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हिमा गोल्डन दास : जश्न ठीक है, लेकिन सवाल अभी भी बाकी

हिमा दास के पांच स्वर्ण पदक जीतने के बाद भी इस तरह की बातें हो रही हैं कि जिन प्रतियोगिताओं में हिमा ने ये मेडल जीते हैं उन प्रतियोगिताओं में कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा नहीं है.

Hima
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Published : Jul 22, 2019, 8:06 PM IST

हैदराबाद : 20 जुलाई को हिमा ने अपना पांचवा स्वर्ण पदक जीत लिया, लगभग चार महीने बाद हिमा ने 400 मीटर की दौड़ में एक नया रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने ऑल इंडिया फाइनल में 52.09 सेकंड में स्पर्धा जीतकर पांचवां गोल्ड मेडल हासिल किया. ये हिमा का 20 दिनों में पांचवां स्वर्ण पदक है. इससे पहले उन्होंने यूरोप में, 7 जुलाई को कुंटो एथलेटिक्स मीट में, 13 जुलाई को चेक गणराज्य में और 17 जुलाई को टाबोर ग्रां प्री में अलग-अलग स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता था.

अपने शानदार प्रदर्शन से हिमा ने देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. उन्हें 2020 के ओलंपिक के लिए भारत की सबसे बड़ी पदक संभावनाओं में से एक के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन, उन्हें विश्व चैंपियन का खिताब देने से पहले जिन प्रतियोगिताओं में हिमा ने हिस्सा लिया है, उन पर एक नज़र डालना भी जरूरी है.

हिमा दास
हिमा दास
19 वर्षीय हिमा जिन्हें ढींग एक्सप्रेस के रूप में जाना जाता है. जिसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने देश-विदेश में खुद को साबित किया है. वे 400 मीटर में जूनियर विश्व चैंपियन हैं और इस आयोजन में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक हैं. उनके हालिया प्रदर्शन से भारतीय फैंस को गर्व महसूस हो रहा है. हां, उन्होंने सभी प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें सफलता के लिए एक पैरामीटर के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि उनके पास शीर्ष पायदान की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का अभाव है. 200 मीटर की रेस में, किसी ने भी दक्षिण अफ्रीका की तामजिन थॉमस के रिकॉर्ड की बराबरी नहीं की है. जिन्होंने 23.12 सेकंड रेस को पूरा किया है.
हिमा दास
हिमा दास
हालांकि, यह कहानी का सिर्फ एक पक्ष है, लेकिन दूसरा पक्ष और भी अधिक स्पष्ट है क्योंकि इसमें उन प्रतियोगिताओं के मानक का पता चला है जिनमें हिमा ने भाग लिया था. आईएएएफ ने दूसरे दर्जे की कुछ स्पर्धाओं की सूची बनाई हुई है. इन निचली स्पर्धोओं के लिए 10 श्रेणियों को मान्यता दी गई है. ow (सर्वश्रेष्ठ) , DF, GW, FL, A, B, C, D, E और F (सबसे खराब). पोज़नान एथलेटिक्स ग्रां प्री (200 मी) और मैटिंग ओ रोजो कुंटा (200 मी) को आईएएएफ ने 'एफ' का दर्जा दिया है, जबकि 'हाजी ए क्लैडस्के मेमोरियल' (200 मीटर) और वेलका सीना ताबोरा (200 मीटर) को 'ई' रेट किया गया है.

इंडोनेशिया ओपन का फाइनल हारने के बाद जापान ओपन के खिताब पर होंगी सिंधु की निगाहें

उन्होंने जो 400 मीटर की स्पर्धा जीती थी, उसे IAAF द्वारा 'ई' श्रेणी के रूप में दर्जा दिया गया है. हालांकि हिमा दास की क्षमताओं पर किसी को शक नहीं है लेकिन ऐसे दूसरे दर्जे की प्रतियोगितों में शानदार प्रदर्शन के बाद उनके फैंस की उम्मीदें बड़े मंचों पर और भी बढ़ गई है.

हैदराबाद : 20 जुलाई को हिमा ने अपना पांचवा स्वर्ण पदक जीत लिया, लगभग चार महीने बाद हिमा ने 400 मीटर की दौड़ में एक नया रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने ऑल इंडिया फाइनल में 52.09 सेकंड में स्पर्धा जीतकर पांचवां गोल्ड मेडल हासिल किया. ये हिमा का 20 दिनों में पांचवां स्वर्ण पदक है. इससे पहले उन्होंने यूरोप में, 7 जुलाई को कुंटो एथलेटिक्स मीट में, 13 जुलाई को चेक गणराज्य में और 17 जुलाई को टाबोर ग्रां प्री में अलग-अलग स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता था.

अपने शानदार प्रदर्शन से हिमा ने देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. उन्हें 2020 के ओलंपिक के लिए भारत की सबसे बड़ी पदक संभावनाओं में से एक के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन, उन्हें विश्व चैंपियन का खिताब देने से पहले जिन प्रतियोगिताओं में हिमा ने हिस्सा लिया है, उन पर एक नज़र डालना भी जरूरी है.

