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'अभी तक के लिए कांस्य से संतुष्ट, लेकिन ओलम्पिक में स्वर्ण चाहता हूं'

पहलवान रवि दहिया ने कहा है कि,' विश्व चैम्पियनशिप में यही सोच कर गया था कि मुझे पदक के साथ ओलम्पिक कोटा हासिल करना है. मैं अभी कांस्य पदक जीता हूं लेकिन आगे मैं और बेहतर करना चाहता हूं.'

ravi dhayia
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Published : Sep 24, 2019, 11:13 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 9:58 PM IST

नई दिल्ली: विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में 57 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले भारत के पहलवान रवि दहिया ने कहा है कि वह अभी अपने पदक के रंग से खुश हैं लेकिन ओलम्पिक में वह सिर्फ स्वर्ण पदक चाहते हैं.

दहिया ने चैम्पियनशिप में पदक जीतने के साथ ही अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों के लिए कोटा भी हासिल कर लिया है.

दहिया ने मीडिया से कहा, "मैं विश्व चैम्पियनशिप में यही सोच कर गया था कि मुझे पदक के साथ ओलम्पिक कोटा हासिल करना है. मैं अभी कांस्य पदक जीता हूं लेकिन आगे मैं और बेहतर करना चाहता हूं."

दहिया ने एशियाई विजेता ईरान के रेजा अत्रिनागार्ची को मात दे कांस्य पदक जीता था. दहिया ने बजरंग पुनिया (65 किलोग्राम भारवर्ग), दीपक पुनिया (80 किलोग्राम भारवर्ग), राहुल अवारे (61 किलोग्राम भारवर्ग) और महिला पहलवान विनेश फोगाट (53 किलोग्राम भारवर्ग) के साथ राष्ट्रीय राजधानी में थे. इन सभी ने विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीता है.

सेमीफाइनल में दहिया रूस के जाउल युगेव से हार गए थे. उनका मानना है कि वह अभी अपने आप को संपूर्ण खिलाड़ी नहीं कह सकते.

उन्होंने कहा, "एक चीज नहीं है बहुत सारी चीज हैं जहां मुझे काम करना है. मुझे अपने डिफेंस पर काम करना है. कुछ दाव पर काम करना है. अभी मैं कहीं भी नहीं हूं. बहुत जगह सुधार करना है."

उन्होंने कहा, "वहां कई खिलाड़ी थे. मेरे ही भारवर्ग के आठ या दस खिलाड़ी थे जिन पर हम लगातार नजर रखते हैं. उन्हें देखकर मुझे अपने खेल के बारे में पता चला कि मैं कहां खड़ा हूं और मेरी तैयारी कैसी चल रही है."

दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में तैयारी करने वाले दहिया मंगलवार को ही राजधानी पहुंचे जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. स्वागत करने वालों में उनके रिश्तेदार, अकादमी वाले, परिवार वाले और दोस्त थे.

उन्होंने कहा, "मेरे रिश्तेदार वहां थे, मेरे गांव के लोग वहां थे. छत्रसाल स्टेडियम से भी कुछ लोग वहां थे."

बजरंग पूनिया
रवि दहिया के साथ बजरंग पूनिया

कजाकिस्तान के नूर-सुल्तान में खेली गई इस विश्व चैम्पियनशिप में भारत ने एक रजत और चार कांस्य पदक अपने नाम किए जो भारत को इस टूर्नामेंट में अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

दहिया ने कहा कि टीम ने जो प्रदर्शन किया है वो नजरअंदाज नहीं किया गया। उन्होंने कहा, "आप सुन सकते हैं को लोग भारतीय पहलवानों के बारे में किस तरह से बातें कर रहे हैं कि हम किस तरह से टूर्नामेंट में अच्छा कर रहे हैं.

अब इस युवा पहलवान को अगला लक्ष्य टोक्यो ओलम्पिक-2020 है.

