नई दिल्ली: पूर्व कप्तान और कोच वासुदेवन भास्करन का मानना है कि भारत की पुरूष और महिला हॉकी टीमें आगामी टोक्यो ओलंपिक में पदक हासिल करने में सक्षम है.
भास्करन की कप्तानी में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 1980 में मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। भास्करन ने हॉकी इंडिया के पोडकस्ट में कहा, "भारतीय हॉकी टीमें (पुरुष और महिला) टोक्यो में पोडियम हासिल कर सकती है. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है. पुरुष टीम वास्तव में अच्छा खेल रही है. मेरी उन्हें यह सलाह है कि वे आत्मविश्वास का स्तर बनाए रखें. हर खिलाड़ी ने यहां तक पहुंचने के लिए कठिन रास्ता तय किया है. सात-आठ खिलाड़ियों के लिए यह पहला ओलंपिक होगा और मुझे लगता है कि वे सिर्फ ओलंपियन के तमगे से खुश नहीं होंगे उनका लक्ष्य पदक जीतना होना चाहिए."
उन्होंने कहा, "यह तभी संभव है जब टीम में हर कोई यह माने की वे पदक विजेता टीम हो सकते है और शीर्ष तीन टीमों में से एक के तौर पर अभियान पर खत्म करेंगे."
अर्जुन अवॉर्डी भास्करन का मानना है कि महिलाओं की टीम ने 2016 रियो ओलंपिक में अपने पिछले प्रदर्शन के बाद से जबर्दस्त आत्मविश्वास हासिल किया था.
रानी रामपाल के नेतृत्व वाली महिला टीम ने ओलंपिक क्वालीफायर में अमेरिका को हराकर टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था.
भास्करन ने कहा, "उन्हें (महिला टीम को) शीर्ष 4 में फिनिशिंग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. जब मैं 1980 के मास्को ओलंपिक में खेला था, तो महिला हॉकी को शामिल किया गया था. हमारी टीम कांस्य से चूक गई थी. वर्तमान भारतीय महिला टीम को देखने के बाद, मुझे लगता है. उन्होंने (रियो) 2016 के बाद काफी आत्मविश्वास विकसित किया है. मैंने उन्हें भुवनेश्वर में खेलते देखा था, जब उन्होंने अमेरिका को हराकर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था."