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पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित होने के बाद Etv Bharat पर क्या बोलीं अवनी लेखरा

पैरलंपिक 2020 में देश के लिए एक गोल्ड और एक ब्रांज मेडल जीतने वाली अवनी लेखरा के नाम के साथ अब एक और उपलब्धि जुड़ गई है. 19 साल की उम्र में टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के बाद 20 साल की अवनी लेखरा सेकेंड यंगेस्ट खिलाड़ी हैं, जिन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया. हालांकि, अवनी बतौर पैरा खिलाड़ी देश की सबसे युवा खिलाड़ी हैं, जिन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है. केंद्र सरकार के इस फैसले पर ETV Bharat ने 'गोल्डेन गर्ल' से खास बातचीत की.

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Etv Bharat पर क्या बोलीं अवनी लेखरा
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Published : Jan 27, 2022, 1:06 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से पद्मश्री अवार्ड की घोषणा हो गई है. देश की सबसे युवा पैरा खिलाड़ी और दूसरी सबसे युवा खिलाड़ी जिसको पद्मश्री मिलने जा रहा है, यह गौरव अवनी ने हासिल किया है. पद्मश्री अवार्ड के लिए जयपुर की इस युवा प्रतिभा का नाम शामिल होने से जहां परिवार में जश्न का माहौल है, वहीं युवा खिलाड़ी और देश की बेटियां इसे प्रेरणा के तौर पर देख रही हैं. वहीं, ईटीवी भारत के साथ बातचीत में अवनी लेखरा ने कहा, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो कभी इस मुकाम पर पहुंचेंगी.

साल 2012 में एक सड़क हादसा को पीछे छोड़ते हुए अवनी ने राइफल को अपनी दुनिया बनाया. साल 2015 में शूटिंग की शुरुआत करने वाली अवनी ने महज 6 साल में ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और आज पूरा विश्व अवनी के हुनर को पहचानता है. पिछले दिनों देश के राष्ट्रपति ने अवनी को खेल रत्न देकर सम्मानित किया था और अब पद्मश्री की घोषणा होने के बाद अवनी ने एक बार फिर से राजस्थान का गौरव बढ़ाया है.

Etv Bharat पर क्या बोलीं अवनी लेखरा

पद्मश्री मिलने की घोषणा होने बाद अवनी ने बताया कि जब पद्म अवार्ड्स की लिस्ट में अपना नाम देखा तो उन्हें पहले यकीन नहीं हुआ. ये सम्मान मिलना गौरव की बात है और काफी अच्छा लगता है जब मेहनत को पहचान मिलती है. इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार, अपने परिजनों और शुभचिंतकों को धन्यवाद दिया. अवनी ने कहा कि बीते एक डेढ़ साल में लाइफ पूरी तरह से बदल गई है.

यह भी पढ़ें: भारतीय टीम में चयन होने पर रवि विश्नोई के घर पर जश्न का माहौल, परिजनों ने कहा...

पहले वाली अवनी और वर्तमान अवनी में बहुत से बदलाव आ चुके हैं. जब शूटिंग की शुरुआत की थी तो उस समय राइफल भी नहीं उठाई जाती थी, लेकिन अब उसी शूटिंग ने काफी मनोबल बढ़ाया है और जब इंडिया का प्रतिनिधित्व करते हैं तो उसी से हिम्मत आ जाती है. खास बात ये है कि अब देश में पैरा खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन मिल रहा है. उन्हें मोटिवेट भी किया जा रहा है, जो एक अच्छा बदलाव है. उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं सोचा था कि वो कभी इस मुकाम पर पहुंचेंगी. सोच केवल अपने खेल को 100 प्रतिशत देने की थी, लेकिन उसके रिजल्ट मिल रहे हैं. उससे काफी अच्छा लग रहा.

यह भी पढ़ें: भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान पद्मश्री चरणजीत सिंह का निधन

आखिर में युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के अवसरों की बात करते हुए अवनी ने कहा कि एक खिलाड़ी के आसपास कितना भी नकारात्मक वातावरण क्यों न हो, उस वक्त भी सपनों पर ध्यान लगाएं और उसमें अपना 100 फीसदी दें. जीवन में सफलता जरूर मिलेगी.

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से पद्मश्री अवार्ड की घोषणा हो गई है. देश की सबसे युवा पैरा खिलाड़ी और दूसरी सबसे युवा खिलाड़ी जिसको पद्मश्री मिलने जा रहा है, यह गौरव अवनी ने हासिल किया है. पद्मश्री अवार्ड के लिए जयपुर की इस युवा प्रतिभा का नाम शामिल होने से जहां परिवार में जश्न का माहौल है, वहीं युवा खिलाड़ी और देश की बेटियां इसे प्रेरणा के तौर पर देख रही हैं. वहीं, ईटीवी भारत के साथ बातचीत में अवनी लेखरा ने कहा, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो कभी इस मुकाम पर पहुंचेंगी.

साल 2012 में एक सड़क हादसा को पीछे छोड़ते हुए अवनी ने राइफल को अपनी दुनिया बनाया. साल 2015 में शूटिंग की शुरुआत करने वाली अवनी ने महज 6 साल में ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और आज पूरा विश्व अवनी के हुनर को पहचानता है. पिछले दिनों देश के राष्ट्रपति ने अवनी को खेल रत्न देकर सम्मानित किया था और अब पद्मश्री की घोषणा होने के बाद अवनी ने एक बार फिर से राजस्थान का गौरव बढ़ाया है.

Etv Bharat पर क्या बोलीं अवनी लेखरा

पद्मश्री मिलने की घोषणा होने बाद अवनी ने बताया कि जब पद्म अवार्ड्स की लिस्ट में अपना नाम देखा तो उन्हें पहले यकीन नहीं हुआ. ये सम्मान मिलना गौरव की बात है और काफी अच्छा लगता है जब मेहनत को पहचान मिलती है. इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार, अपने परिजनों और शुभचिंतकों को धन्यवाद दिया. अवनी ने कहा कि बीते एक डेढ़ साल में लाइफ पूरी तरह से बदल गई है.

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पहले वाली अवनी और वर्तमान अवनी में बहुत से बदलाव आ चुके हैं. जब शूटिंग की शुरुआत की थी तो उस समय राइफल भी नहीं उठाई जाती थी, लेकिन अब उसी शूटिंग ने काफी मनोबल बढ़ाया है और जब इंडिया का प्रतिनिधित्व करते हैं तो उसी से हिम्मत आ जाती है. खास बात ये है कि अब देश में पैरा खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन मिल रहा है. उन्हें मोटिवेट भी किया जा रहा है, जो एक अच्छा बदलाव है. उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं सोचा था कि वो कभी इस मुकाम पर पहुंचेंगी. सोच केवल अपने खेल को 100 प्रतिशत देने की थी, लेकिन उसके रिजल्ट मिल रहे हैं. उससे काफी अच्छा लग रहा.

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आखिर में युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के अवसरों की बात करते हुए अवनी ने कहा कि एक खिलाड़ी के आसपास कितना भी नकारात्मक वातावरण क्यों न हो, उस वक्त भी सपनों पर ध्यान लगाएं और उसमें अपना 100 फीसदी दें. जीवन में सफलता जरूर मिलेगी.

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