नई दिल्ली: ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने शनिवार को खुलासा किया कि वह पिछले दो सालोंमें कठिन दौर से गुजरी हैं, लेकिन राष्ट्रीय ट्रायल ने उन्हें अपना 'आत्मविश्वास' वापस लाने में मदद की. साथ ही पहलवान बर्मिंघम में 28 जुलाई से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने के लिए कड़ा अभ्यास कर रही हैं. साक्षी ने मई में राष्ट्रीय टीम में 62 किग्रा भार वर्ग में जगह बनाई थी. 29 साल की साक्षी को पांच मुकाबलों में 20 साल की सोनम मलिक को सिलेक्शन ट्रायल में हराकर यह मुकाम हासिल करना पड़ा.
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मलिक ने बताया, मैं पिछले दो साल से संघर्ष कर रही हूं और जब मैंने ट्रायल (सीडब्ल्यूजी के लिए) जीता तो मुझे उस समय बहुत राहत मिली. हां, मैंने रैंकिंग में गोल्ड जीता है. यह भी महत्वपूर्ण था लेकिन ट्रायल में जीत कुछ ऐसी थी जिसके बारे में मुझे बहुत अच्छा लगा. मलिक ने आईएएनएस को आगे बताया, मैं बता नहीं सकती कि मेरे लिए यह कितना कठिन समय था, मुकाबलों में हारने से मुझे बुरा लगता था और मैं अपनी समस्याओं के बारे में अपने पति से ही बात करती थी और वो मेरा साथ देते थे.
मैं आक्रामक लड़ाई में कभी विश्वास नहीं करती, लेकिन मुझे भी कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ा. मेरे विरोधी कही बाल पकड़ते थे तो कही उंगलियों को निशाना बनाते थे, लेकिन मेरा मानना है कि जब आप किसी खेल से प्यार करते हैं तो आपको उसका सही ढंग से पालन करना चाहिए. राष्ट्रमंडल खेलों की अपनी तैयारियों के बारे में आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा अभ्यास बहुत अच्छा चल रहा है. उन्होंने आगे बताया, मैं राष्ट्रमंडल खेलों के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं और फिलहाल मैं लखनऊ में हूं. मैं देश के लिए पदक जीतना चाहती हूं, जिससे देश को गर्व महसूस करा सकूं. मुझे हमेशा अपने देश के लोगों का समर्थन मिला है.
भारतीय महिला टीम: पूजा गहलोत (50 किग्रा), विनेश फोगाट (53 किग्रा), अंशु मलिक (57 किग्रा), साक्षी मलिक (62 किग्रा), दिव्या काकरान (68 किग्रा), पूजा सिहाग (76 किग्रा).