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24 टीमों का होना चाहिए हॉकी विश्वकप : हरेंद्र

भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच हरेंद्र सिंह ने कहा है कि 24 टीमों के विश्वकप में 4-4 टीमों के आठ पूल या 6-6 टीमों के चार पूल बनाये जा सकते हैं.

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Published : Nov 21, 2019, 9:25 AM IST

नई दिल्ली : भारत 2023 में पुरुष विश्व कप की मेजबानी करेगा और पूर्व भारतीय हॉकी कोच हरेंद्र सिंह का मानना है कि विश्व कप 24 टीमों का होना चाहिए जिससे इस खेल की युवा पीढ़ी में लोकप्रियता बढ़ेगी.

भारत की सीनियर पुरुष और महिला टीमों तथा जूनियर पुरुष टीम के कोच रह चुके हरेंद्र ने कहा, 'ये मेरा व्यक्तिगत विचार है कि विश्व कप कम से कम 24 टीमों का होना चाहिए.

हमें हॉकी से जुड़े देशों की संख्या 153 को नहीं देखना चाहिए बल्कि ये देखना चाहिए कि इस खेल को ग्रास रुट स्तर तक ले जाना बहुत जरूरी है. विश्व कप में जितनी ज्यादा भागीदारी होगी उससे युवा पीढ़ी प्रेरित होगी कि हम भी विश्व कप खेल सकते हैं.'

भारतीय हॉकी टीम
भारतीय हॉकी टीम

भारत की जूनियर टीम को विश्व चैंपियन बनाने वाले हरेंद्र ने कहा, "मेरा मानना है कि भारत को विश्व कप 24 टीमों का कराना चाहिए और भारत वित्तीय तथा ढांचागत रूप से ऐसा करने में सक्षम है. साथ ही मेरा ये भी मानना है कि ये विश्व कप भारत को कई अलग-अलग शहरों में कराना चाहिए जिससे खेल की लोकप्रियता में इजाफा होगा.'

ये भी पढ़े- भुवनेश्वर में भी खेले जाएंगे FIH प्रो-लीग के मैच

हरेंद्र ने कहा, '24 टीमों के विश्वकप में 4-4 टीमों के आठ पूल या 6-6 टीमों के चार पूल बनाये जा सकते हैं. लेकिन इन्हें कम से कम चार पांच शहरों में कराया जाना चाहिए.

नॉकआउट के क्वाटर्रफाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल को भुवनेश्वर, दिल्ली या मुंबई किसी भी एक जगह कराया जा सकता है. इस विश्वकप में भारत को दिखाना चाहिये कि वे टूर्नामेंट को एक नये और बड़े अंदाज में पेश कर सकता है. भारत के पास इतनी ताकत है कि वे अपने दम पर बड़े स्तर पर विश्वकप का आयोजन कर सकता है.'

नई दिल्ली : भारत 2023 में पुरुष विश्व कप की मेजबानी करेगा और पूर्व भारतीय हॉकी कोच हरेंद्र सिंह का मानना है कि विश्व कप 24 टीमों का होना चाहिए जिससे इस खेल की युवा पीढ़ी में लोकप्रियता बढ़ेगी.

भारत की सीनियर पुरुष और महिला टीमों तथा जूनियर पुरुष टीम के कोच रह चुके हरेंद्र ने कहा, 'ये मेरा व्यक्तिगत विचार है कि विश्व कप कम से कम 24 टीमों का होना चाहिए.

हमें हॉकी से जुड़े देशों की संख्या 153 को नहीं देखना चाहिए बल्कि ये देखना चाहिए कि इस खेल को ग्रास रुट स्तर तक ले जाना बहुत जरूरी है. विश्व कप में जितनी ज्यादा भागीदारी होगी उससे युवा पीढ़ी प्रेरित होगी कि हम भी विश्व कप खेल सकते हैं.'

भारतीय हॉकी टीम
भारतीय हॉकी टीम

भारत की जूनियर टीम को विश्व चैंपियन बनाने वाले हरेंद्र ने कहा, "मेरा मानना है कि भारत को विश्व कप 24 टीमों का कराना चाहिए और भारत वित्तीय तथा ढांचागत रूप से ऐसा करने में सक्षम है. साथ ही मेरा ये भी मानना है कि ये विश्व कप भारत को कई अलग-अलग शहरों में कराना चाहिए जिससे खेल की लोकप्रियता में इजाफा होगा.'

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हरेंद्र ने कहा, '24 टीमों के विश्वकप में 4-4 टीमों के आठ पूल या 6-6 टीमों के चार पूल बनाये जा सकते हैं. लेकिन इन्हें कम से कम चार पांच शहरों में कराया जाना चाहिए.

नॉकआउट के क्वाटर्रफाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल को भुवनेश्वर, दिल्ली या मुंबई किसी भी एक जगह कराया जा सकता है. इस विश्वकप में भारत को दिखाना चाहिये कि वे टूर्नामेंट को एक नये और बड़े अंदाज में पेश कर सकता है. भारत के पास इतनी ताकत है कि वे अपने दम पर बड़े स्तर पर विश्वकप का आयोजन कर सकता है.'

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24 टीमों का होना चाहिए हॉकी विश्वकप : हरेंद्र



भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच हरेंद्र सिंह ने कहा है कि 24 टीमों के विश्वकप में 4-4 टीमों के आठ पूल या 6-6 टीमों के चार पूल बनाये जा सकते हैं.





नई दिल्ली : भारत 2023 में पुरुष विश्व कप की मेजबानी करेगा और पूर्व भारतीय हॉकी कोच हरेंद्र सिंह का मानना है कि विश्व कप 24 टीमों का होना चाहिए जिससे इस खेल की युवा पीढ़ी में लोकप्रियता बढ़ेगी.

भारत की सीनियर पुरुष और महिला टीमों तथा जूनियर पुरुष टीम के कोच रह चुके हरेंद्र ने कहा, 'ये मेरा व्यक्तिगत विचार है कि विश्व कप कम से कम 24 टीमों का होना चाहिए.

हमें हॉकी से जुड़े देशों की संख्या 153 को नहीं देखना चाहिए बल्कि ये देखना चाहिए कि इस खेल को ग्रास रुट स्तर तक ले जाना बहुत जरूरी है. विश्व कप में जितनी ज्यादा भागीदारी होगी उससे युवा पीढ़ी प्रेरित होगी कि हम भी विश्व कप खेल सकते हैं.'



भारत की जूनियर टीम को विश्व चैंपियन बनाने वाले हरेंद्र ने कहा, "मेरा मानना है कि भारत को विश्व कप 24 टीमों का कराना चाहिए और भारत वित्तीय तथा ढांचागत रूप से ऐसा करने में सक्षम है. साथ ही मेरा ये भी मानना है कि ये विश्व कप भारत को कई अलग-अलग शहरों में कराना चाहिए जिससे खेल की लोकप्रियता में इजाफा होगा.'

हरेंद्र ने कहा, '24 टीमों के विश्वकप में 4-4 टीमों के आठ पूल या 6-6 टीमों के चार पूल बनाये जा सकते हैं. लेकिन इन्हें कम से कम चार पांच शहरों में कराया जाना चाहिए.



नॉकआउट के क्वाटर्रफाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल को भुवनेश्वर, दिल्ली या मुंबई किसी भी एक जगह कराया जा सकता है. इस विश्वकप में भारत को दिखाना चाहिये कि वे टूर्नामेंट को एक नये और बड़े अंदाज में पेश कर सकता है. भारत के पास इतनी ताकत है कि वे अपने दम पर बड़े स्तर पर विश्वकप का आयोजन कर सकता है.'


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