नई दिल्ली: ओलंपिक स्वर्ण पदक जीत चुके भारत के भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा की नजरें 90 मीटर की बाधा पार करने पर लगी है और उनका मानना है कि ऐसा करने से उनका नाम इस खेल में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल हो जायेगा.
टोक्यो ओलंपिक में अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज का सर्वश्रेष्ठ निजी प्रदर्शन 88.07 मीटर है.
उन्होंने मीडिया से वर्चुअल बातचीत में कहा, "पदक एक बात है और दूरी अलग. 90 मीटर का थ्रो फेंकने से मेरा नाम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ भालाफेंक खिलाड़ियों में शामिल होगा."
उन्होंने कहा, "मैं इसके करीब हूं और जल्दी ही यह बाधा पार करूंगा लेकिन मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता. मुझ पर कोई दबाव नहीं है कि वहां तक नहीं पहुंचा तो गड़बड़ हो जायेगा."
चोपड़ा ने कहा, "अभी मैं दो मीटर दूर हूं. यह कम भी नहीं है लेकिन असंभव भी नहीं क्योंकि मेरा अभ्यास अच्छा है. मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता लेकिन यह ऐसी बाधा है तो मुझे इस साल पार करनी है."
उन्होंने कहा, "तकनीक में ज्यादा बदलाव की जरूरत नहीं है. मैं जो कर रहा हूं, उसी में सुधार करूंगा. दमखम और रफ्तार पर काम करना होगा तो दूरी अपने आप तय हो जायेगी."
ओलंपिक में ट्रैक और फील्ड पदक का भारत का सौ साल पुराना इंतजार खत्म करने वाले चोपड़ा ने कहा कि ओलंपिक के बाद उनका दस किलो वजन बढ गया.
उन्होंने कहा, "ओलंपिक से आने के बाद मैने वह सब कुछ खाया तो मैं खाना चाहता था. मैं बहुत समय से नियंत्रण कर रहा था । मेरा करीब 12.13 किलो वजन बढ गया."
चोपड़ा अब अमेरिका के चुला विस्टा में आफ सीजन अभ्यास कर रहे हैं और उनका वजन आफ सीजन वजन के करीब पहुंच गया है.
उन्होंने कहा, "मैं 22 दिन से अभ्यास कर रहा हूं और अब तक 5.5 किलो वजन कम कर लिया है. अब मेरा वजन आफ सीजन वजन के करीब है. शुरूआती कुछ दिन कठिन थे. शरीर में दर्द होता था और काफी मेहनत करनी पड़ती थी. मैं थक जाता था लेकिन शरीर के लिये कड़ा अभ्यास कर रहा हूं ताकि जल्दी ही भालाफेंक पर केंद्रित अभ्यास कर सकूं."
भारतीय खेलों में बेहतरी के लिये क्या बदलाव लाने होंगे, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा खेलना जरूरी है.
उन्होंने कहा, "जितना ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगे, उतना ही अच्छे खिलाड़ियों से खेलने का अनुभव मिलेगा. इससे बेहतर प्रदर्शन की प्रेरणा भी मिलेगी."