ETV Bharat / sports

'लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थी तो लोग ताना मारते थे, आज तारीफ करते हैं'

ब्राजील के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में गोल कर सुर्खियां बटोरने वाली भारतीय महिला फुटबॉल टीम की खिलाड़ी मनीषा कल्याण ने कहा, जो लोग लड़कों के साथ उनके फुटबॉल खेलने पर ताना मारते थे, वे अब उनकी तारीफ करते हैं.

भारतीय महिला फुटबॉल टीम  Manisha Kalyan  Indian women football team  अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट  international tournament  खेल समाचार  Sports news
Indian women football team
author img

By

Published : Dec 11, 2021, 5:31 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 5:38 PM IST

नई दिल्ली: एएफसी एशियाई कप की तैयारियों के तहत भारतीय टीम ने चार देशों के टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए ब्राजील का दौरा किया था. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा आयोजित ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में मनीषा ने कहा, जब मैं स्कूल में थी तो अपने गांव के लड़कों के साथ खेलती थी. एक-दो बार, मेरे माता-पिता से शिकायत भी कि गई थी कि मैं लड़कों के बीच खेलने वाली अकेली लड़की क्यों हूं.

पंजाब की होशियारपुर जिले की 20 साल की इस खिलाड़ी ने कहा, शिकायत करने वालों ने कहा, एक लड़की के लिए लड़कों के साथ खेलना अच्छा नहीं है. लेकिन मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया. इसलिए मैंने उन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया.

यह भी पढ़ें: टेनिस खिलाड़ी हर्बर्ट ऑस्ट्रेलियन ओपन टूर्नामेंट में नहीं लेंगे भाग

मनीषा ने कहा, ब्राजील से लौटने के बाद स्थिति में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा, गांव के कई लोग मेरे माता-पिता से मिलने आए और उन्हें बधाई देते हुए कहा कि मैंने सही (खेल को कैरियर के रूप में चुनकर) कदम उठाया है. मनीषा ब्राजील की पूर्व दिग्गज रोनाल्डिन्हो की बड़ी प्रशंसक हैं.

उन्होंने कहा, मेरे गांव में मेरे दोस्त मुझे डिन्हो कहते थे. जब मैंने पहली बार अपना इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया, तो उसका नाम एमकेडी था, जिसका मतलब मनीषा कल्याण डिन्हो था.

यह भी पढ़ें: Ashes 2021: पहला मैच गंवाने के बाद इंग्लैंड को झटका

मनीषा ने कहा, मुझे (लियोनेल) मेस्सी का खेल पसंद है. वह शानदार तरीके से पास देते हैं और गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाते हैं. मनीषा को शुरुआत में एथलेटिक्स और बास्केटबॉल में रुचि थी. लेकिन स्कूल के शारीरिक शिक्षा (पीईटी) के अध्यापक की सलाह पर उन्होंने फुटबॉल में हाथ आजमाया.

मनीषा ने कहा, आठवीं कक्षा से पहले मैं बास्केटबॉल खेल रही थी. 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में भाग ले रही थी. हमारे पीईटी शिक्षक एक फुटबॉलर थे और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं जिला फुटबॉल टीम में खेलना चाहती हूं.

यह भी पढ़ें: नेशनल चैंपियनशिप में 11 मेडल जीतने वाली निशानेबाज ने की सुसाइड

मनीषा ने बताया, उन्होंने मेरा ट्रायल लिया और मेरा चयन हो गया. मुझे भी बहुत अच्छा लगा और कोच से कहा कि मैं केवल फुटबॉल खेलूंगी तब मैंने स्कूल के बाद फुटबॉल प्रशिक्षण शुरू किया.

मनीषा ने कहा, ब्राजील के खिलाफ गोल से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. हालांकि, उन्हें अपने खेल के कई क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा, जब से मैं साल 2019 में राष्ट्रीय शिविर से जुड़ी हूं. मैंने अपनी कमजोरियों पर ध्यान देना शुरू किया.

नई दिल्ली: एएफसी एशियाई कप की तैयारियों के तहत भारतीय टीम ने चार देशों के टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए ब्राजील का दौरा किया था. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा आयोजित ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में मनीषा ने कहा, जब मैं स्कूल में थी तो अपने गांव के लड़कों के साथ खेलती थी. एक-दो बार, मेरे माता-पिता से शिकायत भी कि गई थी कि मैं लड़कों के बीच खेलने वाली अकेली लड़की क्यों हूं.

पंजाब की होशियारपुर जिले की 20 साल की इस खिलाड़ी ने कहा, शिकायत करने वालों ने कहा, एक लड़की के लिए लड़कों के साथ खेलना अच्छा नहीं है. लेकिन मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया. इसलिए मैंने उन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया.

यह भी पढ़ें: टेनिस खिलाड़ी हर्बर्ट ऑस्ट्रेलियन ओपन टूर्नामेंट में नहीं लेंगे भाग

मनीषा ने कहा, ब्राजील से लौटने के बाद स्थिति में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा, गांव के कई लोग मेरे माता-पिता से मिलने आए और उन्हें बधाई देते हुए कहा कि मैंने सही (खेल को कैरियर के रूप में चुनकर) कदम उठाया है. मनीषा ब्राजील की पूर्व दिग्गज रोनाल्डिन्हो की बड़ी प्रशंसक हैं.

उन्होंने कहा, मेरे गांव में मेरे दोस्त मुझे डिन्हो कहते थे. जब मैंने पहली बार अपना इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया, तो उसका नाम एमकेडी था, जिसका मतलब मनीषा कल्याण डिन्हो था.

यह भी पढ़ें: Ashes 2021: पहला मैच गंवाने के बाद इंग्लैंड को झटका

मनीषा ने कहा, मुझे (लियोनेल) मेस्सी का खेल पसंद है. वह शानदार तरीके से पास देते हैं और गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाते हैं. मनीषा को शुरुआत में एथलेटिक्स और बास्केटबॉल में रुचि थी. लेकिन स्कूल के शारीरिक शिक्षा (पीईटी) के अध्यापक की सलाह पर उन्होंने फुटबॉल में हाथ आजमाया.

मनीषा ने कहा, आठवीं कक्षा से पहले मैं बास्केटबॉल खेल रही थी. 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में भाग ले रही थी. हमारे पीईटी शिक्षक एक फुटबॉलर थे और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं जिला फुटबॉल टीम में खेलना चाहती हूं.

यह भी पढ़ें: नेशनल चैंपियनशिप में 11 मेडल जीतने वाली निशानेबाज ने की सुसाइड

मनीषा ने बताया, उन्होंने मेरा ट्रायल लिया और मेरा चयन हो गया. मुझे भी बहुत अच्छा लगा और कोच से कहा कि मैं केवल फुटबॉल खेलूंगी तब मैंने स्कूल के बाद फुटबॉल प्रशिक्षण शुरू किया.

मनीषा ने कहा, ब्राजील के खिलाफ गोल से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. हालांकि, उन्हें अपने खेल के कई क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा, जब से मैं साल 2019 में राष्ट्रीय शिविर से जुड़ी हूं. मैंने अपनी कमजोरियों पर ध्यान देना शुरू किया.

Last Updated : Dec 11, 2021, 5:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.