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दिल्ली उच्च न्यायालय ने कबड्डी महासंघ के चुनाव पर लगाई रोक

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एकेएफआई) के एक सितंबर को विभिन्न पदों के लिए होने वाले चुनावों पर रोक लगा दी.

दिल्ली हाई कोर्ट
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Published : Aug 27, 2019, 9:08 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 12:38 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एकेएफआई) के एक सितंबर को विभिन्न पदों के लिए होने वाले चुनावों पर रोक लगा दी. अदालत ने साथ ही केंद्र और एकेएफआई को ए.सी. थांगावेल की याचिका पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

न्यायाधीश संजीव सचदेवा की एकल पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को रखी है. थंगावेल ने अपनी अपील में एकेएफआई के सात अगस्त के आदेश जिसमें चुनावों की घोषणा की गई, 16 अगस्त के आदेश जिसमें निर्वाचक नामावली जारी की गई और 17 अगस्त के आदेश जिसमें उनके द्वारा उठाई कई आपत्तियों को खारिज किया गया था, को चुनौती दी थी.

याचिका में कहा गया है कि महासंघ के ये आदेश भारत के नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड-2011 के उलट हैं. याचिका में कहा गया है, "स्पोर्ट्स कोड के मुताबिक, खेल महासंघ लोकतांत्रिक तरीके से चलना चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे इसके प्रतिनिधि चलाते हैं ना कि कोई एक व्यक्ति या कुछ चुनिंदा लोग."

यह भी पढ़ें- फिटनेस को लेकर सोशल मीडिया पर हुई शास्त्री की खिंचाई, देखें पोस्ट

याचिका में कहा गया है, "महासंघ जिस निर्वाचक नामावली के मुताबिक चुनाव करवा रहा है, उसमें उसके राज्य महासंघों के कई ऐसे लोग हैं जो स्पोर्ट्स कोड में तय समय सीमा, आयु से ज्यादा समय तक अलग-अलग पदों पर बने हुए हैं."

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एकेएफआई) के एक सितंबर को विभिन्न पदों के लिए होने वाले चुनावों पर रोक लगा दी. अदालत ने साथ ही केंद्र और एकेएफआई को ए.सी. थांगावेल की याचिका पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

न्यायाधीश संजीव सचदेवा की एकल पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को रखी है. थंगावेल ने अपनी अपील में एकेएफआई के सात अगस्त के आदेश जिसमें चुनावों की घोषणा की गई, 16 अगस्त के आदेश जिसमें निर्वाचक नामावली जारी की गई और 17 अगस्त के आदेश जिसमें उनके द्वारा उठाई कई आपत्तियों को खारिज किया गया था, को चुनौती दी थी.

याचिका में कहा गया है कि महासंघ के ये आदेश भारत के नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड-2011 के उलट हैं. याचिका में कहा गया है, "स्पोर्ट्स कोड के मुताबिक, खेल महासंघ लोकतांत्रिक तरीके से चलना चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे इसके प्रतिनिधि चलाते हैं ना कि कोई एक व्यक्ति या कुछ चुनिंदा लोग."

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याचिका में कहा गया है, "महासंघ जिस निर्वाचक नामावली के मुताबिक चुनाव करवा रहा है, उसमें उसके राज्य महासंघों के कई ऐसे लोग हैं जो स्पोर्ट्स कोड में तय समय सीमा, आयु से ज्यादा समय तक अलग-अलग पदों पर बने हुए हैं."

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने कबड्डी महासंघ के चुनाव पर लगाई रोक



नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एकेएफआई) के एक सितंबर को विभिन्न पदों के लिए होने वाले चुनावों पर रोक लगा दी. अदालत ने साथ ही केंद्र और एकेएफआई को ए.सी. थांगावेल की याचिका पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

न्यायाधीश संजीव सचदेवा की एकल पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को रखी है. थंगावेल ने अपनी अपील में एकेएफआई के सात अगस्त के आदेश जिसमें चुनावों की घोषणा की गई, 16 अगस्त के आदेश जिसमें निर्वाचक नामावली जारी की गई और 17 अगस्त के आदेश जिसमें उनके द्वारा उठाई कई आपत्तियों को खारिज किया गया था, को चुनौती दी थी.

याचिका में कहा गया है कि महासंघ के ये आदेश भारत के नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड-2011 के उलट हैं. याचिका में कहा गया है, "स्पोर्ट्स कोड के मुताबिक, खेल महासंघ लोकतांत्रिक तरीके से चलना चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे इसके प्रतिनिधि चलाते हैं ना कि कोई एक व्यक्ति या कुछ चुनिंदा लोग."

याचिका में कहा गया है, "महासंघ जिस निर्वाचक नामावली के मुताबिक चुनाव करवा रहा है, उसमें उसके राज्य महासंघों के कई ऐसे लोग हैं जो स्पोर्ट्स कोड में तय समय सीमा, आयु से ज्यादा समय तक अलग-अलग पदों पर बने हुए हैं."


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Last Updated : Sep 28, 2019, 12:38 PM IST
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