टोक्यो: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पास 1980 के मास्को ओलंपिक के बाद पहली बार ओलंपिक फाइनल खेलने का मौका था लेकिन उसने बेल्जियम के हाथों सेमीफाइनल मैच 2-5 से गंवाते हुए यह मौका भी गंवा दिया. अब भारतीय टीम कांस्य जीतने का प्रयास करेगी, जो उसने अंतिम बार 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में जीता था. भारत का कांस्य पदक के लिए जर्मनी से मुकाबला थोड़ी ही देर में शुरु होगा.
ओई हॉकी स्टेडियम नॉर्थ पिच पर खेले गए इस मैच में एक समय भारत 2-1 से आगे था लेकिन एलेक्सजेंडर हेंडरिक्स (19वें, 49वें, 53वें) की शानदार हैट्रिक के दम पर मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन बेल्जियम ने भारत को एकतरफा हार को मजबूर कर दिया.
बेल्जियम के खिलाफ मिली हार के बाद भारत का सोना जीतने का सपना भले ही टूट गया लेकिन जर्मनी के खिलाफ वह तीसरे स्थान पर रहकर देश के लिए कांस्य हासिल करना चाहेगी.
जर्मनी को एक अन्य सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-3 से हार का सामना करना पड़ा. स्वर्ण पदक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया का सामना अब बेल्जियम से होगा.
ऑस्ट्रेलिया ने ओलंपिक में सिर्फ एक बार स्वर्ण पदक जीता है. उसे 2004 एथेंस ओलंपिक में स्वर्ण पदक मिला था जबकि बेल्जियम को 2016 रियो ओलंपिक में अर्जेटीना ने 2-4 से हराया था.