नई दिल्ली : एफआईजी के महासचिव निकोलस बुआम्पाने ने सोमवार को खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी. भ्रष्टाचार संबंधी कारणों से भारतीय जिम्नास्टिक महासंघ (जीएफआई) की मान्यता भारतीय सरकार ने रद्द कर दी है.
एफआईजी ने एफजीआई को पत्र लिखा
अक्टूबर में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए टीम भेजने के लिए एफआईजी ने जीएफआई को पत्र लिखा था जिसके जवाब में खेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव इंदर धमीजा ने अंतरराष्ट्रीय महासंघ से आईओए की समिति को टीम चुनने की जिम्मेदारी देने को कहा था.
हम आईओए के शुक्रगुजार हैं
इसका जवाब देते हुए एफआईजी सचिव ने खेल मंत्रालय को लिखा है, "हमने जीएफआई को साफ लहजे में कहा है कि अगर वो समय पर अपने चुनाव नहीं कराते हैं तो हम उन्हें निलंबित कर देंगे. हम आईओए के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने इस अहम मुद्दे को अपने संज्ञान में लिया और मदद करने की कोशिश की, लेकिन साथ ही ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने सदस्य को पूरी स्वतंत्रता प्रदान करें और उसके काम में किसी बाहरी दखलअंदाजी को रोकें.
खिलाड़ियों को होती है परेशानी
इसलिए हमने भारत से सिर्फ जीएफआई और उसके अध्यक्ष सुधाकर शेट्टी की मान्यता को बरकरार रखा है क्योंकि ये लगातार खेल, खिलाड़ियों को, प्रशिक्षकों को बढ़ावा दे रहे हैं." पत्र में आगे लिखा है, "जीएफआई में इस समय जो चल रहा है उसका हमें पछतावा है. इस तरह के आंतरिक मामले और अदालत के केस खिलाड़ियों को परेशानी देते हैं और भारत में जिम्नास्टिक परिवर के आगे बढ़ने के कदम को रोकते हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि नए चुनावों के बाद यह चीज खत्म हो जाएगी."
पत्र में सचिव ने साफ कहा है कि वह उन्हीं खिलाड़ियों का पंजीकरण स्वीकार करेगी जिनके पंजीकरण पर अध्यक्ष या महासचिव के हस्ताक्षर होंगे.
जीएफआई हमारे साथ अच्छी हालत में खड़ी है
पत्र में लिखा है, "विश्व चैम्पियनशिप के दल का कौन हिस्सा होगा और इस टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों के पंजीकरण कौन करेगा इसका अधिकार सिर्फ हमारे सदस्य का है. जब तक जीएफआई हमारे साथ अच्छी हालत में खड़ी है, हम सिर्फ उन्हीं खिलाड़ियों के पंजीकरण स्वीकार करेंगे जिन पर उसके अध्यक्ष या महासचिव के हस्ताक्षर होंगे."
एफआईजी महासचिव को पत्र लिखा
पत्र में आगे लिखा है, "हमें पूरा भरोसा है कि भारतीय संघ नियमों के हिसाब से पारदर्शी क्वालीफिकेशन प्रक्रिया अपनाएगी." विश्व चैम्पियनशिप अगले महीने स्टटगर्ट में चार से 14 तारीख के बीच खेली जाएगी.
इससे पहले खेल मंत्रालय के धमीजा ने 11 सितंबर को एफआईजी महासचिव को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने बताया है कि जीएफआई भारतीय सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है क्योंकि उसने कुशासन, पक्षपात और गुटबाजी को बढ़ावा दिया था,
खिलाड़ियों से पैसा लेता था व पक्षपात करता था
उन्होंने लिखा, "प्रचलित मान्यता के अनुसार कोई भी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) न होने के कारण, जैसा कि जीएफआई के मामले में है, आईओए एक समिति बनाएगा जो चयन प्रक्रिया को अंजाम देगी." धमीजा ने लिखा, "सुधाकर शेट्टी की अध्यक्षता वाली जीएफआई खिलाड़ियों के चयन और प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों से पैसा लेता था व पक्षपात करता था. एफआईजी ने दो सितंबर को जो पत्र लिखा है वो शेट्टी की कुशासन और गलत तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है."
अंतरराष्ट्रीय संघ ने पूरी तरह से खारिज किया
संयुक्त सचिव ने अपने पत्र में ये भी लिखा कि अगर शेट्टी और जीएफआई भारतीय झंडे का प्रयोग करते हैं और विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने वाली टीम का प्रतिनिधित्व करते हैं तो उन पर कानून के तहत कार्रवाई होगी. खेल मंत्रालय की इस दलील को अंतरराष्ट्रीय संघ ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है.