सूरत: चेन्नई के महाबलीपुरम में होने वाले 44वें शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले के सूरत पहुंचने पर यहां के इनडोर स्टेडियम में आयोजित स्वागत समारोह में 24 साल के जीत विपुलभाई त्रिवेदी ने शतरंज के 32 मोहरों को आंखों पर पट्टी बांधकर शतरंज की बिसात पर 1.2 मिनट में क्रमवार रखकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए दावेदारी पेश की. भारत में ब्लाइंड फोल्डेड वंडर बॉय के नाम से मशहूर जीत ने शतरंज के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में सात विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं.
बता दें, सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री सीआर पाटिल, जिला कलेक्टर आयुष ओक के साथ-साथ खेल विभाग के अधिकारियों, वरिष्ठ प्रशिक्षकों, ग्रैंड मास्टर्स और सूरत के विभिन्न विद्यालयों के लगभग 1 हजार विद्यार्थियों की उपस्थिति में उन्होंने सूरत में विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है. जीत की आंखें बंद थीं और उस पर एक रुपया, स्टील की प्लेट और काली पट्टी बंधी हुई थी. तब से उन्होंने केवल 1.02 मिनट में शतरंज के कुल 32, 16 सफेद और 16 काले रंग के मोहरों को क्रमवार लगाकर विश्व रिकॉर्ड का दावा किया है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, रिकॉर्ड स्थापित करने की समय सीमा 1.50 मिनट थी, जिसके खिलाफ जीत में 1.2 मिनट का समय लगा. निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, लिम्का बुक और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिलेगी.
बताते चलें, जीत ने इसी साल ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है. भावनगर के मूल निवासी जीत अब सूरत के पालनपुर जकातनाका इलाके में रहते हैं. इस उपलब्धि के बारे में वे कहते हैं, मैं पहले ही आंखों पर पट्टी बांधकर विभिन्न क्षेत्रों में 7 विश्व रिकॉर्ड बना चुका हूं, जिसमें मैंने ब्लाइंड फोल्डेड साइकलिंग, बॉल कैच, सबसे तेज रीडिंग, बैलून ब्लास्ट में 7 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं. इनके नाम दुनिया की सबसे ऊंची सड़क पर 18,680 फीट की ऊंचाई पर आंखों पर पट्टी बांधकर स्कूटर चलाने का रिकॉर्ड भी है.
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जीत ने बताया, मैं वर्तमान में इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले और सिक्स सेंस को पुनर्जीवित करने के इच्छुक कुशल बच्चों के लिए माइंड पावर डेवलपमेंट के साथ-साथ ब्लाइंड फोल्डेड एक्टिविटीज का प्रशिक्षण ले रहा हूं. इसके अलावा, आंशिक रूप से या पूरी तरह से नेत्रहीन लोग दृष्टि के बिना भी महत्वपूर्ण जीवन गतिविधियों को सिखाने में मदद करते हैं, दृश्य के माध्यम से जीत जोड़ता है.
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जीत का मानना है कि जब कोई व्यक्ति पांच मुख्य इंद्रियों में से एक को खो देता है, तो अन्य चार इंद्रियां तेज हो जाती हैं. नेत्रहीन व्यक्ति के पास दृष्टि न होने पर भी वह कई अन्य क्षेत्रों में स्वाभाविक रूप से कुशल होता है. उल्लेखनीय है कि फिट इंडिया अभियान के तहत साल 2013 में उन्होंने गांधीनगर के महात्मा मंदिर से अहमदाबाद के साबरमती गांधी आश्रम तक 5 किमी की दूरी सफलतापूर्वक तय की थी. ब्लांइड फोल्ड पेंटिंग में भी कुशल हैं.