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लॉकडाउन में खेती करके खुद को 'तरोताजा' रख रहे पूर्व फुटबॉलर गौरमांगी

भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व डिफेंडर गौरमांगी सिंह ने लॉडकाउन के दौरान खुद को तरोताजा रखने के लिए एक नया तरीका इजाद किया है. फुटबॉल के मैदान पर किक मारने वाले गौरमांगी इन दिनों जैविक खेती कर रहे हैं.

Gouramangi Singh
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Published : Jun 15, 2020, 7:51 PM IST

इम्फाल : कोरोनावायरस महामारी के कारण इम्फाल में अपने परिवार के साथ रह रहे गौरमांगी ने कहा कि फुटबॉल से मिले ब्रेक के दौरान वो अपने किचन गार्डन को बढ़ा रहे हैं और सब्जियां उगा रहे हैं, जोकि उनके लिए समय बिताने एक सकारात्मक तरीका है.

गौरमांगी ने एआईएफएफ डॉट कॉम से कहा, "हमारे पास जमीन का एक टुकड़ा है, जोकि एक एकड़ से भी कम है. ये मेरे घर से कुछ दूरी पर है. हमने पिछले दो साल से वहां किचन गार्डन बना रखा है और लॉकडाउन के दौरान मैंने और मेरे भाई-बहनों ने इसे बढ़ाने का प्रयास किया. जैसे कि..मिर्ची, अदरक, करेला, लौकी, आदि."

गौरमांगी इस समय सेकेंड डिवीजन टीम एफसी बेंगलुरू यूनाईटेड के मुख्य कोच हैं. उन्होंने कहा कि वह इस खाली समय का सदुपयोग कर पाए और उन्हें अच्छा अनुभव मिला है. पूर्व डिफेंडर ने कहा, " मेरे लिए यह काफी सकारात्मक अनुभव रहा है और मैंने इसका काफी लुत्फ उठाया। बगीचे में काम करना हमेशा मजेदार होता है। हम रोजाना कुछ घंटे वहां बिताने का प्रयास करते हैं."

Gouramangi Singh
गौरमांगी

उन्होंने कहा, " बीज बोना, पौधों को पानी डालना और सब्जियां तोड़ना- यह सब कुछ काफी संतोषजनक है, विशेषकर तब जब आपकी मेहनत का फल मिलता है. ये मानसिक और शारीरिक रूप से तरोताजा रहने का अच्छा तरीका है." गौरमांगी भारतीय फुटबॉल टीम के सबसे शानदार खिलाड़ियों में से एक रहे हैं. वो नेशनल फुटबॉल लीग, फेडरेशन कप और आई लीग खिताब जीत चुके हैं. इसके अलावा 2010 में वो एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीत चुके हैं. वो एएफसी एशियन कप दोहा 2011 में भारतीय टीम का हिस्सा थे, जहां उन्होंने बहरीन के खिलाफ गोल किया था.

इम्फाल : कोरोनावायरस महामारी के कारण इम्फाल में अपने परिवार के साथ रह रहे गौरमांगी ने कहा कि फुटबॉल से मिले ब्रेक के दौरान वो अपने किचन गार्डन को बढ़ा रहे हैं और सब्जियां उगा रहे हैं, जोकि उनके लिए समय बिताने एक सकारात्मक तरीका है.

गौरमांगी ने एआईएफएफ डॉट कॉम से कहा, "हमारे पास जमीन का एक टुकड़ा है, जोकि एक एकड़ से भी कम है. ये मेरे घर से कुछ दूरी पर है. हमने पिछले दो साल से वहां किचन गार्डन बना रखा है और लॉकडाउन के दौरान मैंने और मेरे भाई-बहनों ने इसे बढ़ाने का प्रयास किया. जैसे कि..मिर्ची, अदरक, करेला, लौकी, आदि."

गौरमांगी इस समय सेकेंड डिवीजन टीम एफसी बेंगलुरू यूनाईटेड के मुख्य कोच हैं. उन्होंने कहा कि वह इस खाली समय का सदुपयोग कर पाए और उन्हें अच्छा अनुभव मिला है. पूर्व डिफेंडर ने कहा, " मेरे लिए यह काफी सकारात्मक अनुभव रहा है और मैंने इसका काफी लुत्फ उठाया। बगीचे में काम करना हमेशा मजेदार होता है। हम रोजाना कुछ घंटे वहां बिताने का प्रयास करते हैं."

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गौरमांगी

उन्होंने कहा, " बीज बोना, पौधों को पानी डालना और सब्जियां तोड़ना- यह सब कुछ काफी संतोषजनक है, विशेषकर तब जब आपकी मेहनत का फल मिलता है. ये मानसिक और शारीरिक रूप से तरोताजा रहने का अच्छा तरीका है." गौरमांगी भारतीय फुटबॉल टीम के सबसे शानदार खिलाड़ियों में से एक रहे हैं. वो नेशनल फुटबॉल लीग, फेडरेशन कप और आई लीग खिताब जीत चुके हैं. इसके अलावा 2010 में वो एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीत चुके हैं. वो एएफसी एशियन कप दोहा 2011 में भारतीय टीम का हिस्सा थे, जहां उन्होंने बहरीन के खिलाफ गोल किया था.

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