में बात की. मुझे ये भी बताया कि मैं फाइनल में पहले दौर में कमजोर गेम की वजह से हार गया.



आपको बता दें कि रियो ओलम्पिक 2016 में स्वर्ण जीतने वाले उज्बेकिस्तान के शाखोबिदीन जोइरोव ने विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में अमित को कड़े मुकाबले में 5-0 हराया.


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Last Updated : Oct 1, 2019, 10:35 PM IST
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