नई दिल्ली: पूर्व एशियाई रजत पदक विजेता मुक्केबाज सुमित सांगवान ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) की सुनवाई में यह साबित कर दिया कि उन्होंने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया था जिसके बाद उन पर लगा एक साल का डोपिंग प्रतिबंध सोमवार को हटा दिया गया.
भारतीय मुक्केबाजी संघ के एक अधिकारी ने मीडिया से कहा, 'सुमित को मामले में क्लीनचिट मिल गयी है और उन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया. उन्होंने नाडा पैनल को आश्वस्त किया कि उनके नमूने जो प्रतिबंधित पदार्थ मिला था उन्होंने अनजाने में उसका सेवन किया था.'
सांगवान को दिसंबर 2019 में प्रतिबंधित पदार्थ सेवन करने के मामले में दोषी पाया गया था. सांगवान ने कहा, 'मैं राहत महसूस कर रहा हूं. मेरे कंधे से बड़ा बोझ हट गया. मुझे पता था कि मैं गलत नहीं था. मुझे खुशी है कि मैं यह साबित कर पाया.'
सांगवान ने हालांकि पहले भी कहा था कि उन्होंने आंख के संक्रमण के लिए चिकित्सक की सलाह पर दवा ली थी.
निलंबन के कारण हालांकि लंदन ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाला यह मुक्केबाज 2020 टोक्यो ओलंपिक क्वालीफायर ट्रायल में भाग नहीं ले सका था.
सांगवान का नमूना 10 अक्टूबर को लिया गया था जिसमें डायूरेटिक्स और 'मास्किंग एजेंट' के अंश पाये गए थे, जो प्रतिबंधित है.
बता दें कि 26 साल के सांगवान 2017 एशियन चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने 2016 में विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी.
सांगवान ने 2012 लंदन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और उन्हें 2015-16 के कुलीन वर्ग के पुरुषों में सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज (81 किग्रा) से सम्मानित किया गया था.