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ओलम्पिक स्थगित होने का मतलब हॉकी खिलाड़ियों के लिए रिसैट बटन दबाना : कोच रीड - National Camp

भारतीय कोच ग्राहम रीड ने कहा है कि मेरी कोशिश है कि हमारे खिलाड़ियों का फोकस सिर्फ ओलम्पिक पर बना रहे और वो अपने खेल को शीर्ष स्तर ले जा सकें.

कोच रीड
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Published : Sep 4, 2020, 9:33 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कोच ग्राहम रीड ने कहा है कि उनकी टीम के खिलाड़ी कोविड-19 के कारण लगी पाबंदियों के बीच अपनी लय हासिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

खिलाड़ियों ने फरवरी से कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है. मार्च के मध्य से ट्रेनिंग भी बंद है. रीड हालांकि इन सभी के बीच सकारात्मक पहलू देख रहे हैं.

कोच ग्राहम रीड
कोच ग्राहम रीड

रीड ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के बेंगलुरू केंद्र से कहा, "राष्ट्रीय शिविर की शुरुआत करने की अच्छी बात ये है कि ओलम्पिक 11 महीने बाद है. इसने टीम के खिलाड़ियों के रिसैट बटन को दबा दिया है. जिन खिलाड़ियों को मौका नहीं मिला, ये उनके लिए मौका है. ये हर किसी के लिए साफ है और ये अपने आप में प्ररेणा देने वाली चीज है."

उन्होंने कहा, "एक विचार ये है कि अगर खिलाड़ी तीन महीने शीर्ष स्तर से बाहर रहते हैं तो उन्हें लय में आने में तीन महीने ही लगेंगे. इसलिए समय को देखें तो मैं सोच रहा हूं कि तीन महीने इन खिलाड़ियों को वहां आने में लगेंगे जहां ये लोग थे."

पुरुष टीम लॉकडाउन से पहले अच्छी स्थिति में थी. टीम ने एफआईएच प्रो लीग में शानदार प्रदर्शन किया था.

रीड ने कहा, "मार्च के वो दो सप्ताह शानदार थे. ओलम्पिक उस समय इसी साल होने थे, जहां दूसरी टीमें ट्रेनिंग नहीं कर पा रही थीं हम ट्रेनिंग कर रहे थे."

भारतीय पुरुष हॉकी टीम
भारतीय पुरुष हॉकी टीम

टोक्यो ओलम्पिक इस साल 24 जुलाई से होने थे, लेकिन कोविड-19 के कारण इन्हें एक साल के लिए टाल दिया गया है. अब ये खेल 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच खेले जाएंगे.

मार्च के मध्य से पूरे देश में लॉकडाउन था. उससे पहले टीम राष्ट्रीय शिविर के लिए बेंगलुरू में थी लेकिन लॉकडाउन के कारण टीम को वहां रुकना पड़ा था. जून के मध्य में खिलाड़ी अपने-अपने घर जा सके थे और फिर अगस्त में राष्ट्रीय शिविर के लिए वापस लौटे थे.

रीड ने कहा कि उनकी कोशिश खिलाड़ियों का फोकस ओलम्पिक पर बनाए रखने और उनके खेल को शीर्ष पर पहुंचाने की है.

रीड ने कहा, "ये थोड़ा मुश्किल और अलग है. हमें उम्मीद है कि इस कैम्प के बाद हम होलैंड जा सकेंगे, लेकिन जैसे-जैसे समय करीब आता जा रहा है इसकी संभावना कम लग रही है."

टीम के साथ कोच रीड
टीम के साथ कोच रीड

उन्होंने कहा, "अंत में मेरी कोशिश है कि खिलाड़ियों का फोकस सिर्फ ओलम्पिक पर रहे. इसलिए हम सभी यहां है."

रीड ने कहा है कि टीम इस समय अपने स्तर को हासिल करने के लिए सोच समझ कर ट्रेनिंग कर रही है.

राष्ट्रीय शिविर में आने के बाद टीम के छह खिलाड़ी कोविड-19 पॉजिटिव निकले थे. रीड ने कहा है कि उन्हें बाकी खिलाड़ियों की तुलना में बाद में ट्रेनिंग शुरू करनी पड़ेगी.

कोच ने कहा, "हम खेल गतिविधियां शुरू होने के तीसरे सप्ताह में हैं और बहुत सोच समझ कर आगे बढ़ रहे हैं. ये काफी मुश्किल प्रक्रिया है क्योंकि हमारे अलग-अलग ग्रुप हैं इसलिए ये सुनिश्चित करना मुश्किल है कि वो सभी एक अच्छी गति से आगे जा सकें. हमारे छह खिलाड़ी कोविड-19 पॉजिटिव निकले हैं और इसलिए वो इस समय सामान्य ट्रेनिंग में नहीं लौट सके. वो कुछ हल्की-फुल्की गतिविधियां कर रहे हैं. ये स्थिति ऐसी है कि हमें धैर्य की जरूरत है."

