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पूर्व खिलाड़ियों का कोचिंग देना भारतीय खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद : नारंग

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Published : Aug 28, 2019, 11:20 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 4:17 PM IST

ओलम्पिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने कहा है कि भारत टोक्यो ओलम्पिक-2020 में जाने से पहले रियो ओलम्पिक 2016 की तुलना में बेहतर स्थिति में है.

Gagan Narang

नई दिल्ली : लंदन ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग का मानना है कि पूर्व खिलाड़ियों को मौजूदा खिलाड़ियों को कोचिंग देने से फायदा हुआ है. नारंग बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में थे जहां उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गगन नारंग स्पोर्ट्स प्रोमोशन फाउंडेशन के लिए राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार मिला है.



जूनियर खिलाड़ियों को फायदा मिल रहा

टोक्यो 2020
टोक्यो 2020



उन्होंने कहा, "टोक्यो में हमारे अच्छे प्रदर्शन की संभावनाएं रियो से बेहतर हैं. कई पूर्व खिलाड़ी अब कोचिंग में आ रहे हैं. सिस्टम में अब जो जानकारी मुहैया कराई जा रही है, उससे जूनियर खिलाड़ियों को फायदा मिल रहा है. हमने जो 10 साल में हासिल किया था, जूनियर वही चीज तीन-चार साल में हासिल कर रहे हैं. हम जिस तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, वो शानदार है. वो कितने दिनों तक टिक पाते हैं, सिस्टम कितना उनका समर्थन करता है, ये उनका प्रदर्शन हमें बताएगा."

36 साल के इस निशानेबाज ने पांचवीं बार ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने की मंशा जाहिर की थी. उन्होंने कहा है कि वो दोहा में तीन से 11 नवंबर के बीच होने वाली एशियाई निशानेबाजी चैम्पियनशिप में हिस्से लेने के लिए तैयार कर रहे हैं.



मैं टीम में चुना जाऊंगा

नारंग ने कहा, "मैंने अभी तक टोक्यो की तैयारी शुरू नहीं की है, लेकिन हां, मैंने अपनी निजी तैयारी शुरू कर दी है. अगले महीने एशियाई चैम्पियनशिप के लिए ट्रायल्स हैं. अगर चमत्कार होता है तो मैं टीम में चुना जाऊंगा और वहां से फिर देखते हैं कि क्या होता है. कोई चमत्कार हो, इसके लिए मैं काफी मेहनत कर रहा हूं."

निशानेबाजी में 16 पदक अपने नाम किए

ओलम्पिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग
ओलम्पिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग


हाल में निशानेबाजी को बर्मिघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर कर दिया गया और भारत में ये काफी चर्चा का विषय है. भारत के लिए ये एक बहुत बड़ा झटका है. 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने निशानेबाजी में 16 पदक अपने नाम किए थे. भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को 2022 में होने वाले इन खेलों का बहिष्कार करने के लिए पत्र लिखा है.

सुमित और प्रजनेश भविष्य के स्टार : रिजिजू

निशानेबाजी को खेलों में शामिल किया जाएगा

नारंग ने उम्मीद जताई है कि ऐसी नौबत नहीं आएगी, लेकिन एक संयुक्त कदम उठाया जाना भी जरूरी है. उन्होंने कहा, "एक खेल को हटाए जाने के कारण राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार करना सही नहीं होगा लेकिन यहां बात ये है कि देश के लिए क्या सही है. इसलिए हमें एक संयुक्त कदम उठाना चाहिए. मुझे पूरी उम्मीद है कि जो किया जाना चाहिए, वैसा होगा. मुझे उम्मीद है कि इस मुद्दे को उच्च स्तर तक ले जाया जाएगा और निशानेबाजी को खेलों में शामिल किया जाएगा."

नई दिल्ली : लंदन ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग का मानना है कि पूर्व खिलाड़ियों को मौजूदा खिलाड़ियों को कोचिंग देने से फायदा हुआ है. नारंग बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में थे जहां उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गगन नारंग स्पोर्ट्स प्रोमोशन फाउंडेशन के लिए राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार मिला है.



जूनियर खिलाड़ियों को फायदा मिल रहा

टोक्यो 2020
टोक्यो 2020



उन्होंने कहा, "टोक्यो में हमारे अच्छे प्रदर्शन की संभावनाएं रियो से बेहतर हैं. कई पूर्व खिलाड़ी अब कोचिंग में आ रहे हैं. सिस्टम में अब जो जानकारी मुहैया कराई जा रही है, उससे जूनियर खिलाड़ियों को फायदा मिल रहा है. हमने जो 10 साल में हासिल किया था, जूनियर वही चीज तीन-चार साल में हासिल कर रहे हैं. हम जिस तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, वो शानदार है. वो कितने दिनों तक टिक पाते हैं, सिस्टम कितना उनका समर्थन करता है, ये उनका प्रदर्शन हमें बताएगा."

36 साल के इस निशानेबाज ने पांचवीं बार ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने की मंशा जाहिर की थी. उन्होंने कहा है कि वो दोहा में तीन से 11 नवंबर के बीच होने वाली एशियाई निशानेबाजी चैम्पियनशिप में हिस्से लेने के लिए तैयार कर रहे हैं.