दहिया ने कहा, "मैं कुछ दिन छत्रसाल स्टेडियम में बिताऊंगा.यह मेरे प्रशिक्षकों पर है कि वो किस तरह से मुझे अभ्यास कराते हैं। वो जैसा कहेंगे मैं वैसा करूंगा। मैं अभ्यास के लिए जॉर्जिया और रूस भी जा सकता हूं. मैं जानता था कि अगर मुझे पहली बार ही कोटा हासिल करना है तो इसके लिए मेहनत लगेगी. पदक तो जीतना ही है और मुझे उम्मीद है कि मैं ओलम्पिक में स्वर्ण लेकर आऊंगा."

नई दिल्ली: विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में 57 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले भारत के पहलवान रवि दहिया ने कहा है कि वह अभी अपने पदक के रंग से खुश हैं लेकिन ओलम्पिक में वह सिर्फ स्वर्ण पदक चाहते हैं.

दहिया ने चैम्पियनशिप में पदक जीतने के साथ ही अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों के लिए कोटा भी हासिल कर लिया है.

दहिया ने मीडिया से कहा, "मैं विश्व चैम्पियनशिप में यही सोच कर गया था कि मुझे पदक के साथ ओलम्पिक कोटा हासिल करना है. मैं अभी कांस्य पदक जीता हूं लेकिन आगे मैं और बेहतर करना चाहता हूं."

दहिया ने एशियाई विजेता ईरान के रेजा अत्रिनागार्ची को मात दे कांस्य पदक जीता था. दहिया ने बजरंग पुनिया (65 किलोग्राम भारवर्ग), दीपक पुनिया (80 किलोग्राम भारवर्ग), राहुल अवारे (61 किलोग्राम भारवर्ग) और महिला पहलवान विनेश फोगाट (53 किलोग्राम भारवर्ग) के साथ राष्ट्रीय राजधानी में थे. इन सभी ने विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीता है.

सेमीफाइनल में दहिया रूस के जाउल युगेव से हार गए थे. उनका मानना है कि वह अभी अपने आप को संपूर्ण खिलाड़ी नहीं कह सकते.

उन्होंने कहा, "एक चीज नहीं है बहुत सारी चीज हैं जहां मुझे काम करना है. मुझे अपने डिफेंस पर काम करना है. कुछ दाव पर काम करना है. अभी मैं कहीं भी नहीं हूं. बहुत जगह सुधार करना है."

उन्होंने कहा, "वहां कई खिलाड़ी थे. मेरे ही भारवर्ग के आठ या दस खिलाड़ी थे जिन पर हम लगातार नजर रखते हैं. उन्हें देखकर मुझे अपने खेल के बारे में पता चला कि मैं कहां खड़ा हूं और मेरी तैयारी कैसी चल रही है."

दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में तैयारी करने वाले दहिया मंगलवार को ही राजधानी पहुंचे जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. स्वागत करने वालों में उनके रिश्तेदार, अकादमी वाले, परिवार वाले और दोस्त थे.

उन्होंने कहा, "मेरे रिश्तेदार वहां थे, मेरे गांव के लोग वहां थे. छत्रसाल स्टेडियम से भी कुछ लोग वहां थे."

बजरंग पूनिया
रवि दहिया के साथ बजरंग पूनिया

कजाकिस्तान के नूर-सुल्तान में खेली गई इस विश्व चैम्पियनशिप में भारत ने एक रजत और चार कांस्य पदक अपने नाम किए जो भारत को इस टूर्नामेंट में अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

दहिया ने कहा कि टीम ने जो प्रदर्शन किया है वो नजरअंदाज नहीं किया गया। उन्होंने कहा, "आप सुन सकते हैं को लोग भारतीय पहलवानों के बारे में किस तरह से बातें कर रहे हैं कि हम किस तरह से टूर्नामेंट में अच्छा कर रहे हैं.

अब इस युवा पहलवान को अगला लक्ष्य टोक्यो ओलम्पिक-2020 है.

दहिया ने कहा, "मैं कुछ दिन छत्रसाल स्टेडियम में बिताऊंगा.यह मेरे प्रशिक्षकों पर है कि वो किस तरह से मुझे अभ्यास कराते हैं। वो जैसा कहेंगे मैं वैसा करूंगा। मैं अभ्यास के लिए जॉर्जिया और रूस भी जा सकता हूं. मैं जानता था कि अगर मुझे पहली बार ही कोटा हासिल करना है तो इसके लिए मेहनत लगेगी. पदक तो जीतना ही है और मुझे उम्मीद है कि मैं ओलम्पिक में स्वर्ण लेकर आऊंगा."

