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Asian Games 2023 Gold Medalist Rhythm Sangwan Interview: एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली रिदम सांगवान पढ़ाई में भी हैं नंबर वन, बोली- मां नहीं खेल पाईं तो मुझे खिलाड़ी बनाया

Asian Games 2023 Gold Medalist Rhythm Sangwan Interview चीन में गोल्ड मेडल जीतने वाली रिदम सांगवान को उनकी मां ने खिलाड़ी बनाया. अपनी सफलता का श्रेय वो मां को देती हैं. उन्होंने एशियन गेम्स में 25 मीटर एयर फायर पिस्टल ग्रुप में गोल्ड मेडल जीता है. फरीदाबाद की रहने वाली रिदम सांगवान ने अपनी तैयारियों को लेकर ई-टीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने अपनी जीवन, परिवार और पढ़ाई के बारे में भी बताया. (Gold medalist in 25 meter air fire pistol group Rhythm Sangwan Faridabad)

Faridabad Rhythm Sangwan Gold medalist
एशियन गेम्स में शूटिंग में गोल्ड मेडलिस्ट रिदम सांगवान
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 5, 2023, 2:42 PM IST

Updated : Oct 5, 2023, 6:07 PM IST

एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली रिदम सांगवान से ई-टीवी भारत की खास बातचीत सुनिए..

फरीदाबाद: चीन में एशियन गेम्स में 25 मीटर एयर फायर पिस्टल ग्रुप में रिदम सांगवान, मनु भाकर और ईशा सिंह की टीम ने देश को गोल्ड मेडल दिलाया.अब ये खिलाड़ी अपने घर लौट आए हैं. फरीदाबाद की बेटी रिदम सांगवान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उनका कहना था कि इंटरनेशनल स्टेज पर देश का नाम रोशन करके बहुत खुशी महसूस हो रही है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों का सम्मान सरकार को करना चाहिए. खिलाड़ी बहुत मेहनत करते हैं. अपनी मां को जीत का श्रेय देते हुए उन्होंने बताया कि मां ने ही मुझे खिलाड़ी बनाया है.

मैच के समय क्या महसूस कर रहीं थी रिदम ? : फरीदाबाद की गोल्डन बेटी रिदम सांगवान ने बताया ' जब हम लोग यहां से गए तो मन में अपना बेस्ट देना के बारे में सोचा था.निशाना लगाते समय भी अपना बेस्ट देने की बात दिमाग में थी. इसी वजह से टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया. मैच होने के करीब एक घंटे बाद हमको पता चला कि गोल्ड जीता है.' उन्होंने आगे बताया कि परिवार और देश का नाम रोशन करके खुशी हुई. पूरी टीम ने बेहतर काम किया.

Faridabad Rhythm Sangwan Gold medalist
एशियन गेम्स में 25 मीटर एयर फायर पिस्टल ग्रुप में देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाली फरीदाबाद की रिदम सांगवान.

कैसे शूटिंग का खेल चुना ?: रिदम सांगवान अब तक देश के लिए 28 इंटरनेशनल मेडल और करीब 30 नेशनल मेडल जीत चुकी हैं. वहीं, रिदम ने बताया, 'पापा हरियाणा पुलिस में डीएसपी के पद पर हैं. गन और बारूद के आसपास पली हुई हूं. गन का बड़ा शौक था. फिर जब शूटिंग रेंज गई तो वहां पर भी बहुत अच्छा लगा. इसके बाद मैंंने गेम शुरू कर दिया. हालांकि पहली बार जब गन पकड़ी थी, तब बहुत भारी लग रही थी. ' रिदम ने कम समय में शूटिंग में अच्छी पकड़ भी बना ली. वो अब तक दो रिकार्ड ब्रेक कर चुकी हैं. इसके बारे में वे बताती हैं कि बाकू में सीनियर शूटिंग चैंपियनशिप में 29 साल का रिकॉर्ड ब्रेक किया. जूनियर कैटेगरी में 32 साल का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी ब्रेक किया है. ये दोनों रिकॉर्ड उनके नाम हैं. उनका कहना है कि अगर दिन में 2 घंटे भी मेहनत की जाए तो गेम अच्छा हो जाता है. सफलता मिलती है. खेल में 6- 7 साल तक मेहनत करनी पड़ती है.

