नई दिल्ली: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की तकनीकी समिति ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि अगले साल से घरेलू मैचों में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या प्रति मैच पांच से घटाकर चार कम दी जाए.
भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमैक ने भी इंडियन सुपर लीग और आई लीग मैचों में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या अधिक होने पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि इससे देश में भविष्य के लिये सुनील छेत्री जैसे खिलाड़ी नहीं निकल पा रहे हैं.
स्टिमैक ने कहा था कि आईएसएल और आई लीग को एशियाई फुटबॉल परिसंघ की नीति अपनानी चाहिए जिसमें घरेलू मैच में अधिकतम चार विदेशी खिलाड़ी होते हैं.
एआईएफएफ की तकनीकी समिति ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस पर हुई बैठक में यह फैसला लिया कि तीन गैर एशियाई और एक एशियाई विदेशी खिलाड़ी को उतारने का सुझाव दिया जाए.
इस सुझाव पर एआईएफएफ की कार्यकारी समिति की मुहर लगनी है जो हालांकि एक औपचारिकता ही है.
गोकुलम एफसी के मालिक भी है इसके हक में
गोकुलम एफसी के मालिक वीसी प्रवीण ने हालि में कहा था कि हमें अपने राष्ट्रीय कोच इगोर स्टीमाक के विचारों का सम्मान करने की जरूरत है. उन्होंने भारतीय फुटबॉल की गहन विश्लेषण किए बिना यह सुझाव नहीं दिया होगा. एआईएफएफ को यह सुनिश्विच करना चाहिए कि आई लीग और आईएसएल, दोनों लीग में एक समान नंबर होना चाहिए."
उन्होंने कहा, "लेकिन विदेशी खिलाड़ियों की संख्या में कमी से निश्चित रूप से भारतीय खिलाड़ियों के चमकने का मार्ग प्रशस्त होता है. उन्हें (भारतीयों को) अपनी जिम्मेदारी उठानी चाहिए और उन्हें ना केवल विदेशी खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए बल्कि उनसे भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए."