हैदराबाद: शतरंज ओलंपियाड के इतिहास में पहली बार, भारत और रूस को संयुक्त चैंपियन घोषित किया गया है. इसका मतलब है कि दोनों टीमें स्वर्ण पदक साझा करेंगी. टूर्नामेंट के 96 साल के इतिहास में, ये भारत का पहला स्वर्ण पदक है, भले ही वो इसे रूस के साथ साझा करें.
विशेष रूप से, रूस ने शतरंज ओलंपियाड का स्वर्ण 25 बार जीता, ये किसी भी देश द्वारा सबसे अधिक है. 1952 से 1974 तक सोवियत संघ ने लगातार 12 बार रिकॉर्ड ओलंपियाड जीता. बाद में रूस ने 1992 से 2002 तक इसे छह बार जीता, ये भी एक विश्व रिकॉर्ड है. वो इस रिकॉर्ड को यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के साथ साझा करते हैं जिन्होंने इसे छह बार जीता है.
हालांकि, ये 18 साल में रूस का पहला शतरंज ओलंपियाड गोल्ड है. 2020 के स्वर्ण से पहले, टूर्नामेंट में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2014 में कांस्य पदक था. इस साल ऑनलाइन कार्यक्रम में 160 से अधिक देशों के टीमों ने भाग लिया था, जो जुलाई में शुरू हुआ था.
शतरंज ओलंपियाड क्या है?
शतरंज ओलंपियाड दो साल में एक बार होने वाला शतरंज टूर्नामेंट है जिसमें विश्व के देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली टीमें प्रतिस्पर्धा करती हैं. इस टूर्नामेंट का आयोजन FIDE करता है और मेजबान राष्ट्र का चयन करता है. COVID-19 महामारी के बीच, FIDE ने पहली बार ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड का आयोजन किया, जिसमें खिलाड़ियों की ऑनलाइन रेटिंग प्रभावित हुई.
इस टूर्नामेंट का क्या महत्व है?
शतरंज ओलंपियाड का आयोजन वर्ल्ड शतरंज फेडरेशन (FIDE) द्वारा किया जाता है. इस साल का आयोजन टूर्नामेंट का 43वां संस्करण है. टूर्नामेंट के मूल और इतिहास का पता 1924 के पेरिस ओलंपिक खेलों से लगाया जा सकता है. शतरंज शुरू में पेरिस ओलंपिक का हिस्सा था, लेकिन पेशेवर और एमेच्यूर शतरंज खिलाड़ियों के बीच कुछ अंतर पैदा होने के कारण खेल को ओलंपिक से हटा दिया गया था. जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भी इस खेल को ओलंपिक से हटाने की मंजूरी दे दी. जिसके बाद एक अनौपचारिक शतरंज ओलंपियाड का आयोजन किया गया. 20 जुलाई, 1924 को पहली अनौपचारिक शतरंज ओलंपियाड के समापन पर, FIDE का गठन किया गया था.
1927 में, FIDE ने लंदन में पहला आधिकारिक शतरंज ओलंपियाड आयोजित किया. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसके आयोजन में थोड़ी समस्या हुई थी, लेकिन 1950 के बाद से टूर्नामेंट को नियमित रूप से हर दो साल में आयोजित किया गया है.
कौन हो सकता है इस टूर्नामेंट का हिस्सा?
प्रत्येक FIDE संबद्ध राष्ट्रीय शतरंज संघ ओलंपियाड में एक टीम भेज सकता है. प्रत्येक टीम में अधिकतम पांच खिलाड़ी, चार नियमित खिलाड़ी और एक रिजर्व शामिल हो सकते हैं.
स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य कौन हैं?
भारत ने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता, शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद ने अपने करियर में बड़ा मुकाम हासिल किया है. अपने 32-वर्षीय शानदार भारतीय ग्रैंडमास्टर ने लगभग सब कुछ जीत लिया है, लेकिन शतरंज ओलंपियाड का स्वर्ण उनके लिए अभी भी एक दूर का सपना था. इसलिए, रविवार को उनका ये सपना सच हुआ. इस टीम में विदित गुजराती (कप्तान), कोनेरू हम्पी, द्रोणावल्ली हरिका, निहाल सरीन और दिव्या देशमुख स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के अन्य सदस्य थे.
भारतीय टीम की जीत में चमकने वाले सभी सदस्य कौन हैं?
कैप्टन विदित गुजराती (25) ने 2013 में ग्रैंड मास्टर की उपाधि प्राप्त की, जबकि 29 वर्षीय द्रोणावल्ली हरिका को 2011 में ग्रैंड मास्टर का खिताब दिया गया था. दिव्या देशमुख, वुमन इंटरनेशनल मास्टर, टीम की सबसे कम उम्र की सदस्य हैं. बता दें कि दिव्या देशमुख और निहाल सरीन तब एक्शन में थे जब उनका इंटरनेट कनेक्शन क्रैश हो गया था. प्रतियोगिताओं में अपने अच्छे स्टैंड के कारण, FIDE ने भारत को रूस के साथ संयुक्त चैंपियन घोषित किया.
टीम के सबसे वरिष्ठ सदस्य होने के नाते विश्वनाथन आनंद और कोनेरू हंपी ने अपनी भूमिकाएं पूरी तरह से निभाईं और टीम को स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रदर्शन के लिए निर्देशित किया.
क्या था विवाद? और भारत संयुक्त विजेता कैसे बने?
रविवार को FIDE ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड में ट्रॉफी साझा करने के परिणामस्वरूप भारत और रूस में सर्वर आउटेज हो गया. निहाल और दिव्या ने फाइनल राउंड के दौरान अपना इंटरनेट कनेक्शन खो दिया. भारत ने अपने दो खिलाड़ियों के कनेक्शन खो देने पर अपील की. अधिकारियों ने कहा कि ये "अभूतपूर्व हालात" थे. FIDE ने एक सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए दोनो टीमों को स्वर्ण पदक देने का फैसला किया.
शुक्रवार को आर्मेनिया ने आरोप लगाया कि उनके एक खिलाड़ी को भारत के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान सर्वर से जुड़ने में दिक्कत का सामना करना पड़ा और समय की कमी कारण वो चैंपियनशिप से हटा दिए गए जिसपर FIDE ने उनकी अपील खारिज कर दी और अर्मेनिया इसके विरोध में प्रतियोगिता से हट गया.
इस जीत के बाद विश्वनाथन आनंद ने कहा, "FIDE ऑनलाइन ओलंपियाड में स्वर्ण जीतने वाले भारत के खेल और खिलाड़ियों पर केंद्र सरकार की नजर का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा."
कोनेरू हम्पी ने कहा, "यह जीत बहुत सारे छोटे बच्चों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाली साबित होगी, जो पेशे के रूप में शतरंज लेना चाहते हैं."
द्रोणावल्ली हरिका ने कहा, "मुझे यकीन है कि ये जीत हमारे खिलाड़ियों, खासकर युवा प्रतिभाओं के लिए बहुत मायने रखेगी."