नई दिल्ली: गलत कारणों से सुर्खियों में आई कश्मीरी फुटबॉल गोलकीपर अफशां आशिक मौजूदा भारतीय महिला लीग में हिस्सा लेने के बाद अब पत्थरबाज से फुटबॉलर बनी के रूप में उभरना चाहती हैं.
पुलिस पर पत्थर फेकते हुए फोटो हुई थी वायरल
दिसंबर 2017 में अफशां की एक फोटो सोशल मीडिया पर वाइरल हुई थी, जिसमें वह जम्मू-कश्मीर पुलिस पर पत्थर फेंकती दिख रही थी.
अफशां उस समय श्रीनगर में टूरिस्ट रिसेप्शन सेंट ग्राउंड में 12 से 22 साल की कश्मीरी लड़कियों को फुटबॉल की कोचिंग दे रही थी, तब यह घटना घटी थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इतर अफशां ने कहा, "पुलिस ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया, मेरे छात्रों को थप्पड़ मारा. अगर वे हमारे साथ इस तरह के व्यवहार करते हैं तो वे हमसे क्या उम्मीद करते हैं."
उन्होंने कहा, "मुझे एक पत्थरबाज करार दिया गया, लेकिन मैं हमेशा से एक फुटबॉलर रही हूं. मैं बस एक दिन एसा किया था."
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अफशां ने आगे कहा, "मैंने चिल्लाया 'तुम मुझे पत्थरबाज क्यों कह रहे हो, मैं वह नहीं हूं'. मुझे कहा गया था कि तुम एक पेशेवर पत्थरबाज की तरह ही फेकों. मीडिया ने उस तरह की अजीब कहानी बनाई और मैं कहा था कि 'कृपया इसे हटा दें."
सोशल मीडिया पर जारी फोटो में अफशां का चेहरा डुपट्टा से ढका हुआ था.
उन्होंने कहा, " उस घटना के बाद जब मैं ट्रेनिंग के लिए गई तो मैंने सोचा कि किसी को भी यह नहीं पता होगा कि यह मैं थी. बाद में खेल सचिव ने आकर मुझसे कहा कि अब आप सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध हैं. मैं ऐसा था जैसे मैंने क्या किया. मैंने कुछ भी नहीं किसा है. उन्होंने कहा कि आपको पता चल जाएगा कि आपने क्या किया."
अफशां ने ट्रेनिंग के दौरान वही ड्रेस पहनी थी जो उन्होंने पत्थर फेंकने के दौरान पहनी थी. इससे खेल सचिव को उनकी पहचान करने में मदद मिली.
अफशां ने कहा, "मुझे कबूल करना पड़ा, उन्होंने कहा मैं आपके साथ हूं, आप बस मीडिया से बात करें और उन्हें सच्चाई बताएं. बस उन्हें बताएं कि क्या हुआ था।.' हर कोई सोच रहा है कि कश्मीर में खेल का कोई भविष्य नहीं है और मैंने सोचा कि ठीक है, मैं बात करूंगी."