नई दिल्ली: सुपर कप में खेलने से मना करने वाले आई-लीग क्लबों के खिलाफ अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ कड़ा कदम उठा सकता है एआईएएफ की लीग समिति की 13 अप्रैल को बैठक होनी है, जिसमें इन क्लबों के खिलाफ कोई कड़ा फैसला लिया जा सकता है.
महासंघ के सूत्रों के मुताबिक, सभी सात क्लबों- मोहन बागान, ईस्ट बंगाल, च्रचील ब्रदर्स, आइजोल एफसी, मिनर्वा एफसी और गोकुलम एफसी, नेरोका एफसी जैसे क्लबों से महासंघ सुपर कप में हुए नुकसान की भरपाई करने को कह सकती है.
क्लबों ने एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात करने का समय मांगा था जिसमें वह अध्यक्ष से भारतीय फुटबॉल के रोडमैप पर बात करना चाहते थे. अप्रैल में बैठक का आश्वासन मिलने के बाद क्लबों के खिलाड़ी मैदान पर नहीं उतरे थे.
एआईएफएफ के सीनियर अधिकारी ने कहा, "हिस्सा न लेने वाले छह क्लबों के खिलाड़ी मैदान पर नहीं आए. मोहन बागान ने भी खिलाडियों का पंजीकरण नहीं किया लेकिन इससे उनकी सजा कम नहीं होगी. नियमों के मुताबिक, आई-लीग खेलने वाले सभी क्लब महासंघ से मान्यता प्राप्त टूर्नामेंट खेलने के लिए बाध्य होते हैं."
महासंघ क्लबों के साथ किए गए करार के तहत इन क्लबों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है.
अधिकारी ने कहा, "आई-लीग के सात क्लबों के अचानक जाने से सुपर कप के हितधारकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी अगर लीग समिति की सिफारिशों पर अनुशासन समिति इन क्लबों पर भारी जुर्माना नहीं लगाए."