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मशहूर कमेंटेटर नोवी कपाड़िया का निधन

9 फीफा विश्व कप कवर कर चुके कपाड़िया पिछले एक महीने से वेंटिलेटर पर थे. उन्हें 'मोटर न्यूरोन' बीमारी थी जिसमें रीढ की नसें और दिमाग धीरे धीरे काम करना बंद कर देता है. इसकी वजह से वह पिछले दो साल से अपने घर में ही बंद थे.

Noted commentator Novy Kapadia passes away
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Published : Nov 19, 2021, 12:37 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल का 'एनसाइक्लोपीडिया' कहे जाने वाले मशहूर कमेंटेटर और दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर नोवी कपाड़िया का लंबी बीमारी के बाद गुरूवार को यहां निधन हो गया.

वह 67 वर्ष के थे. कपाड़िया अविवाहित थे और उनकी बहन की मृत्यु के बाद उनके परिवार में कोई नहीं था.

9 फीफा विश्व कप कवर कर चुके कपाड़िया पिछले एक महीने से वेंटिलेटर पर थे. उन्हें 'मोटर न्यूरोन' बीमारी थी जिसमें रीढ की नसें और दिमाग धीरे धीरे काम करना बंद कर देता है. इसकी वजह से वह पिछले दो साल से अपने घर में ही बंद थे.

ये भी पढ़ें- DU के पूर्व प्रोफेसर नोवी कपाड़िया को नहीं मिल रही पेंशन, जताई निराशा

लंबे समय से बिस्तर पर ही रहने को मजबूर कपाड़िया हाल ही में पेंशन संबंधी मसले के कारण चर्चा में आये थे जब पूर्व खेल मंत्री किरन रिजिजू ने मामले में दखल देकर उन्हें चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिलाई थी.

कपाड़िया पिछले कई दशक से ओलंपिक, एशियाई खेल,राष्ट्रमंडल खेल की कमेंट्री करते आये हैं.

अशोक क्लब के संस्थापक कपाड़िया ने स्थानीय लीग में फुटबॉल खेला. उन्होंने 'बेयरफुट टू बूट्स: द मेनी लाइव्स आफ इंडियन फुटबॉल' किताब भी लिखी. इसके अलावा फुटबॉल प्रेमियों के लिये गाइड भी 2014 में लिखी.

नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल का 'एनसाइक्लोपीडिया' कहे जाने वाले मशहूर कमेंटेटर और दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर नोवी कपाड़िया का लंबी बीमारी के बाद गुरूवार को यहां निधन हो गया.

वह 67 वर्ष के थे. कपाड़िया अविवाहित थे और उनकी बहन की मृत्यु के बाद उनके परिवार में कोई नहीं था.

9 फीफा विश्व कप कवर कर चुके कपाड़िया पिछले एक महीने से वेंटिलेटर पर थे. उन्हें 'मोटर न्यूरोन' बीमारी थी जिसमें रीढ की नसें और दिमाग धीरे धीरे काम करना बंद कर देता है. इसकी वजह से वह पिछले दो साल से अपने घर में ही बंद थे.

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लंबे समय से बिस्तर पर ही रहने को मजबूर कपाड़िया हाल ही में पेंशन संबंधी मसले के कारण चर्चा में आये थे जब पूर्व खेल मंत्री किरन रिजिजू ने मामले में दखल देकर उन्हें चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिलाई थी.

कपाड़िया पिछले कई दशक से ओलंपिक, एशियाई खेल,राष्ट्रमंडल खेल की कमेंट्री करते आये हैं.

अशोक क्लब के संस्थापक कपाड़िया ने स्थानीय लीग में फुटबॉल खेला. उन्होंने 'बेयरफुट टू बूट्स: द मेनी लाइव्स आफ इंडियन फुटबॉल' किताब भी लिखी. इसके अलावा फुटबॉल प्रेमियों के लिये गाइड भी 2014 में लिखी.

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