ETV Bharat / sports

मैं टोक्यो ओलिंपिक के अनुभव को कभी नहीं भूलूंगी: लालरेम्सियामी - टोक्यो ओलिंपिक

अपने ओलिंपिक अनुभव के बारे में लालरेम्सियामी ने कहा, "मैं थोड़ी घबराई हुई थी, जिसके चलते पहले तीन मैचों में मेरे प्रदर्शन में काफी प्रभाव डाला. लेकिन वरिष्ठ खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ ने मुझे और अन्य जूनियर खिलाड़ियों को समझाया और काफी मदद की."

I will cherish the Tokyo Olympics experience for a lifetime: Lalremsiami
I will cherish the Tokyo Olympics experience for a lifetime: Lalremsiami
author img

By

Published : Sep 10, 2021, 6:32 AM IST

नई दिल्ली: 2019 महिला हॉकी की युवा स्ट्राइकर लालरेम्सियामी एफआईएच महिला सीरीज फाइनल के दौरान अपने पिता को खोने की दुख को झेलने से लेकर टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ इतिहास रचने तक का एक लंबा सफर तय किया है. 21 वर्षीय स्ट्राइकर उस टीम का अभिन्न हिस्सा थीं और वह टोक्यो खेलों में चौथे स्थान पर रही थीं.

अपने ओलिंपिक अनुभव के बारे में लालरेम्सियामी ने कहा, "मैं थोड़ी घबराई हुई थी, जिसके चलते पहले तीन मैचों में मेरे प्रदर्शन में काफी प्रभाव डाला. लेकिन वरिष्ठ खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ ने मुझे और अन्य जूनियर खिलाड़ियों को समझाया और काफी मदद की. वो हमें प्रेरित करते रहे और हमें स्वतंत्र रूप से खुद को व्यक्त करने के लिए कहा. हमने एक-दूसरे से तालमेल बना कर एक इकाई की तरह खेले, और मुझे लगता है कि इससे हमें वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिली."

ये भी पढ़ें- गौतम गंभीर ने इन 2 बड़े खिलाड़ियों के लिए कही बड़ी बात

लालरेम्सियामी ने कहा, "हमने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराया और ओलिंपिक में पहली बार सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया. आप जानते हैं, इतिहास का हिस्सा बनना एक बहुत ही खास एहसास है, और यह कुछ ऐसा है जो मैंने किया. हमारे प्रशंसकों के प्यार और समर्थन ने हमें और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया है और हम उन्हें फिर से गौरवान्वित करना चाहते हैं."

21 वर्षीय खिलाड़ी ने आगे कहा, "यह आगे बढ़ने और पेरिस ओलिंपिक पर ध्यान केंद्रित करने का समय है. हमारी प्राथमिकता एशियाई खेलों 2022 में स्वर्ण पदक जीतना है, जिसका अर्थ है कि हम सीधे 2024 ओलंपिक खेलों के लिए जगह बना सकते हैं."

नई दिल्ली: 2019 महिला हॉकी की युवा स्ट्राइकर लालरेम्सियामी एफआईएच महिला सीरीज फाइनल के दौरान अपने पिता को खोने की दुख को झेलने से लेकर टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ इतिहास रचने तक का एक लंबा सफर तय किया है. 21 वर्षीय स्ट्राइकर उस टीम का अभिन्न हिस्सा थीं और वह टोक्यो खेलों में चौथे स्थान पर रही थीं.

अपने ओलिंपिक अनुभव के बारे में लालरेम्सियामी ने कहा, "मैं थोड़ी घबराई हुई थी, जिसके चलते पहले तीन मैचों में मेरे प्रदर्शन में काफी प्रभाव डाला. लेकिन वरिष्ठ खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ ने मुझे और अन्य जूनियर खिलाड़ियों को समझाया और काफी मदद की. वो हमें प्रेरित करते रहे और हमें स्वतंत्र रूप से खुद को व्यक्त करने के लिए कहा. हमने एक-दूसरे से तालमेल बना कर एक इकाई की तरह खेले, और मुझे लगता है कि इससे हमें वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिली."

ये भी पढ़ें- गौतम गंभीर ने इन 2 बड़े खिलाड़ियों के लिए कही बड़ी बात

लालरेम्सियामी ने कहा, "हमने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराया और ओलिंपिक में पहली बार सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया. आप जानते हैं, इतिहास का हिस्सा बनना एक बहुत ही खास एहसास है, और यह कुछ ऐसा है जो मैंने किया. हमारे प्रशंसकों के प्यार और समर्थन ने हमें और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया है और हम उन्हें फिर से गौरवान्वित करना चाहते हैं."

21 वर्षीय खिलाड़ी ने आगे कहा, "यह आगे बढ़ने और पेरिस ओलिंपिक पर ध्यान केंद्रित करने का समय है. हमारी प्राथमिकता एशियाई खेलों 2022 में स्वर्ण पदक जीतना है, जिसका अर्थ है कि हम सीधे 2024 ओलंपिक खेलों के लिए जगह बना सकते हैं."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.