हिमा दास
हिमा दास
19 वर्षीय हिमा जिन्हें ढींग एक्सप्रेस के रूप में जाना जाता है. जिसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने देश-विदेश में खुद को साबित किया है. वे 400 मीटर में जूनियर विश्व चैंपियन हैं और इस आयोजन में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक हैं. उनके हालिया प्रदर्शन से भारतीय फैंस को गर्व महसूस हो रहा है. हां, उन्होंने सभी प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें सफलता के लिए एक पैरामीटर के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि उनके पास शीर्ष पायदान की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का अभाव है. 200 मीटर की रेस में, किसी ने भी दक्षिण अफ्रीका की तामजिन थॉमस के रिकॉर्ड की बराबरी नहीं की है. जिन्होंने 23.12 सेकंड रेस को पूरा किया है.
हिमा दास
हिमा दास
हालांकि, यह कहानी का सिर्फ एक पक्ष है, लेकिन दूसरा पक्ष और भी अधिक स्पष्ट है क्योंकि इसमें उन प्रतियोगिताओं के मानक का पता चला है जिनमें हिमा ने भाग लिया था. आईएएएफ ने दूसरे दर्जे की कुछ स्पर्धाओं की सूची बनाई हुई है. इन निचली स्पर्धोओं के लिए 10 श्रेणियों को मान्यता दी गई है. ow (सर्वश्रेष्ठ) , DF, GW, FL, A, B, C, D, E और F (सबसे खराब). पोज़नान एथलेटिक्स ग्रां प्री (200 मी) और मैटिंग ओ रोजो कुंटा (200 मी) को आईएएएफ ने 'एफ' का दर्जा दिया है, जबकि 'हाजी ए क्लैडस्के मेमोरियल' (200 मीटर) और वेलका सीना ताबोरा (200 मीटर) को 'ई' रेट किया गया है.

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उन्होंने जो 400 मीटर की स्पर्धा जीती थी, उसे IAAF द्वारा 'ई' श्रेणी के रूप में दर्जा दिया गया है. हालांकि हिमा दास की क्षमताओं पर किसी को शक नहीं है लेकिन ऐसे दूसरे दर्जे की प्रतियोगितों में शानदार प्रदर्शन के बाद उनके फैंस की उम्मीदें बड़े मंचों पर और भी बढ़ गई है.

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summery : हिमा दास के पांच स्वर्ण पदक जीतने के बाद भी इस तरह की बातें हो रही हैं कि जिन प्रतियोगिताओं में हिमा ने ये मेडल जीते हैं उन प्रतियोगिताओं में कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा नहीं है.

हैदराबाद : 20 जुलाई को हिमा ने अपना पांचवा स्वर्ण पदक जीत लिया, लगभग चार महीने बाद हिमा ने 400 मीटर की दौड़ में एक नया रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने ऑल इंडिया फाइनल में 52.09 सेकंड में स्पर्धा जीतकर पांचवां गोल्ड मेडल हासिल किया. ये हिमा का 20 दिनों में पांचवां स्वर्ण पदक है. इससे पहले उन्होंने यूरोप में, 7 जुलाई को कुंटो एथलेटिक्स मीट में, 13 जुलाई को चेक गणराज्य में और 17 जुलाई को टाबोर ग्रां प्री में अलग-अलग स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता था.

अपने शानदार प्रदर्शन से हिमा ने देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. उन्हें 2020 के ओलंपिक के लिए भारत की सबसे बड़ी पदक संभावनाओं में से एक के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन, उन्हें विश्व चैंपियन का खिताब देने से पहले  जिन प्रतियोगिताओं में हिमा ने हिस्सा लिया है, उन पर एक नज़र डालना भी जरूरी है.  

19 वर्षीय हिमा जिन्हें ढींग एक्सप्रेस के रूप में जाना जाता है. जिसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने देश-विदेश में खुद को साबित किया है. वे 400 मीटर में जूनियर विश्व चैंपियन हैं और इस आयोजन में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक हैं. 

उनके हालिया प्रदर्शन से भारतीय फैंस को गर्व महसूस हो रहा है. हां, उन्होंने सभी प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें सफलता के लिए एक पैरामीटर के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि उनके पास शीर्ष पायदान की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का अभाव है. 200 मीटर की रेस में, किसी ने भी दक्षिण अफ्रीका की तामजिन थॉमस के रिकॉर्ड की बराबरी नहीं की है. जिन्होंने 23.12 सेकंड रेस को पूरा किया है. 

हालांकि, यह कहानी का सिर्फ एक पक्ष है, लेकिन दूसरा पक्ष और भी अधिक स्पष्ट है क्योंकि इसमें उन प्रतियोगिताओं के मानक का पता चला है जिनमें हिमा ने भाग लिया था. 

आईएएएफ ने दूसरे दर्जे की कुछ स्पर्धाओं की सूची बनाई हुई है.  इन निचली स्पर्धोओं के लिए 10 श्रेणियों को मान्यता दी गई है. ow (सर्वश्रेष्ठ) , DF, GW, FL, A, B, C, D, E और F (सबसे खराब). पोज़नान एथलेटिक्स ग्रां प्री (200 मी) और मैटिंग ओ रोजो कुंटा (200 मी) को आईएएएफ ने 'एफ' का दर्जा दिया है, जबकि 'हाजी ए क्लैडस्के मेमोरियल' (200 मीटर) और वेलका सीना ताबोरा (200 मीटर) को 'ई' रेट किया गया है.

उन्होंने जो 400 मीटर की स्पर्धा जीती थी, उसे IAAF द्वारा 'ई' श्रेणी के रूप में दर्जा दिया गया है. हालांकि हिमा दास की क्षमताओं पर किसी को शक नहीं है लेकिन ऐसे दूसरे दर्जे की प्रतियोगितों में शानदार प्रदर्शन के बाद उनके फैंस की उम्मीदें बड़े मंचों पर और भी बढ़ गई है. 


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