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मेरा पुरस्कार लड़कियों को फुटबॉल में आने के लिए प्रेरित करेगा: बेमबेम देवी - बेमबेम देवी

पूर्व भारतीय कप्तान बेमबेम देवी पद्मश्री पुरस्कार पाने वाली पहली महिला फुटबॉलर बनी. उन्होंने ये पुरस्कार देश की महिला फुटबॉल को समर्पित किया.

Oinam Bembem Devi
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Published : Jan 28, 2020, 10:44 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 6:22 AM IST

नई दिल्ली: पद्मश्री पुरस्कार पाने वाली पहली महिला फुटबॉल खिलाड़ी ओइनाम बेमबेम देवी ने अपना पुरस्कार देश की महिला फुटबॉल को समर्पित किया है और कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इससे कई लड़कियां इसमें आगे आएंगी.

पूर्व भारतीय कप्तान को 2017 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

Oinam Bembem Devi, indian Women's football team
अर्जुन अवॉर्ड के साथ बेमबेम देवी

39 वर्षीय बेमबेम ने कहा, "ये भारत में महिला फुटबॉल की पहचान के लिए है. ये उन सभी के लिए आखें खोलने वाला है जो मानते हैं कि आप भारत में महिला फुटबॉल नहीं खेल सकते. मुझे उम्मीद है कि यह सभी लड़कियों और उनके माता-पिता को ये विश्वास दिलाएगा कि आप भी इस खेल में नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं."

Oinam Bembem Devi, indian Women's football team
बेमबेम देवी

उन्होंने कहा, "इस साल भारत में अंडर-17 महिला विश्व कप होने हैं. यह पद्मश्री पुरस्कार इसमें खेलने वाली लड़कियों के लिए है और उनके लिए है जो कुछ साल बाद यह खेल खेलेंगी."

बेमबेम देवी भारत की मशहूर महिला फुटबॉलर बनने के लिए लड़कों के साथ खेलीं, जिसमें वे एक दिन खुद को 'बोबो' तो दूसरे दिन 'एमको' नाम देती थीं.

Oinam Bembem Devi, indian Women's football team
स्कूल के बच्चों के साथ फुटबॉल खेलती बेमबेम देवी

उन्होंने कहा कि जब मैं 9 साल की थी तो मैंने लड़कों के साथ फुटबॉल खेलने के लिए अपना नाम बदलकर बोबो और एमको रख दिया था. अगर मैं उन्हें बता देती कि मेरा नाम बेमबेम है तो वे समझ जाते कि मैं लड़की हूं और मुझे अपनी टीम में नहीं खिलाते.

बता दें कि पुरुष टीम के कप्तान सुनील छेत्री पद्मश्री हासिल करने वाले अंतिम फुटबॉलर थे, जिन्हें 2019 में इस पुरस्कार से नवाजा गया था.

Oinam Bembem Devi, indian Women's football team
सुनील छेत्री

बेमबेम से पहले ये पुरस्कार स्वर्गीय गोस्थो पॉल, स्वगीर्य सैलेन मन्ना, चुन्नी गोस्वामी, पीके बनर्जी, बाईचुंग भूटिया और सुनील छेत्री को मिल चुका है.

बेमबेम ने 1995 में मात्र 15 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया था. उन्होंने मणिपुर के लिए 16 खिताब जीते जिसमें 9 खिताब बतौर कप्तान थे.

Oinam Bembem Devi, indian Women's football team
बेमबेम देवी

उन्होंने साल 2010, 2012, 2014 में भारत को तीन साउथ एशियन खिताब दिलवाए. इसके साथ ही वे साल 2001 और 2013 में एआईएफएफ महिला खिलाड़ी ऑफ द इयर भी रह चुकी हैं.

नई दिल्ली: पद्मश्री पुरस्कार पाने वाली पहली महिला फुटबॉल खिलाड़ी ओइनाम बेमबेम देवी ने अपना पुरस्कार देश की महिला फुटबॉल को समर्पित किया है और कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इससे कई लड़कियां इसमें आगे आएंगी.

पूर्व भारतीय कप्तान को 2017 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

Oinam Bembem Devi, indian Women's football team
अर्जुन अवॉर्ड के साथ बेमबेम देवी

39 वर्षीय बेमबेम ने कहा, "ये भारत में महिला फुटबॉल की पहचान के लिए है. ये उन सभी के लिए आखें खोलने वाला है जो मानते हैं कि आप भारत में महिला फुटबॉल नहीं खेल सकते. मुझे उम्मीद है कि यह सभी लड़कियों और उनके माता-पिता को ये विश्वास दिलाएगा कि आप भी इस खेल में नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं."

Oinam Bembem Devi, indian Women's football team
बेमबेम देवी

उन्होंने कहा, "इस साल भारत में अंडर-17 महिला विश्व कप होने हैं. यह पद्मश्री पुरस्कार इसमें खेलने वाली लड़कियों के लिए है और उनके लिए है जो कुछ साल बाद यह खेल खेलेंगी."

