नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) की शुक्रवार को होने वाली वार्षिक आम सभा की बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा. पहचान संख्या के बिना कोई भी निशानेबाज किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकता, क्योंकि प्रवेश शुल्क और मैच विवरण के साथ-साथ घरेलू प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करने के लिए राज्य से लेकर राष्ट्रीय तक यह अनिवार्य है.
गैर अधिकृत प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा न करने की चेतावनी जारी करने के बावजूद इन निशानेबाजों ने प्रतियोगिताओं में भाग लिया. एनआरएआई सचिव राजीव भाटिया ने आईएएनएस से कहा, "शासकीय निकाय तय करेगा कि क्या कार्रवाई की जानी चाहिए."
जो निशानेबाज इनमें शामिल हैं, उनमें दिल्ली से दो निशानेबाज हैं और अब गाजियाबाद के पास सोमवार से शुरू होने वाली दिल्ली स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में इन निशानेबाजों को प्रवेश देने से मना किया जा सकता है.
दिल्ली राज्य राइफल एसोसिएशन (डीएसआरए) ने दिल्ली में भागीदारी के लिए उनके आई कार्ड ब्लॉक होने का हवाला देते हुए प्रतियोगिता के लिए उनके प्रवेश के अनुरोध को ठुकरा दिया है.
डीएसआरए के सचिव राजीव शर्मा ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "एनआरएआई सहमति के बिना हम उन्हें प्रवेश नहीं दे सकते. भले ही एक अनुकूल निर्णय हो, हमें ये देखना होगा कि क्या सिस्टम उनकी एंट्री को स्वीकार करेगा क्योंकि सब कुछ ऑनलाइन है और मैन्युअल प्रविष्टियों के लिए कोई प्रक्रिया नहीं है."
राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाजों के अलावा कुछ ऐसे भी निशानेबाज हैं, जो टोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुके हैं. इनमें संजीव राजपूत और 10 मीटर एयर पिस्टल शूटर मनु भाकेर शामिल हैं, जिन्होंने ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में भाग लिया था. कुछ और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज भी इसमें शामिल हो सकते हैं.
एनआरएआई को निशानेबाजों की अनधिकृत भागीदारी के बारे में पता चलने के बाद, उसने चेतावनी जारी कर कहा कि निशानेबाज गैर अधिकृत ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते थे। लेकिन जाहिर तौर पर कुछ निशानेबाजों ने चेतावनी के बाद भी इसमें भाग लिया.
दूसरी तरफ, कुछ निशानेबाजों ने माफी मांगी है लेकिन एनआरएआई ने उन्हें अभी माफ नहीं किया है.