बेलारी (कर्नाटक): भारतीय टीम की राइफल निशानेबाज अपूर्वी चंदेला का कहना है कि टोक्यो ओलंपिक में देश की निशानेबाजी टीम से जो उम्मीदें हैं, उससे टीम के प्रदर्शन पर फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि खिलाड़ी जानते हैं कि उम्मीदों से उठने वाले दबाव को किस तरह से खत्म किया जाता है.
भारत के 15 निशानेबाजों ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है.
भारतीय राइफल और पिस्टल निशानेबाज बीते दो साल से शानदार फॉर्म में हैं और 2019 में वो चार विश्व कप में कुल 22 पदक जीतकर शीर्ष पर रहे थे. इन 22 में से 16 स्वर्ण पदक थे.
अपूर्वी ने कहा,"दबाव हमें अभ्यास और मैच के बीच का बारीक अंतर बताता है. मुझे लगता है कि आप दबाव में उन गलतियों को लेकर ज्यादा सचेत रहते जो आप कर सकते हो. इसलिए ये आपको सावधान करता है."
अपूर्वी ने 2018 विश्व कप में चांगवोन में कांस्य पदक जीत ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया था.
उन्होंने कहा,"आप कोई भी टूर्नामेंट खेलो उम्मीदें हमेशा होती हैं, चाहे राष्ट्रमंडल खेल, ओलंपिक खेल, किसी भी तरह के खेल हों उम्मीदें तो रहती हैं, इसलिए हमारे लिए ये कुछ नया नहीं है. हम जानते हैं कि इससे कैसे निपटना है और खेल पर ध्यान देना है. आखिरी में यही बात मायने रखती है."
जयपुर की रहने वाली इस महिला निशानेबाज ने कहा,"हमारे पास निश्चित तौर पर मजबूत टीम है. हर कोई कड़ी मेहनत कर रहा है और मुझे पूरी उम्मीद है कि हर कोई अपना सर्वश्रेष्ठ देगा और देश को गौरवान्वित करेगा."
इससे पहले रियो ओलम्पिक-2016 में भी अपूर्वी से पदक की उम्मीद थी लेकिन वो ऐसा करने में सफल नहीं रही थीं.
रियो के अपने अनुभव को लेकर अपूर्वी ने कहा,"मैंने जो रियो में किया उससे मुझे अनुभव मिला क्योंकि अब मैं इस बात को जानते हुए तैयारी कर सकती हूं कि मेरे सामने क्या आने वाला है. तो ये मेरे लिए हैरानी वाली बात नहीं होगी."