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भारतीय हॉकी टीम का कोच बनने के बाद रीड ने कहा- 'खिलाड़ियों के लिए स्थिर माहौल चाहता हूं' - हॉकी

भारतीय टीम का कोच बनने के बाद रीड की इच्छा है कि उनके और खिलाड़ियों के लिए स्थिर माहौल तैयार हो.

ग्राहम रीड
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Published : Apr 9, 2019, 7:26 AM IST

एम्सटर्डम: रिक चार्ल्सवर्थ से लेकर रोलैंट ओल्टमैंस तक, भारत के अधिकतर विदेशी हॉकी कोचों का सफर विवादास्पद रहा और नवनियुक्त कोच ग्राहम रीड की सबसे बड़ी इच्छा है कि उनके और खिलाड़ियों के लिए स्थिर माहौल तैयार हो.

रीड ने मीडिया को कहा, 'मैं अपने और खिलाड़ियों के लिए स्थिर माहौल चाहता हूं. रीड को महान कोच चार्ल्सवर्थ ने ही भारतीय कोच के पद के लिए आवेदन करने को कहा था.'

भारतीय हॉकी टीम
भारतीय हॉकी टीम

भारतीय टीम के कोच बनने का सही समय

उन्होंने कहा, "मेरी रिक के साथ लंबी चर्चा हुई और उन्हें लगता है कि यह मेरे लिए सही समय है कि मैं भारत में कोचिंग दूं. उन्हें लगता है कि मेरे पास भारतीय हॉकी को आगे ले जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव है."

रीड ने कहा कि, 'इस बेहद दबाव वाले पद के लिए आवेदन करने को लेकर उनके मन में किसी तरह की कोई हिचक नहीं थी क्योंकि लंबे समय से ये उनकी इच्छा रही है.'

उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे कोई हिचक नहीं थी. मैं कई बार भारत गया हूं और हॉकी इंडिया लीग की टीमों के साथ भी काम किया है. अच्छी बात यह है कि मैं अपनी पत्नी के साथ बैंगलुरू में रहूंगा और मुझे बार-बार आना-जाना नहीं होगा."

भारत के कोच पद को हमेशा से बेहद दबाव वाला माना जाता है लेकिन रीड इससे सहमत नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "दबाव सिर्फ आपके दिमाग में होता है. इसकी जगह हमारा ध्यान उन चीजों पर होना चाहिए जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं क्योंकि नतीजे इसी चीज से मिलेंगे."

इस 54 साल के कोच को भारतीय शैली का खेल पसंद है.

ग्राहम रीड
ग्राहम रीड

कोच बनने को लेकर हूं उत्साहित

उन्होंने कहा, "बेशक यह बड़ी चुनौती है लेकिन मैं इसे लेकर उत्सुक हूं. जब प्रत्येक कोच अपने करियर की शुरुआत करता है तो एक दिन भारत को कोचिंग देना उसकी इच्छा होती है और मैं भी इससे अलग नहीं हूं. मुझे भारत के खेलने की शैली पसंद है."

रीड ने कहा कि उनका ध्यान हॉकी के बेसिक्स पर होगा और वह भारत के रक्षात्मक ढांचे में आमूलचूल बदलाव करना चाहते हैं.

ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कोच ने कहा, "मैं भारत की मूल शैली से छेड़छाड़ किए बिना उनके सुधार को जारी रखना चाहता हूं. मेरा मुख्य ध्यान हॉकी के बेसिक्स, सिद्धांतों पर काम करने पर होगा. भारत के पास अनुभव है लेकिन उन्हें लचीलेपन की जरूरत है. हमें आत्मविश्वास के साथ खेलना होगा. हमारे डिफेंस को कड़ा होने की जरूरत है."

रीड के 18 अप्रैल को बेंगलुरू के साइ दक्षिण केंद्र में चल रहे मौजूदा राष्ट्रीय शिविर से जुड़ने की उम्मीद है.

एम्सटर्डम: रिक चार्ल्सवर्थ से लेकर रोलैंट ओल्टमैंस तक, भारत के अधिकतर विदेशी हॉकी कोचों का सफर विवादास्पद रहा और नवनियुक्त कोच ग्राहम रीड की सबसे बड़ी इच्छा है कि उनके और खिलाड़ियों के लिए स्थिर माहौल तैयार हो.

रीड ने मीडिया को कहा, 'मैं अपने और खिलाड़ियों के लिए स्थिर माहौल चाहता हूं. रीड को महान कोच चार्ल्सवर्थ ने ही भारतीय कोच के पद के लिए आवेदन करने को कहा था.'

भारतीय हॉकी टीम
भारतीय हॉकी टीम

भारतीय टीम के कोच बनने का सही समय

उन्होंने कहा, "मेरी रिक के साथ लंबी चर्चा हुई और उन्हें लगता है कि यह मेरे लिए सही समय है कि मैं भारत में कोचिंग दूं. उन्हें लगता है कि मेरे पास भारतीय हॉकी को आगे ले जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव है."

रीड ने कहा कि, 'इस बेहद दबाव वाले पद के लिए आवेदन करने को लेकर उनके मन में किसी तरह की कोई हिचक नहीं थी क्योंकि लंबे समय से ये उनकी इच्छा रही है.'

उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे कोई हिचक नहीं थी. मैं कई बार भारत गया हूं और हॉकी इंडिया लीग की टीमों के साथ भी काम किया है. अच्छी बात यह है कि मैं अपनी पत्नी के साथ बैंगलुरू में रहूंगा और मुझे बार-बार आना-जाना नहीं होगा."

भारत के कोच पद को हमेशा से बेहद दबाव वाला माना जाता है लेकिन रीड इससे सहमत नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "दबाव सिर्फ आपके दिमाग में होता है. इसकी जगह हमारा ध्यान उन चीजों पर होना चाहिए जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं क्योंकि नतीजे इसी चीज से मिलेंगे."

इस 54 साल के कोच को भारतीय शैली का खेल पसंद है.

ग्राहम रीड
ग्राहम रीड

कोच बनने को लेकर हूं उत्साहित

उन्होंने कहा, "बेशक यह बड़ी चुनौती है लेकिन मैं इसे लेकर उत्सुक हूं. जब प्रत्येक कोच अपने करियर की शुरुआत करता है तो एक दिन भारत को कोचिंग देना उसकी इच्छा होती है और मैं भी इससे अलग नहीं हूं. मुझे भारत के खेलने की शैली पसंद है."

रीड ने कहा कि उनका ध्यान हॉकी के बेसिक्स पर होगा और वह भारत के रक्षात्मक ढांचे में आमूलचूल बदलाव करना चाहते हैं.

ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कोच ने कहा, "मैं भारत की मूल शैली से छेड़छाड़ किए बिना उनके सुधार को जारी रखना चाहता हूं. मेरा मुख्य ध्यान हॉकी के बेसिक्स, सिद्धांतों पर काम करने पर होगा. भारत के पास अनुभव है लेकिन उन्हें लचीलेपन की जरूरत है. हमें आत्मविश्वास के साथ खेलना होगा. हमारे डिफेंस को कड़ा होने की जरूरत है."

रीड के 18 अप्रैल को बेंगलुरू के साइ दक्षिण केंद्र में चल रहे मौजूदा राष्ट्रीय शिविर से जुड़ने की उम्मीद है.

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एम्सटर्डम: रिक चार्ल्सवर्थ से लेकर रोलैंट ओल्टमैंस तक, भारत के अधिकतर विदेशी हॉकी कोचों का सफर विवादास्पद रहा और नवनियुक्त कोच ग्राहम रीड की सबसे बड़ी इच्छा है कि उनके और खिलाड़ियों के लिए स्थिर माहौल तैयार हो



रीड ने मीडिया को कहा, 'मैं अपने और खिलाड़ियों के लिए स्थिर माहौल चाहता हूं. रीड को महान कोच चार्ल्सवर्थ ने ही भारतीय कोच के पद के लिए आवेदन करने को कहा था.'



भारतीय टीम के कोच बनने का सही समय



उन्होंने कहा, "मेरी रिक के साथ लंबी चर्चा हुई और उन्हें लगता है कि यह मेरे लिए सही समय है कि मैं भारत में कोचिंग दूं. उन्हें लगता है कि मेरे पास भारतीय हॉकी को आगे ले जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव है."



रीड ने कहा कि, 'इस बेहद दबाव वाले पद के लिए आवेदन करने को लेकर उनके मन में किसी तरह की कोई हिचक नहीं थी क्योंकि लंबे समय से ये उनकी इच्छा रही है.'



उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे कोई हिचक नहीं थी. मैं कई बार भारत गया हूं और हॉकी इंडिया लीग की टीमों के साथ भी काम किया है. अच्छी बात यह है कि मैं अपनी पत्नी के साथ बैंगलुरू में रहूंगा और मुझे बार-बार आना-जाना नहीं होगा."



भारत के कोच पद को हमेशा से बेहद दबाव वाला माना जाता है लेकिन रीड इससे सहमत नहीं हैं.



उन्होंने कहा, "दबाव सिर्फ आपके दिमाग में होता है. इसकी जगह हमारा ध्यान उन चीजों पर होना चाहिए जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं क्योंकि नतीजे इसी चीज से मिलेंगे."

इस 54 साल के कोच को भारतीय शैली का खेल पसंद है.





कोच बनने को लेकर हूं उत्साहित





उन्होंने कहा, "बेशक यह बड़ी चुनौती है लेकिन मैं इसे लेकर उत्सुक हूं. जब प्रत्येक कोच अपने करियर की शुरुआत करता है तो एक दिन भारत को कोचिंग देना उसकी इच्छा होती है और मैं भी इससे अलग नहीं हूं. मुझे भारत के खेलने की शैली पसंद है."



रीड ने कहा कि उनका ध्यान हॉकी के बेसिक्स पर होगा और वह भारत के रक्षात्मक ढांचे में आमूलचूल बदलाव करना चाहते हैं.



ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कोच ने कहा, "मैं भारत की मूल शैली से छेड़छाड़ किए बिना उनके सुधार को जारी रखना चाहता हूं. मेरा मुख्य ध्यान हॉकी के बेसिक्स, सिद्धांतों पर काम करने पर होगा. भारत के पास अनुभव है लेकिन उन्हें लचीलेपन की जरूरत है. हमें आत्मविश्वास के साथ खेलना होगा. हमारे डिफेंस को कड़ा होने की जरूरत है."



रीड के 18 अप्रैल को बेंगलुरू के साइ दक्षिण केंद्र में चल रहे मौजूदा राष्ट्रीय शिविर से जुड़ने की उम्मीद है.




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