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मुझे सिर्फ एक अवॉर्ड जीतना है, वो है ओलंपिक गोल्ड : अमित पंघाल

अमित पंघाल ने कहा है कि उनका मानना ये है कि ओलंपिक गोल्ड ही वो अवॉर्ड है जो वे अपने देश, अपनी सेना और अपने बॉक्सिंग फेडरेशन की झोली में डाल सकते हैं क्योंकि इन्होंने मुझे सभी साधन, तैयारियां और लक्ष्य दिया है.

अमित पंघाल
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Published : Jun 4, 2020, 2:13 PM IST

Updated : Jun 5, 2020, 1:17 PM IST

हैदराबाद : भारतीय मुक्केबाजी संघ ने सोमवार को वर्ल्ड चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित पंघाल को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित किया था जिसके बाद पंघाल ने कहा है कि वे अवॉर्ड से ज्यादा अपने खेल और प्रदर्शन को प्राथमिकता देते हैं.

अमित पंघाल
अमित पंघाल

गौरतलब है कि अवॉर्ड को लेकर उनके नाम की चर्चा लगातार जारी है, इस बात को लेकर पंघाल ने कहा, "कुछ दिनों से मैं भी देख रहा हूं कि खेल अवॉर्ड्स को लेकर काफी कुछ लिखा जा रहा है. साथ ही ये लाजमी है कि मैं खिलाड़ी हूं तो मेरी भी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की जाएगी. मैं एक साधारण भारतीय सेना का जवान हूं और देश का खिलाड़ी हूं और काफी लगन से खेलता हूं. मैंने पहले भी काफी बार कहा था कि अवॉर्ड्स मेरे लिए ज्यादा मायने नहीं रखते लेकिन प्रदर्शन और खेल मायने रखते हैं. मेरे लिए केवल एक अवॉर्ड मायने रखता है, वो है कि भारत की सेना और मेरे सैनिक भाई मुझ पर गर्व करें और सेना ने मुझे परम विशिष्ट सेवा पदक दे कर बता दिया कि हम सब साथ साथ हैं."

पंघाल पर साल 2012 में प्रतिबंधित दवा लेने का आरोप लगा था, इस पर उन्होंने कहा, "जब मैं बच्चा था और एक गांव में रह कर 100 गज के प्लॉट में प्रैक्टिस करता था, तब बीमारी के चलते एक डॉक्टर ने दवा लिखी और मैंने खा ली थी. अब एक बच्चा जिसके पास कोई साधन नहीं है, कैसे ये पता करेगा कि क्या सही है और क्या गलत है. जब सबने कहा कि वो मेरी गलती थी तो मैंने मान भी ली थी मगर कुछ समय बाद जब मैं नहीं खेल सकता था, तो कोई साथ देने वाला नहीं था. तब मेरे कोच अनिल धनखड़ ने जैसे मुझे संभाला और मेरे ऊपर महनत की और आज मैं जो कुछ भी वो उनसी मेहनत का ही नतीजा है. उनका योगदान मैं कभी भी नहीं भूल सकता."

अमित पंघाल
अमित पंघाल

उस बुरे वक्त के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "शायद वो बुरा दौर मैंने ना देखा होता या वो तकलीफ मेरे दिल में ना हुई होती तो मैं ऐसा बॉक्सर नहीं होता जैसा मैं आज हूं."

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये बातें कही जा रही हैं कि हो सकता है कि इस बार उनको अवॉर्ड न मिले. इस पर पंघाल ने कहा, "मेरा मानना है कि ओलंपिक गोल्ड ही वो अवॉर्ड है जो मैं अपने देश, अपनी सेना और अपने बॉक्सिंग फेडरेशन की झोली में डाल सकता हूं क्योंकि इन्होंने मुझे साधन, तैयारियां और लक्ष्य दिया है."

हैदराबाद : भारतीय मुक्केबाजी संघ ने सोमवार को वर्ल्ड चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित पंघाल को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित किया था जिसके बाद पंघाल ने कहा है कि वे अवॉर्ड से ज्यादा अपने खेल और प्रदर्शन को प्राथमिकता देते हैं.

अमित पंघाल
अमित पंघाल

गौरतलब है कि अवॉर्ड को लेकर उनके नाम की चर्चा लगातार जारी है, इस बात को लेकर पंघाल ने कहा, "कुछ दिनों से मैं भी देख रहा हूं कि खेल अवॉर्ड्स को लेकर काफी कुछ लिखा जा रहा है. साथ ही ये लाजमी है कि मैं खिलाड़ी हूं तो मेरी भी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की जाएगी. मैं एक साधारण भारतीय सेना का जवान हूं और देश का खिलाड़ी हूं और काफी लगन से खेलता हूं. मैंने पहले भी काफी बार कहा था कि अवॉर्ड्स मेरे लिए ज्यादा मायने नहीं रखते लेकिन प्रदर्शन और खेल मायने रखते हैं. मेरे लिए केवल एक अवॉर्ड मायने रखता है, वो है कि भारत की सेना और मेरे सैनिक भाई मुझ पर गर्व करें और सेना ने मुझे परम विशिष्ट सेवा पदक दे कर बता दिया कि हम सब साथ साथ हैं."

पंघाल पर साल 2012 में प्रतिबंधित दवा लेने का आरोप लगा था, इस पर उन्होंने कहा, "जब मैं बच्चा था और एक गांव में रह कर 100 गज के प्लॉट में प्रैक्टिस करता था, तब बीमारी के चलते एक डॉक्टर ने दवा लिखी और मैंने खा ली थी. अब एक बच्चा जिसके पास कोई साधन नहीं है, कैसे ये पता करेगा कि क्या सही है और क्या गलत है. जब सबने कहा कि वो मेरी गलती थी तो मैंने मान भी ली थी मगर कुछ समय बाद जब मैं नहीं खेल सकता था, तो कोई साथ देने वाला नहीं था. तब मेरे कोच अनिल धनखड़ ने जैसे मुझे संभाला और मेरे ऊपर महनत की और आज मैं जो कुछ भी वो उनसी मेहनत का ही नतीजा है. उनका योगदान मैं कभी भी नहीं भूल सकता."

अमित पंघाल
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उस बुरे वक्त के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "शायद वो बुरा दौर मैंने ना देखा होता या वो तकलीफ मेरे दिल में ना हुई होती तो मैं ऐसा बॉक्सर नहीं होता जैसा मैं आज हूं."

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये बातें कही जा रही हैं कि हो सकता है कि इस बार उनको अवॉर्ड न मिले. इस पर पंघाल ने कहा, "मेरा मानना है कि ओलंपिक गोल्ड ही वो अवॉर्ड है जो मैं अपने देश, अपनी सेना और अपने बॉक्सिंग फेडरेशन की झोली में डाल सकता हूं क्योंकि इन्होंने मुझे साधन, तैयारियां और लक्ष्य दिया है."

Last Updated : Jun 5, 2020, 1:17 PM IST
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