ये भी पढ़ें: Asian Games 2023: निशानेबाज रिदम सांगवान ने गोल्ड जीतकर मां का सपना किया साकार, डीएसपी पिता की पिस्टल देख बनाया था शूटिंग में जाने का मन

रिदम को मां ने बनाया खिलाड़ी: रिदम सांगवान बताती हैं 'मेरी मां भी स्कूल टाइम में अच्छी प्लेयर रहीं. हालांकि वे आगे खेल नहीं सकीं. उन्होंने अपनी कमी मुझ में पूरी की और मुझे अच्छा खिलाड़ी बना दिया. अब गोल्ड जीतकर मैंने उनका सपना पूरा कर दिया है. गोल्ड मेडल जीतने पर मां काफी खुश हैं.' रिदम अपनी पढ़ाई पर भी बहुत ध्यान देती हैं. वे बोर्ड परीक्षा को याद करते हुए बताती हैं कि 12 वीं की परीक्षा के समय मां ने कहा था कि इतने नंबर ले आना कि केवल पास हो जाओ. लेकिन परीक्षा में उन्होंने मेहनत की और 95 फीसदी से पास हुईं. उनका कहना है कि वे पढ़ाई और खेल दोनों में सामंजस्य बनाकर चलती हैं.

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अपनी मां के साथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली रिदम सांगवान.

योग्यता के अनुसार मिले हक: हरियाणा में खिलाड़ियों के योगदान और सरकारी मदद के बारे में रिदम का मानना है कि सरकार को खिलाड़ियों की मदद करनी चाहिए.खिलाड़ी बड़ी मेहनत से देश को मेडल दिलाते हैं. इंटरनेशनल स्तर पर देश का नाम रोशन करते हैं. ऐसे में, जो वे डिजर्व करते हैं .जो हक का है. वो उनको मिलना चाहिए. खिलाड़ियों की फाइनेंशली स्थिति हमेशा ठीक नहीं रहती है.वे स्ट्रांग नहीं हो पाते हैं तो उनके लिए महत्वपूर्ण है कि सरकार उनको मदद करे.

Faridabad Rhythm Sangwan Gold medalist
एशियन गेम्स में जीता रिदम सांगवान का गोल्ड मेडल

ओलंपिक में मेडल लाना सपना: रिदम ने बताया 'इसी महीने कोरिया में एशियन शूटिंग चैंपियनशिप है. उसको लेकर तैयारी कर रही हूं. गोल्ड लाना मेरा लक्ष्य है. ओलंपिक में देश को गोल्ड मेडल दिलाना मेरा टारगेट है. ' वैसे रिदम सांगवान ने 2015 में शूटिंग करना शुरू किया था. इसके बाद वे लगातार आगे बढ़ती गईं.

Faridabad Rhythm Sangwan Gold medalist
अपने परिवार के साथ रिदम सांगवान.

ये भी पढ़ें: Asian Games 2023:एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों का 'गोल्ड गुरुकुल' है कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, यहां के कई खिलाड़ियों ने जीते गोल्ड, शूटिंग रेंज की कई हैं खासियत

एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली रिदम सांगवान से ई-टीवी भारत की खास बातचीत सुनिए..

फरीदाबाद: चीन में एशियन गेम्स में 25 मीटर एयर फायर पिस्टल ग्रुप में रिदम सांगवान, मनु भाकर और ईशा सिंह की टीम ने देश को गोल्ड मेडल दिलाया.अब ये खिलाड़ी अपने घर लौट आए हैं. फरीदाबाद की बेटी रिदम सांगवान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उनका कहना था कि इंटरनेशनल स्टेज पर देश का नाम रोशन करके बहुत खुशी महसूस हो रही है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों का सम्मान सरकार को करना चाहिए. खिलाड़ी बहुत मेहनत करते हैं. अपनी मां को जीत का श्रेय देते हुए उन्होंने बताया कि मां ने ही मुझे खिलाड़ी बनाया है.

मैच के समय क्या महसूस कर रहीं थी रिदम ? : फरीदाबाद की गोल्डन बेटी रिदम सांगवान ने बताया ' जब हम लोग यहां से गए तो मन में अपना बेस्ट देना के बारे में सोचा था.निशाना लगाते समय भी अपना बेस्ट देने की बात दिमाग में थी. इसी वजह से टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया. मैच होने के करीब एक घंटे बाद हमको पता चला कि गोल्ड जीता है.' उन्होंने आगे बताया कि परिवार और देश का नाम रोशन करके खुशी हुई. पूरी टीम ने बेहतर काम किया.

