बेंगलुरु: भारतीय महिला हॉकी टीम के पूर्व मुख्य कोच नील हॉवगुड ने कहा है कि मौजूदा टीम पहले की तुलना में मानसिक रूप से पहले से ज्यादा मजबूत है. हॉवगुड साल 2012 से 2016 तक दो भाग में टीम के मुख्य कोच रहे. उनके नेतृत्व में टीम ने साल 2016 रियो ओलंपिक में 36 साल के बाद ओलंपिक में प्रवेश किया था.
हॉवगुड ने कहा, मौजूदा मुख्य कोच शुअर्ड मरिने ने बेहतरीन काम किया है. मौजूदा टीम पहले की तुलना में मानसिक रूप से काफी मजबूत है. पहले अगर टीम शुरूआती मिनटों में गोल खा जाती थी तो स्थिति चिंताजनक हो जाती थी और टीम को हार का सामना करना पड़ता था.
उन्होंने कहा, टीम इसी माहौल में अब शांत रहती है और किसी भी मैच में वापसी करने का भरोसा रखती है. मुझे खुशी है कि टीम अगले स्तर तक पहुंच चुकी है.
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हॉवगुड ने कहा, जब मुझे नियुक्त किया, हमारा इरादा शुरूआत से भविष्य के लिए टीम तैयार करना था. मेरी टीम और मैंने कुछ परिवर्तन किए.
उन्होंने कहा, उस समय कई खिलाड़ी टीम में अपनी जगह खोने से बचाने के लिए चोटों के माध्यम से प्रशिक्षण लेते थे. इसके बजाय, हमने पुनर्वसन पर जोर दिया और ठीक होने में समय लिया, ताकि खिलाड़ी उच्चतम स्तर पर प्रशिक्षण ले सकें और चोट के कारण टीम से बाहर होने की चिंता न करें. हमारी सबसे बड़ी सफलता हॉकी को बदलने के बजाए खुद के ट्रेनिंग विधि को बदलना था.