मैं टीम में चुना जाऊंगा

नारंग ने कहा, "मैंने अभी तक टोक्यो की तैयारी शुरू नहीं की है, लेकिन हां, मैंने अपनी निजी तैयारी शुरू कर दी है. अगले महीने एशियाई चैम्पियनशिप के लिए ट्रायल्स हैं. अगर चमत्कार होता है तो मैं टीम में चुना जाऊंगा और वहां से फिर देखते हैं कि क्या होता है. कोई चमत्कार हो, इसके लिए मैं काफी मेहनत कर रहा हूं."

निशानेबाजी में 16 पदक अपने नाम किए

ओलम्पिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग
ओलम्पिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग


हाल में निशानेबाजी को बर्मिघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर कर दिया गया और भारत में ये काफी चर्चा का विषय है. भारत के लिए ये एक बहुत बड़ा झटका है. 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने निशानेबाजी में 16 पदक अपने नाम किए थे. भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को 2022 में होने वाले इन खेलों का बहिष्कार करने के लिए पत्र लिखा है.

सुमित और प्रजनेश भविष्य के स्टार : रिजिजू

निशानेबाजी को खेलों में शामिल किया जाएगा

नारंग ने उम्मीद जताई है कि ऐसी नौबत नहीं आएगी, लेकिन एक संयुक्त कदम उठाया जाना भी जरूरी है. उन्होंने कहा, "एक खेल को हटाए जाने के कारण राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार करना सही नहीं होगा लेकिन यहां बात ये है कि देश के लिए क्या सही है. इसलिए हमें एक संयुक्त कदम उठाना चाहिए. मुझे पूरी उम्मीद है कि जो किया जाना चाहिए, वैसा होगा. मुझे उम्मीद है कि इस मुद्दे को उच्च स्तर तक ले जाया जाएगा और निशानेबाजी को खेलों में शामिल किया जाएगा."

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ओलम्पिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने कहा है कि भारत टोक्यो ओलम्पिक-2020 में जाने से पहले रियो ओलम्पिक-2016 की तुलना में बेहतर स्थिति में है.



नई दिल्ली : लंदन ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग का मानना है कि पूर्व खिलाड़ियों को मौजूदा खिलाड़ियों को कोचिंग देने से फायदा हुआ है. नारंग बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में थे जहां उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गगन नारंग स्पोर्ट्स प्रोमोशन फाउंडेशन के लिए राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार मिला है.





जूनियर खिलाड़ियों को फायदा मिल रहा





उन्होंने कहा, "टोक्यो में हमारे अच्छे प्रदर्शन की संभावनाएं रियो से बेहतर हैं. कई पूर्व खिलाड़ी अब कोचिंग में आ रहे हैं. सिस्टम में अब जो जानकारी मुहैया कराई जा रही है, उससे जूनियर खिलाड़ियों को फायदा मिल रहा है. हमने जो 10 साल में हासिल किया था, जूनियर वही चीज तीन-चार साल में हासिल कर रहे हैं. हम जिस तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, वो शानदार है. वो कितने दिनों तक टिक पाते हैं, सिस्टम कितना उनका समर्थन करता है, ये उनका प्रदर्शन हमें बताएगा."



36 साल के इस निशानेबाज ने पांचवीं बार ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने की मंशा जाहिर की थी. उन्होंने कहा है कि वो दोहा में तीन से 11 नवंबर के बीच होने वाली एशियाई निशानेबाजी चैम्पियनशिप में हिस्से लेने के लिए तैयार कर रहे हैं.





मैं टीम में चुना जाऊंगा



नारंग ने कहा, "मैंने अभी तक टोक्यो की तैयारी शुरू नहीं की है, लेकिन हां, मैंने अपनी निजी तैयारी शुरू कर दी है. अगले महीने एशियाई चैम्पियनशिप के लिए ट्रायल्स हैं. अगर चमत्कार होता है तो मैं टीम में चुना जाऊंगा और वहां से फिर देखते हैं कि क्या होता है. कोई चमत्कार हो, इसके लिए मैं काफी मेहनत कर रहा हूं."





निशानेबाजी में 16 पदक अपने नाम किए





हाल में निशानेबाजी को बर्मिघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर कर दिया गया और भारत में ये काफी चर्चा का विषय है. भारत के लिए ये एक बहुत बड़ा झटका है. 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने निशानेबाजी में 16 पदक अपने नाम किए थे. भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को 2022 में होने वाले इन खेलों का बहिष्कार करने के लिए पत्र लिखा है.





निशानेबाजी को खेलों में शामिल किया जाएगा





नारंग ने उम्मीद जताई है कि ऐसी नौबत नहीं आएगी, लेकिन एक संयुक्त कदम उठाया जाना भी जरूरी है. उन्होंने कहा, "एक खेल को हटाए जाने के कारण राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार करना सही नहीं होगा लेकिन यहां बात ये है कि देश के लिए क्या सही है. इसलिए हमें एक संयुक्त कदम उठाना चाहिए. मुझे पूरी उम्मीद है कि जो किया जाना चाहिए, वैसा होगा. मुझे उम्मीद है कि इस मुद्दे को उच्च स्तर तक ले जाया जाएगा और निशानेबाजी को खेलों में शामिल किया जाएगा."


Conclusion:
Last Updated : Sep 28, 2019, 4:17 PM IST
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