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एशियन गेम्स में 25 मीटर एयर फायर पिस्टल ग्रुप में देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाली फरीदाबाद की रिदम सांगवान.

कैसे शूटिंग का खेल चुना ?: रिदम सांगवान अब तक देश के लिए 28 इंटरनेशनल मेडल और करीब 30 नेशनल मेडल जीत चुकी हैं. वहीं, रिदम ने बताया, 'पापा हरियाणा पुलिस में डीएसपी के पद पर हैं. गन और बारूद के आसपास पली हुई हूं. गन का बड़ा शौक था. फिर जब शूटिंग रेंज गई तो वहां पर भी बहुत अच्छा लगा. इसके बाद मैंंने गेम शुरू कर दिया. हालांकि पहली बार जब गन पकड़ी थी, तब बहुत भारी लग रही थी. ' रिदम ने कम समय में शूटिंग में अच्छी पकड़ भी बना ली. वो अब तक दो रिकार्ड ब्रेक कर चुकी हैं. इसके बारे में वे बताती हैं कि बाकू में सीनियर शूटिंग चैंपियनशिप में 29 साल का रिकॉर्ड ब्रेक किया. जूनियर कैटेगरी में 32 साल का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी ब्रेक किया है. ये दोनों रिकॉर्ड उनके नाम हैं. उनका कहना है कि अगर दिन में 2 घंटे भी मेहनत की जाए तो गेम अच्छा हो जाता है. सफलता मिलती है. खेल में 6- 7 साल तक मेहनत करनी पड़ती है.

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रिदम को मां ने बनाया खिलाड़ी: रिदम सांगवान बताती हैं 'मेरी मां भी स्कूल टाइम में अच्छी प्लेयर रहीं. हालांकि वे आगे खेल नहीं सकीं. उन्होंने अपनी कमी मुझ में पूरी की और मुझे अच्छा खिलाड़ी बना दिया. अब गोल्ड जीतकर मैंने उनका सपना पूरा कर दिया है. गोल्ड मेडल जीतने पर मां काफी खुश हैं.' रिदम अपनी पढ़ाई पर भी बहुत ध्यान देती हैं. वे बोर्ड परीक्षा को याद करते हुए बताती हैं कि 12 वीं की परीक्षा के समय मां ने कहा था कि इतने नंबर ले आना कि केवल पास हो जाओ. लेकिन परीक्षा में उन्होंने मेहनत की और 95 फीसदी से पास हुईं. उनका कहना है कि वे पढ़ाई और खेल दोनों में सामंजस्य बनाकर चलती हैं.

Faridabad Rhythm Sangwan Gold medalist
अपनी मां के साथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली रिदम सांगवान.

योग्यता के अनुसार मिले हक: हरियाणा में खिलाड़ियों के योगदान और सरकारी मदद के बारे में रिदम का मानना है कि सरकार को खिलाड़ियों की मदद करनी चाहिए.खिलाड़ी बड़ी मेहनत से देश को मेडल दिलाते हैं. इंटरनेशनल स्तर पर देश का नाम रोशन करते हैं. ऐसे में, जो वे डिजर्व करते हैं .जो हक का है. वो उनको मिलना चाहिए. खिलाड़ियों की फाइनेंशली स्थिति हमेशा ठीक नहीं रहती है.वे स्ट्रांग नहीं हो पाते हैं तो उनके लिए महत्वपूर्ण है कि सरकार उनको मदद करे.

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एशियन गेम्स में जीता रिदम सांगवान का गोल्ड मेडल

ओलंपिक में मेडल लाना सपना: रिदम ने बताया 'इसी महीने कोरिया में एशियन शूटिंग चैंपियनशिप है. उसको लेकर तैयारी कर रही हूं. गोल्ड लाना मेरा लक्ष्य है. ओलंपिक में देश को गोल्ड मेडल दिलाना मेरा टारगेट है. ' वैसे रिदम सांगवान ने 2015 में शूटिंग करना शुरू किया था. इसके बाद वे लगातार आगे बढ़ती गईं.

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अपने परिवार के साथ रिदम सांगवान.

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Last Updated : Oct 5, 2023, 6:07 PM IST
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