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पूर्व फुटबॉलरों ने ध्यानचंद पुरस्कार पाने पर सुखविंदर को बधाई दी

पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कोच सुखविंदर सिंह को ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर बधाई देते हुए कहा कि वो इस पुरस्कार के हकदार हैं.

पूर्व कोच सुखविंदर सिंह
पूर्व कोच सुखविंदर सिंह
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Published : Aug 27, 2020, 10:31 PM IST

नई दिल्ली: खेलों में योगदान देने के लिए ध्यानचंद पुरस्कार के लिए चयनित किए गए भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कोच सुखविंदर सिंह को पूर्व फुटबॉल खिलाड़ियों ने बधाई दी है. पूर्व भारतीय कप्तान बाइचुंग भूटिया ने सबसे पहले सुखविंदर को बधाई देते हुए कहा कि वो इस पुरस्कार के हकदार हैं.

उन्होंने कहा, "मैं काफी खुश हूं कि उन्होंने इसे जीता है. सुखी सर इस पुरस्कार के हकदार हैं. मैं उन्हें बधाई देता हूं. मुझे भारतीय कप्तान के रूप में पहला मैच उन्होंने ही खेलने का मौका दिया. मैं हमेशा उनका शुक्रगुजार रहूंगा."

सुखविंदर सिंह के कोच रहते भारतीय सीनियर टीम में पदार्पण करने वाले रेनेडी सिंह ने कहा कि वो भारतीय टीम के सबसे सफल कोचों में से हैं.

पूर्व कोच सुखविंदर सिंह
पूर्व कोच सुखविंदर सिंह

रेनेडी ने कहा, "वो भारतीय टीम के सबसे सफल कोचों में से हैं. जब मैंने राष्ट्रीय टीम में पदार्पण किया, तो सुखविंदर सर ही कोच थे. उन्होंने टीम के प्रदर्शन को पूरी तरह बदलकर रख दिया. उस समय हम मलेशिया जैसी टीमों से भी हार जाते थे लेकिन फिर यूएई और उजबेकिस्तान जैसी मजबूत टीमों को कड़ी चुनौती देने लगे."

सुखविंदर के कोच रहते ही भारत 2002 फीफा विश्व कप क्वालीफायर्स में एक अंक से क्वालीफायर्स करने से चूक गया था. वो 36 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत के कोच रहे और उनका कामयाबी का फीसदी 47.22 का था.

सुखविंदर को आगामी 29 अगस्त को ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. उनके कोच रहते भारत ने 1999 और 2009 में सैफ कप जीता था और 1999 दक्षिण एशियाई खेलों में भी कांस्य पदक हासिल किया था.

नई दिल्ली: खेलों में योगदान देने के लिए ध्यानचंद पुरस्कार के लिए चयनित किए गए भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कोच सुखविंदर सिंह को पूर्व फुटबॉल खिलाड़ियों ने बधाई दी है. पूर्व भारतीय कप्तान बाइचुंग भूटिया ने सबसे पहले सुखविंदर को बधाई देते हुए कहा कि वो इस पुरस्कार के हकदार हैं.

उन्होंने कहा, "मैं काफी खुश हूं कि उन्होंने इसे जीता है. सुखी सर इस पुरस्कार के हकदार हैं. मैं उन्हें बधाई देता हूं. मुझे भारतीय कप्तान के रूप में पहला मैच उन्होंने ही खेलने का मौका दिया. मैं हमेशा उनका शुक्रगुजार रहूंगा."

सुखविंदर सिंह के कोच रहते भारतीय सीनियर टीम में पदार्पण करने वाले रेनेडी सिंह ने कहा कि वो भारतीय टीम के सबसे सफल कोचों में से हैं.

पूर्व कोच सुखविंदर सिंह
पूर्व कोच सुखविंदर सिंह

रेनेडी ने कहा, "वो भारतीय टीम के सबसे सफल कोचों में से हैं. जब मैंने राष्ट्रीय टीम में पदार्पण किया, तो सुखविंदर सर ही कोच थे. उन्होंने टीम के प्रदर्शन को पूरी तरह बदलकर रख दिया. उस समय हम मलेशिया जैसी टीमों से भी हार जाते थे लेकिन फिर यूएई और उजबेकिस्तान जैसी मजबूत टीमों को कड़ी चुनौती देने लगे."

सुखविंदर के कोच रहते ही भारत 2002 फीफा विश्व कप क्वालीफायर्स में एक अंक से क्वालीफायर्स करने से चूक गया था. वो 36 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत के कोच रहे और उनका कामयाबी का फीसदी 47.22 का था.

सुखविंदर को आगामी 29 अगस्त को ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. उनके कोच रहते भारत ने 1999 और 2009 में सैफ कप जीता था और 1999 दक्षिण एशियाई खेलों में भी कांस्य पदक हासिल किया था.

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