नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के कार्यकारी परिषद के एक सदस्य ने अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा से अनुरोध किया है कि वे संघ के कानूनी समिति के चेयरमैन आरके आनंद को कानूनी मामले अपने हाथ में लेने को कहें. आईओए के अधिकारी भोलानाथ सिंह ने बत्रा से ये अनुरोध दिल्ली उच्च न्यायालय के उस निर्देश के बाद किया है, जिसके आदेश पर खेल मंत्रालय ने 57 राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को दी गई वार्षिक मान्यता वापस ले ली थी.
भोलानाथ ने बत्रा को लिखे अपने पत्र में कहा,"आप से अनुरोध करता हूं कि आप संघ के कानूनी समिति के चेयरमैन आरके आनंद को कानूनी मामले अपने हाथ में लेने को कहें."
उन्होंने कहा,"मैं समझ सकता हूं कि माननीय न्यायालय ने 57 एनएसएफ को आज अपनी मान्यता नहीं दी और इसकी अगली सुनवाई अगस्त में होगी. एथलेटिक्स, हॉकी, भारोत्तोलन में टोक्यो ओलंपिक के लिए तैयारी हो रही है, जोकि अब रूक जाएगी. ट्रेनिंग का रूकना, एथलीटों के लिए बहुत बुरा है."
सिंह ने आरोप लगाया कि आईओए के महासचिव राजीव मेहता और उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल अपने निहित स्वार्थों के लिए कानूनी प्रयासों को तोड़मोड़ रहे हैं.
अधिकारी ने कहा,"आईओए के कानूनी मामलों को देखने वाले महासचिव राजीव मेहता को कानून के बारे में कुछ भी नहीं पता है और यही कारण है कि आईओए को ज्यादातर मामलों में हार या समझौता करना पड़ता है और कभी-कभी मामला फिक्स भी होता है."
दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर खेल मंत्रालय ने 54 राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को दी गई वार्षिक मान्यता गुरुवार को वापस ले ली थी.
बुधवार को मंत्रालय को आदेश दिया था कि वो अस्थायी मान्यता को वापस ले जो उसने 11 मई को 54 एनएसएफ को दी थी. अदालत ने साथ ही कहा था कि मंत्रालय ने उसके सात फरवरी के आदेश का पालन नहीं किया.