बेंगलुरु : उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले राज कुमार ने पिछले महीने एफआईएच प्रो लीग में बेल्जियम के खिलाफ खेले गए मुकाबले से भारतीय टीम के लिए पदार्पण किया था.
2018 में राष्ट्रीय कैम्प के लिए पहली बार चुना गया
राज कुमार ने कहा, "कोच ने मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे निभाना मेरा लक्ष्य था. अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच विश्व चैंपियन के खिलाफ खेलना मेरे जीवन का सबसे बड़ा पल था."
21 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, " मैं 2018 में राष्ट्रीय कैम्प के लिए पहली बार चुना गया था, लेकिन ट्रेनिंग तकनीक और खेल भावना को समझने में मुझे थोड़ा समय लगा. मैं शुरू में बहुत दबाव महसूस करता था, क्योंकि मैंने घर में हॉकी खेली थी और औ फिर सीनियर टीम ने जो हॉकी खेली, वह उससे बहुत अलग था."
टीम के लिए शत प्रतिशत देना अब मेरा केवल एक ही लक्ष्य है
राज कुमार ने कहा कि अब उनका लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय टीम में जगह बनाना है. भारतीय खिलाड़ी का मानना है कि 2011 में पिता के निधन के कारण उनको हॉकी से ब्रेक भी लेना पड़ा था.
खिलाड़ियों का ध्यान गेंद पर बनाए रखना प्राथमिकता : रीड
राज कुमार ने कहा, "मेरी इच्छा थी कि मेरे पिता मुझे भारत के लिए खेलते हुए देखे, क्योंकि मुझे खेलों में लाने के लिए उनका बहुत बड़ा योगदान रहा था लेकिन उनके प्रेरणादायी शब्द हमेशा मुझे मजबूती देते रहेंगे. टीम के लिए शत प्रतिशत देना अब मेरा केवल एक ही लक्ष्य है. इसके साथ साथ प्रत्येक दिन ट्रेनिंग पर ध्यान पर लगाना और टोक्यो ओलंपिक के लिए टीम में जगह बनाना मेरा लक्ष्य है."