नई दिल्ली : मोहन बागान, क्वेस ईस्ट बंगाल, चर्चिल ब्रदर्स एफसी, गोकुलम केरला एफसी, मिनर्वा पंजाब एफसी और आइजोल एफसी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में भारतीय फुटबॉल को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के विनाशकारी षड़यंत्र से निकालने का आग्रह किया है.
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र पर मोहन बागान के प्रबंध निदेशक स्वपन साधन बोस ने हस्ताक्षर किए हैं. इस पत्र में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया है कि जिस तरह से एआईएफएफ काम कर रहा है, वो उसकी जांच कराएं.
प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
पत्र में लिखा है, "हमारे पास आपके दरवाजे पर आने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा. हम चाहते हैं कि आप इस मामले में दखल दें और एक जांच आयोग का गठन करें जो एआईएफएफ की कार्यशैली की जांच करे." उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि आप इस मसले में दखल देंगे और भारतीय फुटबॉल के पारंपरिक फुटबाल क्लबों तथा सभी आई-क्लबों को बचाए रखेंगे जिन्होंने एक माहौल बनाया है भारतीय फुटबॉल के लिए भविष्य के लिए सितारे तैयार करने का. आपकी जरूरत के हिसाब से हम सभी संबंधित और जरूरी कागजात मुहैया कराएंगे."
पटेल ने आई-लीग क्लबों के प्रतिनिधियों से बात की
क्लबों का ये पत्र एआईएफएफ के उस कदम के बाद आया है जिसमें उसने एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) से आग्रह करते हुए अगले तीन साल तक आई-लीग और इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) को भारत में समांतर रूप से चालू रखने को कहा था.
पटेल ने आई-लीग क्लबों के प्रतिनिधियों से बात की थी और उनके साथ भारतीय फुटबॉल के रोडमैप पर बात की थी. पटेल की ये मुलाकात भी उन खबरों के बाद आई थी जिनमें कहा जा रहा था कि एआईएफएफ ने आईएसएल के साथ हाथ मिला लिया है.
इस बात पर नहीं हुए राजी
पटेल ने कहा कि ये तीन साल एआईएफएफ को पर्याप्त समय देंगे जिससे वो रोडमैप तैयार कर सके क्योंकि देश में दो लीग एक साथ नहीं चल सकतीं. 6 क्लबों ने इस बात को तो मान लिया है कि वो अगले दो-तीन साल तक एआईएफएफ आई-लीग और आईएसएल को एक साथ जारी रखे लेकिन वो इस बात पर राजी नहीं हुए थे कि आईएसएल विजेता को एएफसी चैम्पियंस लीग में खेलने का अधिकार दिया जाए.
मिनर्वा पंजाब, मोहन बागान, ईस्ट बंगाल, आइजोल एफसी, चर्चिल ब्रदर्स और गोकुलाम केरल ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि वह आई-लीग के आगामी सीजन के लिए ब्रॉडकास्ट और कार्यक्रम के बारे में बात करने को तैयार हैं.
एएफसी चैम्पियंस लीग का स्थान हमारे पास ही रहना चाहिए
बयान के मुताबिक, "समझौते को देखते हुए, आई-क्लब लीग के ब्रॉडकास्ट प्लान तथा कार्यक्रम को लेकर मान गए हैं, वो भी तब जब ये सही नहीं है. आई-लीग क्लब दो लीग सिस्टम पर अगले तीन साल के लिए राजी हैं वो भी तब जब एक ही लीग की मांग जोरों पर है."
क्लबों के बयान के मुताबिक, "क्लब हालांकि एएफसी चैम्पियंस लीग की जगह आईएसएल क्लब को देने को तैयार नहीं हैं और सभी आई-लीग क्लब अनुरोध करते हैं कि एएफसी चैम्पियंस लीग का स्थान हमारे पास ही रहना चाहिए क्योंकि इतने वर्षो से यह आई-लीग क्लब ही हैं जो एएफसी में जा रहे हैं. एआईएफएफ ने पहले ही एएफसी कप में आईएसएल को जगह दे दी है और मौजूदा स्थिति तब तक बनी रहनी चाहिए जब तक एक लीग न बन जाए."