नई दिल्ली: हॉकी इंडिया ने टूर्नामेंट के अधिकारियों और अंपायरों के मूल्यांकन मानदंडों में संशोधन किए हैं. जोकि अधिकारियों की प्रदर्शन रिपोर्ट ढांचे में बदलाव का हिस्सा है. यह रिपोर्ट भारतीय टूर्नामेंट में अधिकारियों और अंपायरों के कार्यों के आकलन करने का सबसे कारगर तरीका है.
हॉकी इंडिया ने मई में हॉकी इंडिया के पंजीकृत टूर्नामेंट अधिकारियों का वर्गीकरण करने की शुरुआत की घोषणा की थी जिसमें तकनीकी प्रतिनिधि, अंपायर मैनेजर, तकनीकी अधिकारी, जज और अंपायरों के तीन ग्रेड शामिल थे.
ग्रेडिंग 100 (प्रतिशत के आधार पर) में से की जाएगी जिसमें अंपायरों की प्रदर्शन रिपोर्ट (सभी घरेलू टूर्नामेंटों), फिटनेस टेस्ट परिणाम और ऑनलाइन टेस्ट परिणाम पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा अन्य अधिकारियों के लिए सभी घरेलू टूर्नामेंटों की प्रदर्शन रिपोर्ट और ऑनलाइन परीक्षा के परिणाम पर आधारित होगी.
अब अंपायरों का प्रदर्शन का आकलन प्रत्येक मैच में किया जाएगा तथा अंपायर मैनेजर संबंधित मैचों के पूरे होने के बाद उनके प्रदर्शन की रिपोर्ट अंपायरों और हॉकी इंडिया को सौंपी जाएगी.
इसका उपयोग अंपायरों के डिब्रीपिंग के दौरान भी किया जाएगा. साथ ही अंपायर प्रबंधक ये सुनिश्चित करेंगे कि अंपायर हर मैच के बाद सीखें और अपनी गलतियों में सुधार करें तथा पुरानी गलतियों को न दोहराएं.