बेमबेम देवी भारत की मशहूर महिला फुटबॉलर बनने के लिए लड़कों के साथ खेलीं, जिसमें वे एक दिन खुद को 'बोबो' तो दूसरे दिन 'एमको' नाम देती थीं.

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स्कूल के बच्चों के साथ फुटबॉल खेलती बेमबेम देवी

उन्होंने कहा कि जब मैं 9 साल की थी तो मैंने लड़कों के साथ फुटबॉल खेलने के लिए अपना नाम बदलकर बोबो और एमको रख दिया था. अगर मैं उन्हें बता देती कि मेरा नाम बेमबेम है तो वे समझ जाते कि मैं लड़की हूं और मुझे अपनी टीम में नहीं खिलाते.

बता दें कि पुरुष टीम के कप्तान सुनील छेत्री पद्मश्री हासिल करने वाले अंतिम फुटबॉलर थे, जिन्हें 2019 में इस पुरस्कार से नवाजा गया था.

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सुनील छेत्री

बेमबेम से पहले ये पुरस्कार स्वर्गीय गोस्थो पॉल, स्वगीर्य सैलेन मन्ना, चुन्नी गोस्वामी, पीके बनर्जी, बाईचुंग भूटिया और सुनील छेत्री को मिल चुका है.

बेमबेम ने 1995 में मात्र 15 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया था. उन्होंने मणिपुर के लिए 16 खिताब जीते जिसमें 9 खिताब बतौर कप्तान थे.

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बेमबेम देवी

उन्होंने साल 2010, 2012, 2014 में भारत को तीन साउथ एशियन खिताब दिलवाए. इसके साथ ही वे साल 2001 और 2013 में एआईएफएफ महिला खिलाड़ी ऑफ द इयर भी रह चुकी हैं.

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मेरा पुरस्कार लड़कियों को फुटबॉल में आने के लिए प्रेरित करेगा: बेमबेम देवी



 



नई दिल्ली: पद्मश्री पुरस्कार पाने वाली पहली महिला फुटबॉल खिलाड़ी ओइनाम बेमबेम देवी ने अपना पुरस्कार देश की महिला फुटबाॉल को समर्पित किया है और कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इससे कई लड़कियां इसमें आगे आएंगी.



पूर्व भारतीय कप्तान को 2017 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.



39 वर्षीय बेमबेम ने कहा, "ये भारत में महिला फुटबॉल की पहचान के लिए है. ये उन सभी के लिए आखें खोलने वाला है जो मानते हैं कि आप भारत में महिला फुटबॉल नहीं खेल सकते. मुझे उम्मीद है कि यह सभी लड़कियों और उनके माता-पिता को ये विश्वास दिलाएगा कि आप भी इस खेल में नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं."



उन्होंने कहा, "इस साल भारत में अंडर-17 महिला विश्व कप होने हैं. यह पद्मश्री पुरस्कार इसमें खेलने वाली लड़कियों के लिए है और उनके लिए है जो कुछ साल बाद यह खेल खेलेंगी."

बेमबेम देवी भारत की मशहूर महिला फुटबॉलर बनने के लिए लड़कों के साथ खेलीं,  जिसमें वे एक दिन खुद को 'बोबो' तो दूसरे दिन 'एमको' नाम देती थीं.



उन्होंने कहा कि जब मैं 9 साल की थी तो मैंने लड़कों के साथ फुटबॉल खेलने के लिए अपना नाम बदलकर बोबो और एमको रख दिया था. अगर मैं उन्हें बता देती कि मेरा नाम बेमबेम है तो वे समझ जाते कि मैं लड़की हूं और मुझे अपनी टीम में नहीं खिलाते.



बता दें कि पुरुष टीम के कप्तान सुनील छेत्री पद्मश्री हासिल करने वाले अंतिम फुटबॉलर थे, जिन्हें 2019 में इस पुरस्कार से नवाजा गया था.

बेमबेम से पहले ये पुरस्कार स्वर्गीय गोस्थो पॉल, स्वगीर्य सैलेन मन्ना, चुन्नी गोस्वामी, पीके बनर्जी, बाईचुंग भूटिया और सुनील छेत्री को मिल चुका है.

बेमबेम ने 1995 में मात्र 15 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया था. उन्होंने मणिपुर के लिए 16 खिताब जीते जिसमें 9 खिताब बतौर कप्तान थे.

उन्होंने साल 2010, 2012, 2014 में भारत को तीन साउथ एशियन खिताब दिलवाए. इसके साथ ही वे साल 2001 और 2013 में एआईएफएफ महिला खिलाड़ी ऑफ द इयर भी रह चुकी हैं.




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Last Updated : Feb 28, 2020, 6:22 AM IST
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