नई दिल्ली: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कोच ग्राहम रीड ने कहा है कि उनकी टीम के खिलाड़ी कोविड-19 के कारण लगी पाबंदियों के बीच अपनी लय हासिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

खिलाड़ियों ने फरवरी से कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है. मार्च के मध्य से ट्रेनिंग भी बंद है. रीड हालांकि इन सभी के बीच सकारात्मक पहलू देख रहे हैं.

कोच ग्राहम रीड
कोच ग्राहम रीड

रीड ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के बेंगलुरू केंद्र से कहा, "राष्ट्रीय शिविर की शुरुआत करने की अच्छी बात ये है कि ओलम्पिक 11 महीने बाद है. इसने टीम के खिलाड़ियों के रिसैट बटन को दबा दिया है. जिन खिलाड़ियों को मौका नहीं मिला, ये उनके लिए मौका है. ये हर किसी के लिए साफ है और ये अपने आप में प्ररेणा देने वाली चीज है."

उन्होंने कहा, "एक विचार ये है कि अगर खिलाड़ी तीन महीने शीर्ष स्तर से बाहर रहते हैं तो उन्हें लय में आने में तीन महीने ही लगेंगे. इसलिए समय को देखें तो मैं सोच रहा हूं कि तीन महीने इन खिलाड़ियों को वहां आने में लगेंगे जहां ये लोग थे."

पुरुष टीम लॉकडाउन से पहले अच्छी स्थिति में थी. टीम ने एफआईएच प्रो लीग में शानदार प्रदर्शन किया था.

रीड ने कहा, "मार्च के वो दो सप्ताह शानदार थे. ओलम्पिक उस समय इसी साल होने थे, जहां दूसरी टीमें ट्रेनिंग नहीं कर पा रही थीं हम ट्रेनिंग कर रहे थे."

भारतीय पुरुष हॉकी टीम
भारतीय पुरुष हॉकी टीम

टोक्यो ओलम्पिक इस साल 24 जुलाई से होने थे, लेकिन कोविड-19 के कारण इन्हें एक साल के लिए टाल दिया गया है. अब ये खेल 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच खेले जाएंगे.

मार्च के मध्य से पूरे देश में लॉकडाउन था. उससे पहले टीम राष्ट्रीय शिविर के लिए बेंगलुरू में थी लेकिन लॉकडाउन के कारण टीम को वहां रुकना पड़ा था. जून के मध्य में खिलाड़ी अपने-अपने घर जा सके थे और फिर अगस्त में राष्ट्रीय शिविर के लिए वापस लौटे थे.

रीड ने कहा कि उनकी कोशिश खिलाड़ियों का फोकस ओलम्पिक पर बनाए रखने और उनके खेल को शीर्ष पर पहुंचाने की है.

रीड ने कहा, "ये थोड़ा मुश्किल और अलग है. हमें उम्मीद है कि इस कैम्प के बाद हम होलैंड जा सकेंगे, लेकिन जैसे-जैसे समय करीब आता जा रहा है इसकी संभावना कम लग रही है."

टीम के साथ कोच रीड
टीम के साथ कोच रीड

उन्होंने कहा, "अंत में मेरी कोशिश है कि खिलाड़ियों का फोकस सिर्फ ओलम्पिक पर रहे. इसलिए हम सभी यहां है."

रीड ने कहा है कि टीम इस समय अपने स्तर को हासिल करने के लिए सोच समझ कर ट्रेनिंग कर रही है.

राष्ट्रीय शिविर में आने के बाद टीम के छह खिलाड़ी कोविड-19 पॉजिटिव निकले थे. रीड ने कहा है कि उन्हें बाकी खिलाड़ियों की तुलना में बाद में ट्रेनिंग शुरू करनी पड़ेगी.

कोच ने कहा, "हम खेल गतिविधियां शुरू होने के तीसरे सप्ताह में हैं और बहुत सोच समझ कर आगे बढ़ रहे हैं. ये काफी मुश्किल प्रक्रिया है क्योंकि हमारे अलग-अलग ग्रुप हैं इसलिए ये सुनिश्चित करना मुश्किल है कि वो सभी एक अच्छी गति से आगे जा सकें. हमारे छह खिलाड़ी कोविड-19 पॉजिटिव निकले हैं और इसलिए वो इस समय सामान्य ट्रेनिंग में नहीं लौट सके. वो कुछ हल्की-फुल्की गतिविधियां कर रहे हैं. ये स्थिति ऐसी है कि हमें धैर्य की जरूरत है."

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