नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) द्वारा जारी किए गए बयान का संज्ञान लेते हुए अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (एआईबीए) ने साफ कर दिया है कि वह बीएफआई की नियम पालन में की गई असफलता के कारण नुकसान उठाने का जोखिम नहीं ले सकती.
एआईबीए ने एक बयान में कहा, "एआईबीए ने बेलग्रेड को 2021 पुरुष विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप की मेजबानी सौंपी है."
एआईबीए ने आगे कहा, "2017 में यह टूर्नामेंट भारत को सौंपा गया था और मेजबान शहर करार जनवरी 2019 को हुआ था करार के मुताबिक, आधी से ज्यादा मेजबानी फीस बची थी जो एक दिसंबर 2019 तक दी जानी थी. लेकिन नई दिल्ली ने मेजबान शहर करार के नियमों का पालन नहीं किया जबकि एआईबीए ने उन्हें कई बार इस संबंध में याद दिलाया और तमाम विकल्प भी मुहैया कराए. एआईबीए के पास अप्रैल 2020 में करार रद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था."
उन्होंने कहा, "एआईबीए के फैसले के पीछे एक और कारण यह है कि भारत ने 2018 में महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप की मेजबानी की थी, जिसकी दो-तिहाई मेजबानी फीस अभी तक नहीं दी गई है जबकि उस चैम्पियनशिप को 18 महीने हो गए हैं. मेजबानी फीस बीएफआई द्वारा 2018 के ग्रीष्मकाल में दी जानी चाहिए थी."
उन्होंने कहा, "एआईबीए ने काफी धैर्य दिखाया और कई रिपेमेंट प्लान पर बात की जिसे लेकर हमें बीएफआई से कभी सम्मान नहीं मिला. जून 2019 तक सर्बिया कहीं से कहीं तक हमारी सूची में नहीं था. मौजूदा स्थिति में एआईबीए बीएफआई द्वारा और ज्यादा नुकसान किए जाने का जोखिम नहीं ले सकती."
एआईबीए ने मंगलवार को मोहम्मद मुस्थासेन ने विश्व चैम्पियनशिप की मेजबानी सर्बिया को देने का फैसला किया था.