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ओलंपिक, एशियाई खेलों में पदक जीतना चाहती हूं: जूनियर महिला हॉकी खिलाड़ी मुमताज

भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड खिलाड़ी मुमताज खान ने शनिवार को कहा कि उनका लक्ष्य सीनियर टीम के साथ एशियाई खेलों और ओलंपिक में पदक जीतना है लेकिन वो इसे हासिल करने के लिए एक समय में एक कदम उठा रही हैं.

Junior Hockey Forward Mumtaz Khan
Junior Hockey Forward Mumtaz Khan
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Published : Aug 1, 2020, 6:39 PM IST

नई दिल्ली : 17 साल की फॉरवर्ड खिलाड़ी मुमताज खान ने 2018 में ब्यूनस आयर्स युवा ओलंपिक में 10 गोल करके भारत को रजत पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने इसके अलावा 2016 में लड़कियों के अंडर -18 एशिया कप में कांस्य पदक, 2018 में छह देशों की आमंत्रित टूर्नामेंट में रजत और पिछले साल 'कैंटर फिट्जगेराल्ड अंडर -21 इंटरनेशनल फोर-नेशंस टूर्नामेंट' में स्वर्ण पदक जीता था.

Hockey India
हॉकी इंडिया

हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति के मुताबिक मुमताज ने कहा, ''मुझे पता है कि मैंने अब तक जो कुछ भी किया, वो जो मैं अपने करियर में जो हासिल करने चाहती हूं इसकी तुलना में कुछ भी नहीं है. मैं ये सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मैं छोटे-छोटे कदम उठाने के साथ हमेशा सही चीजें करती रहूं.''

सब्जी बेचने वाले की बेटी मुमताज की यात्रा उतार-चढ़ाव से भरी रही है, लेकिन लखनऊ की ये खिलाड़ी देश के लिए अच्छा करने को लेकर दृढ़ संकल्प किए है. उन्होंने कहा, ''ये किसी से छुपा नहीं है कि मैंने व्यक्तिगत रूप मुश्किल समय बिताया है. ये मेरे माता-पिता के लिए भी मुश्किल रहा है, लेकिन मुझे खुशी है कि उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया और मैं उन्हें खुश देखने का इंतजार नहीं कर सकती.''

Junior Hockey Forward Mumtaz Khan
भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड खिलाड़ी मुमताज खान

उन्होंने कहा, ''इसके लिए मेरे मन में बहुत स्पष्ट लक्ष्य हैं कि प्रत्येक प्रशिक्षण सत्र और देश के लिए खेलते हुए प्रत्येक मैच में बहुत अच्छा प्रदर्शन करूं. मैं ओलंपिक और एशियाई खेलों जैसे बड़े टूर्नामेंट में पदक जीतने में अपनी टीम की मदद करना चाहती हूं.'' मुमताज ने कहा कि स्कूल दौड़ की एक प्रतियोगिता में उनकी कोच ने उन्हें हॉकी खेलने के लिए चुना. उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है 2011 में स्कूल के रेस के दौरान नीलम सिद्दिकी वहां मौजूद थी और उन्होंने मेरे पिता से मुझे हॉकी खेलने देने के लिए कहा था. उस समय मुझे खेल के बारे में ज्यादा पता नहीं था लेकिन जब मैंने इसे देखना और खेलना शुरू किया तो मुझे इसमें मजा आने लगा.''

नई दिल्ली : 17 साल की फॉरवर्ड खिलाड़ी मुमताज खान ने 2018 में ब्यूनस आयर्स युवा ओलंपिक में 10 गोल करके भारत को रजत पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने इसके अलावा 2016 में लड़कियों के अंडर -18 एशिया कप में कांस्य पदक, 2018 में छह देशों की आमंत्रित टूर्नामेंट में रजत और पिछले साल 'कैंटर फिट्जगेराल्ड अंडर -21 इंटरनेशनल फोर-नेशंस टूर्नामेंट' में स्वर्ण पदक जीता था.

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हॉकी इंडिया

हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति के मुताबिक मुमताज ने कहा, ''मुझे पता है कि मैंने अब तक जो कुछ भी किया, वो जो मैं अपने करियर में जो हासिल करने चाहती हूं इसकी तुलना में कुछ भी नहीं है. मैं ये सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मैं छोटे-छोटे कदम उठाने के साथ हमेशा सही चीजें करती रहूं.''

सब्जी बेचने वाले की बेटी मुमताज की यात्रा उतार-चढ़ाव से भरी रही है, लेकिन लखनऊ की ये खिलाड़ी देश के लिए अच्छा करने को लेकर दृढ़ संकल्प किए है. उन्होंने कहा, ''ये किसी से छुपा नहीं है कि मैंने व्यक्तिगत रूप मुश्किल समय बिताया है. ये मेरे माता-पिता के लिए भी मुश्किल रहा है, लेकिन मुझे खुशी है कि उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया और मैं उन्हें खुश देखने का इंतजार नहीं कर सकती.''

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भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड खिलाड़ी मुमताज खान

उन्होंने कहा, ''इसके लिए मेरे मन में बहुत स्पष्ट लक्ष्य हैं कि प्रत्येक प्रशिक्षण सत्र और देश के लिए खेलते हुए प्रत्येक मैच में बहुत अच्छा प्रदर्शन करूं. मैं ओलंपिक और एशियाई खेलों जैसे बड़े टूर्नामेंट में पदक जीतने में अपनी टीम की मदद करना चाहती हूं.'' मुमताज ने कहा कि स्कूल दौड़ की एक प्रतियोगिता में उनकी कोच ने उन्हें हॉकी खेलने के लिए चुना. उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है 2011 में स्कूल के रेस के दौरान नीलम सिद्दिकी वहां मौजूद थी और उन्होंने मेरे पिता से मुझे हॉकी खेलने देने के लिए कहा था. उस समय मुझे खेल के बारे में ज्यादा पता नहीं था लेकिन जब मैंने इसे देखना और खेलना शुरू किया तो मुझे इसमें मजा आने लगा.''

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