नई दिल्ली : अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने गुरप्रीत सिंह संधू और जेजे लालपेखलुआ का नाम इस साल प्रतिष्ठित अर्जुन अवॉर्ड के लिए प्रस्तावित किया है. एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने शनिवार को इसकी पुष्टि की.
महासंघ की सिफारिशों के बावजूद सवाल पैदा होता है कि क्या संधू और जेजे को इस बार ये पुरस्कार मिलेगा, क्योंकि एआईएफएफ 2017 से इन दोनों के नामों की सिफारिश कर रही है और अर्जुन अवॉर्ड कमेटी लगातार इन्हें नजरअंदाज कर रही है.
एआईएफएफ ने 2017 में महिला फुटबॉल टीम की कप्तान बेमबेम देवी के साथ राष्ट्रीय टीम के गोलकीपर और स्ट्राइकर का नाम अवॉर्ड के लिए भेजा था, लेकिन केवल बेमबेम को पुरस्कृत किया गया.
सुनील छेत्री के बाद संधू और जेजे राष्ट्रीय टीम में मौजूद सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं. छेत्री के अलावा, संधू एकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जो दो बार एफसी एशियन कप (2011 और 2019) के फाइनल राउंड में खेल चुके हैं. संधू बेंगलुरू एफसी में शामिल होने से पहले नॉर्वे के क्लब स्टाबेक का भी हिस्सा रह चुके हैं. वे यूरोप के टॉप डिविजन में खेलने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं.
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दूसरी ओर जेजे भी राष्ट्रीय टीम के लिए समय-समय पर महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हुए हैं. उन्होंने 2011 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहला मैच खेला था. उनके नाम राष्ट्रीय टीम की ओर से कुल 23 गोल हैं. वे फिलहाल, चेन्नइयन एफसी से खेल रहे हैं.