नई दिल्ली: एथलेटिक्स कोच पुरुषोत्तम राय का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया. बता दें कि उनको एक दिन बाद ही प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था.
AFI के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, "उन्होंने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के लिए पूर्वाभ्यास में भाग लिया, लेकिन बाद में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया."
![Purshottam Rai](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8599426_jgcgjfr.jpg)
पुरुषोत्तम राय 79 वर्ष के थे. राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह को 29 अगस्त को COVID-19 महामारी के कारण वर्चुअली आयोजित किया जाना है. जिसमें राय को आजीवन श्रेणी में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करना था. राय ने ओलंपियन क्वार्टरमीटर वंदना राव, हेमपैथलेट प्रमिला अयप्पा, अश्विनी नचप्पा, मुरली कुट्टन, एम के आशा, ई बी शायला, रोजा कुट्टी और जी जी प्रमिला जैसे शीर्ष एथलीटों को कोचिंग दी.
AFI के अध्यक्ष एडिले सुमिरिवाला ने कहा, "ये एक दुखद घटना है और सभी हैरान हैं. उन्होंने अपना पूरा जीवन एथलेटिक्स के लिए बिताया और उन्होंने भारतीय एथलेटिक्स में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. हम उनके दुखद निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं."
![Purshottam Rai](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8599426_hgcfhgf.png)
1974 में नेताजी इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स से डिप्लोमा हासिल करने के बाद राय ने अपने कोचिंग करियर की शुरुआत की. भारतीय एथलेटिक्स की महान पूर्व लॉंग-जम्पर अंजू बूबी जॉर्ज ने कहा, "वो एक अच्छे कोच थे, जिनके तहत कई ओलंपियन सहित कई शीर्ष भारतीय एथलीटों ने प्रशिक्षण लिया था. ये एक दुखद घटना है क्योंकि उनके निधन से ठीक एक दिन पहले उनको पुरस्कार मिलना था."
राय ने 1987 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप, 1988 एशियन ट्रैक एंड फील्ड चैंपियनशिप और 1999 एसएएफ गेम्स के लिए भारतीय टीम को भी कोचिंग दी. वो सेवा, युवा सशक्तीकरण और खेल विभाग (DYES), और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) में कोचिंग भूमिकाओं में भी शामिल थे.