नई दिल्ली : गोल्डन बेबी लीग के 2019-20 सीजन में करीब 350 से अधिक बच्चों ने विभिन्न बाधाओं को पार करके इस फुटबाल टूर्नामेंट में भाग लिया. इस दौरान इन खेल प्रेमी बच्चों ने कई अड़चनों को भी पार किया.
ये बच्चे पहाड़ी राज्य मेघालय में मैच के दिन करीब 70 किलोमीटर की यात्रा करके मैच खेलने आते थे. इनकी उम्र 6 से 12 साल के बीच है.
अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) की वेबसाइट ने लीग के संचालक गिल्बर्ट जैकसन के हवाले से कहा, "पहली गोल्डन बेबी लीग में हम प्रत्येक मैच के दिन हितधारकों और क्लबों को दूर-दराज के इलाकों से लेकर आए. कई इलाकों के क्लबों और विभिन्न समुदायों के बच्चों ने इसमें हिस्सा लिया. कई बच्चे तो मैच के दिन सुबह छह बजे उठकर 70 किमी का सफर करते थे."
गोल्डन बेबी लीग परियोजना को शुरू करने का मकसद लड़के और लड़कियों की नई पीढ़ी को कम उम्र से ही खेलों के लिए प्रेरित करना है.
एआईएफएफ ने 2018 में 6 से 12 साल तक के बच्चों के लिए इस परियोजना को शुरू किया था. इसका लक्ष्य लिंग, धर्म और आर्थिक हालात के भेदभाव के बिना फुटबॉल की सुविधाएं प्रदान करना है.