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नई दिल्ली: विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में 57 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले भारत के पहलवान रवि दहिया ने कहा है कि वह अभी अपने पदक के रंग से खुश हैं लेकिन ओलम्पिक में वह सिर्फ स्वर्ण पदक चाहते हैं.



दहिया ने चैम्पियनशिप में पदक जीतने के साथ ही अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों के लिए कोटा भी हासिल कर लिया है.



दहिया ने मीडिया से कहा, "मैं विश्व चैम्पियनशिप में यही सोच कर गया था कि मुझे पदक के साथ ओलम्पिक कोटा हासिल करना है. मैं अभी कांस्य पदक जीता हूं लेकिन आगे मैं और बेहतर करना चाहता हूं."



दहिया ने एशियाई विजेता ईरान के रेजा अत्रिनागार्ची को मात दे कांस्य पदक जीता था. दहिया ने बजरंग पुनिया (65 किलोग्राम भारवर्ग), दीपक पुनिया (80 किलोग्राम भारवर्ग), राहुल अवारे (61 किलोग्राम भारवर्ग) और महिला पहलवान विनेश फोगाट (53 किलोग्राम भारवर्ग) के साथ राष्ट्रीय राजधानी में थे. इन सभी ने विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीता है. 



सेमीफाइनल में दहिया रूस के जाउल युगेव से हार गए थे. उनका मानना है कि वह अभी अपने आप को संपूर्ण खिलाड़ी नहीं कह सकते.



उन्होंने कहा, "एक चीज नहीं है बहुत सारी चीज हैं जहां मुझे काम करना है. मुझे अपने डिफेंस पर काम करना है. कुछ दाव पर काम करना है. अभी मैं कहीं भी नहीं हूं. बहुत जगह सुधार करना है."



उन्होंने कहा, "वहां कई खिलाड़ी थे. मेरे ही भारवर्ग के आठ या दस खिलाड़ी थे जिन पर हम लगातार नजर रखते हैं. उन्हें देखकर मुझे अपने खेल के बारे में पता चला कि मैं कहां खड़ा हूं और मेरी तैयारी कैसी चल रही है."



दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में तैयारी करने वाले दहिया मंगलवार को ही राजधानी पहुंचे जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. स्वागत करने वालों में उनके रिश्तेदार, अकादमी वाले, परिवार वाले और दोस्त थे.



उन्होंने कहा, "मेरे रिश्तेदार वहां थे, मेरे गांव के लोग वहां थे। छत्रसाल स्टेडियम से भी कुछ लोग वहां थे."



कजाकिस्तान के नूर-सुल्तान में खेली गई इस विश्व चैम्पियनशिप में भारत ने एक रजत और चार कांस्य पदक अपने नाम किए जो भारत को इस टूर्नामेंट में अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.



दहिया ने कहा कि टीम ने जो प्रदर्शन किया है वो नजरअंदाज नहीं किया गया। उन्होंने कहा, "आप सुन सकते हैं को लोग भारतीय पहलवानों के बारे में किस तरह से बातें कर रहे हैं कि हम किस तरह से टूर्नामेंट में अच्छा कर रहे हैं.



अब इस युवा पहलवान को अगला लक्ष्य टोक्यो ओलम्पिक-2020 है.



दहिया ने कहा, "मैं कुछ दिन छत्रसाल स्टेडियम में बिताऊंगा.यह मेरे प्रशिक्षकों पर है कि वो किस तरह से मुझे अभ्यास कराते हैं। वो जैसा कहेंगे मैं वैसा करूंगा। मैं अभ्यास के लिए जॉर्जिया और रूस भी जा सकता हूं. मैं जानता था कि अगर मुझे पहली बार ही कोटा हासिल करना है तो इसके लिए मेहनत लगेगी. पदक तो जीतना ही है और मुझे उम्मीद है कि मैं ओलम्पिक में स्वर्ण लेकर आऊंगा."


Conclusion:
Last Updated : Oct 1, 2019, 9:58 PM IST
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