नई दिल्ली : भारतीय हॉकी टीम इस समय बेंगलुरु के भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सेंटर में ओलंपिक की तैयारियों के लिए चार सप्ताह के राष्ट्रीय शिविर में भाग ले रही है.
खिलाड़ियों का ध्यान कम भटके
रीड ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "मुझे यकीन नहीं है कि दुनिया ने पहले भी इस तरह का कुछ देखा है. हर कोई अपने क्षेत्र में है. सोशल मीडिया पर बहुत सारी सूचनाएं भी आती हैं, लेकिन वहां पर गलत सूचनाएं भी हैं. इसलिए इन चीजों को ध्यान में रखते हुए हमारे लिए यह जरूरी है कि हम यह सुनिश्वित करें कि खिलाड़ियों का ध्यान कम भटके."
उन्होंने कहा, "भारतीय हॉकी टीम के नजरिए से देखे तो हम बेंगलुरु में ट्रेनिंग कर रहे हैं और चार सप्ताह में दो सप्ताह बीत चुके हैं. साई ने कैम्पस में प्रवेश सीमित कर दिया है."
कोचिंग के नजरिए से देखा जाए तो सबकुछ बहुत अच्छा
रीड ने आगे कहा, "हम वॉलीबॉल और टेनिस जैसे टूर्नामेंट की योजना बना रहे हैं. साई में यहां हमारे पास बहुत अच्छी सुविधाएं हैं. जैसा कि आप जानते हैं कि आज की युवा पीढ़ी आईपेड और इंटरनेट के साथ अधिक सहज हो गई है. यहां पर भोजन शानदार है. कोई भी किसी भी कारण से बाहर जाता है और फिर कैम्प में आता है तो उसकी स्क्रीनिंग की जाती है. कोचिंग के नजरिए से देखा जाए तो सबकुछ बहुत अच्छा है."
कोच ने कहा कि हॉकी के अलावा अन्य खेलों के टूर्नामेंटों का आयोजन करने से खिलाड़ियों को बॉल पर ध्यान बनाए रखने में मदद मिल रही है क्योंकि वे लंबे समय से अपने परिवार से दूर हैं.
हम वालीबॉल जैसे टूर्नामेंट की योजना बना रहे हैं
उन्होंने कहा, "उनका उपयोग इस तरह की छोटी से परिस्थितियों में किया जाता है. परिवार से दूर होने के कारण वे फोन पर बात करते है. हमारे पास ग्रुप में दो या तीन बच्चे हैं. यह वास्तव में उस तरह से नया नहीं है. अन्य देशों की तुलना में इन लोगों के लिए ऐसी परिस्थितियों का अच्छे से इस्तेमाल किया जाता है."
उन्होंने कहा, "उन्हें खुश रखने के लिए हमें विभिन्न तरीकों के साथ काम करने की जरूरत है और इसलिए हम वालीबॉल जैसे टूर्नामेंट की योजना बना रहे हैं."
कोचिंग स्टाफ की हुई बैठक
भारतीय टीम को एफआईएच प्रो लीग में खेलना है , लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक महासंघ (एफआईएच) ने कोरोनावायरस के कारण 15 अप्रैल तक के लिए भी मैचों को स्थगित कर दिया है.
रीड ने कहा कि कोचिंग स्टाफ की पिछले सप्ताह ही एक बैठक हुई थी, जिसमें उन सभी बातों पर गौर किया गया, जिसे आगामी माह में झेलना पड़ सकता है.