नई दिल्ली: ओलंपिक खेलों के लिए प्रबल दावेदारों में शामिल दो एथलीट पिछले महीने पटियाला में हुई इंडियन ग्रां प्री (IGP) में कराए गए डोप परीक्षण में फेल हो गए. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने शनिवार को इसका खुलासा किया.
माना जा रहा है कि इनमें से एक एथलीट महिला टीम की सदस्य है जिसने 4x400 मीटर रिले स्पर्धा में कई स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं और उसे टोक्यो जाने वाली टीम का हिस्सा बनना था. हालांकि न तो नाडा ने और न ही भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) ने किसी नाम का खुलासा किया है.
अग्रवाल ने शनिवार को एक मीडिया हाउस को बताया, "मैं नामों के बारे में टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन हमने पटियाला में ग्रां प्री के दौरान नमूने लिए थे. दो मामले पॉजिटिव आए हैं लेकिन मैं इससे आगे कुछ नहीं बता सकता."
उन्होंने कहा, "ये ओलंपिक वर्ष है तो हमारा ध्यान पूरी तरह से कोर ओलंपिक संभावित एथलीटों पर ही है जिनका नियमित रूप से परीक्षण किया जाएगा. इस साल हम सीनियर राष्ट्रीय स्तर से नीचे किसी का परीक्षण नहीं करेंगे."
परीक्षण में जो प्रतिबंधित पदार्थ मिला है, वो 'एनर्जी बूस्टर' मिथाइलहेक्सान-2-अमाइन है जो विश्व डोपिंग एजेंसी की 2021 की प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल है.
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अभी तक इस एथलीट पर अस्थायी निलंबन नहीं लगाया गया है लेकिन बताया गया है कि उसे और दूसरे एथलीट को नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल के सामने प्रस्तुत होना होगा और साबित करना होगा कि प्रतिबंधित पदार्थ अनजाने में लिया गया था.
इसकी सजा दो से चार साल के प्रतिबंध के बीच हो सकती है लेकिन एथलीट के पास डोपिंग रोधी पैनल से निलंबन हटाने की मांग करने का मौका होगा.