हांगझोउ : भारत के प्रणव सूरमा ने हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में एथलेटिक्स प्रतियोगिता के शुरुआती दिन सोमवार को यहां पुरुषों की क्लब थ्रो एफ51 स्पर्धा में स्वर्ण जीता. इस स्पर्धा का रजत और कांस्य पदक भी भारतीय खिलाड़ियों के नाम रहा.
सूरमा ने 30.01 मीटर के प्रयास के साथ एशियाई पैरा खेलों का नया रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक जीता, जबकि धरमबीर (28.76 मीटर) और अमित कुमार (26.93 मीटर) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.
इस स्पर्धा में केवल चार प्रतियोगी थे, जिसमें सऊदी अरब के राधी अली अलार्थी 23.77 मीटर के थ्रो के साथ अंतिम स्थान पर रहे.
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🥇🥈🥉 Perfect Podium Finish for India 🇮🇳 at the #AsianParaGames! 🏆🌟
— SAI Media (@Media_SAI) October 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
India was on FIRE🔥 at the Men's Club Throw F-51 event, bringing home THREE GLORIOUS MEDALS 🇮🇳
🥇@pranavsoorma in an absolute GOLDEN moment struck GOLD with a Games Record throw of 30.01 m
🥈 Dharmabir in… pic.twitter.com/uSzoTzpdW4
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सूरमा 16 साल की उम्र में दुर्घटना का शिकार हुए थे जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई. वह इससे लकवाग्रस्त हो गए. इसके बाद पैरा खेलों में हाथ आजमाने का फैसला किया. 29 साल के इस खिलाड़ी ने 2019 बीजिंग विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री स्पर्धा में रजत पदक जीता था.
एफ51 क्लब थ्रो स्पर्धा उन एथलीटों के लिए है जिनकी कमर के आस-पास, पैर और हाथों की गतिविधि काफी हद तक प्रभावित रहती है. इसमें प्रतियोगी बैठकर प्रतिस्पर्धा करते हैं और कंधों तथा बांह के ताकत पर निर्भर रहते हैं.
पुरुषों की ऊंची कूद टी63 श्रेणी में भी भारतीय के तीन खिलाड़ी शीर्ष तीन स्थान पर रहे लेकिन एशियाई पैरालंपिक समिति (एपीसी) नियमों के तहत इस स्पर्धा में केवल स्वर्ण और रजत प्रदान किए गए,
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Double Delight for 🇮🇳 in Men's T47 High Jump at #AsianParaGames2022 #TOPSchemeAthlete @nishad_hj gives us a Golden🥇glory with a leap of 2.02m
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Meanwhile, compatriot Ram Pal & #NCOE @SAI_Gandhinagar trainee claims #Silver🥈with highest leap of 1.94m
Let's celebrate their… pic.twitter.com/KtzOMbM55A
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इस स्पर्धा में सिर्फ तीन भारतीयों ने ही चुनौती पेश की थी. एपीसी के 'माइनस वन नियम' के तहत, शैलेश कुमार ने एशियाई पैरा गेम्स में 1.82 मीटर की रिकॉर्ड छलांग के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि मरियप्पन थंगावेलु (1.80 मीटर) ने रजत पदक जीता.
एपीसी नियमों के तहत गोविंदभाई रामसिंगभाई पाधियार (1.78 मीटर) कांस्य नहीं जीत सके. तीनों पदक जीतने के लिए कम से कम चार एथलीटों का मैदान में होना जरूरी है.
थंगावेलु ने 2016 रियो पैरालंपिक में ऊंची कूद टी42 श्रेणी में स्वर्ण पदक और तोक्यो पैरालंपिक में टी63 में रजत पदक जीता था. टी63 वर्ग में एथलीट घुटने के ऊपर एक पैर में विकार के कारण कृत्रिम अंग के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं.
निषाद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद टी47 वर्ग में 2.02 मीटर के प्रयास के साथ भारत के लिए दिन का तीसरा स्वर्ण पदक जीता. इस स्पर्धा में हमवतन राम पाल ने 1.94 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता. टी47 वर्गीकरण कोहनी या कलाई के नीचे के अंग में विकार वाले खिलाड़ियों के लिए है.
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Shotput🏅for India!
— SAI Media (@Media_SAI) October 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Incredible Bronze by @GhangasMonu🥉in Men's Shotput F11 event at the #AsianParaGames🇮🇳
His extraordinary Season's Best throw of 12.33 m inspires us all!
Way to go Champ💪👏#HangzhouAPG2022#Cheer4India #Praise4Para#HallaBol#JeetegaBharat 🇮🇳 pic.twitter.com/m1hXLrq28Z
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मोनू घनगास ने पुरुषों की गोला फेंक एफ11 स्पर्धा में 12.33 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता. महिलाओं की कैनो वीएल2 स्पर्धा में प्राची यादव ने 1:03.147 के समय के साथ रजत पदक हासिल किया.