पटियाला: विश्व एथलेटिक्स का ओलंपिक क्वॉलिफिकेशन दौर को नवंबर के आखिर तक निलंबित करने का फैसला भारतीय ट्रैक ऐंड फील्ड एथलीटों के लिए बड़ा झटका है जो इस साल के आखिर में होने वाली घरेलू प्रतियोगिताओं के जरिए क्वॉलिफाइ करने की उम्मीद लगाए हुए थे. इन प्रतियोगिताओं का आयोजन हालांकि अभी सुनिश्चित नहीं है क्योंकि कोविड-19 के कारण देश भर में लॉकडाउन है.
विश्व एथलेटिक्स ने एथलीट आयोग, महाद्वीपीय संघों के प्रमुखों आदि से सलाह मशविरे के बाद मंगलवार को टोक्यो खेलों के लिए क्वॉलिफिकेशन समय छह अप्रैल से 30 नवंबर 2020 तक निलंबित कर दिया था.
इस दौरान प्रतियोगिताओं में हासिल किए गए परिणाम पर टोक्यो खेलों के क्वॉलिफिकेशन मार्क या विश्व रैंकिंग के संदर्भ में विचार नहीं किया जाएगा.
भारत के राष्ट्रीय उप मुख्य कोच राधाकृष्णन नायर ने कहा कि इस फैसले से कई भारतीय एथलीट निराश होंगे.
नायर ने कहा, "विश्व एथलेटिक्स का फैसला तेजिंदर पाल सिंह तूर (गोला फेंक), अनु रानी (भाला फेंक), एम श्रीशंकर (लंबी कूद) और फर्राटा धाविका दुती चंद के लिए करारा झटका है. स्टार धाविका हिमा दास ने भी अभी तक टोक्यो खेलों के लिए क्वॉलिफाइ नहीं किया है."
ओलंपिक में पदक के दावेदार नीरज चोपड़ा, भाला फेंक के उनके साथी शिवपाल सिंह, चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम, के टी इरफान (पुरुष 20 किमी पैदल चाल), भावना जाट (महिला 20 किमी पैदल चाल) और अविनाश साबले (3000 मीटर स्टीपलचेज) पहले ही ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर चुके हैं.
विश्व संस्था ने कहा कि जिन खिलाड़ियो ने 2019 में क्वॉलिफिकेशन दौर शुरू होने के बाद ओलिंपिक मानदंडों को हासिल किया है उन्हें अब भी क्वॉलिफाइ माना जाएगा.