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World Cup 2023: वानखेड़े स्टेडियम में 1 नवंबर को होगा सचिन तेंदुलकर की स्टेच्यू का उद्घाटन

वानखेड़े स्टेडियम में 1 नवंबर को महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की स्टेच्यू का उद्घाटन किया जायेगा. वर्तमान भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य सहयोगी स्टाफ के साथ उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहेंगे. इस साल की शुरुआत में एमसीए ने तेंदुलकर को सम्मानित करने का फैसला किया था, जो इस साल 50 साल के हो गए हैं और उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं.

sachin tendulkar
सचिन तेंदुलकर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 20, 2023, 5:12 PM IST

मुंबई : क्रिकेट आइकन सचिन तेंदुलकर का यहां के प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम से एक विशेष संबंध है. आखिरकार, यह महान खिलाड़ी का घरेलू मैदान था और इसलिए जब भी वह इस मैदान पर खेलते थे तो यह हमेशा उनके दिल के करीब होता था.

इस मैदान का एक स्टैंड पहले से ही देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- भारत रत्न और एक उत्कृष्ट क्रिकेटर सचिन रमेश तेंदुलकर के नाम पर है. अब मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) सचिन तेंदुलकर स्टैंड के अलावा सचिन तेंदुलकर की आदमकद प्रतिमा भी लगाएगा. इसका उद्घाटन भारत और श्रीलंका के बीच खेले जाने वाले विश्व कप के लीग मैच से एक दिन पहले 1 नवंबर को किया जायेगा.

एमसीए अध्यक्ष अमोल काले ने शुक्रवार को ईटीवी भारत से इसकी पुष्टि की. काले ने कहा कि उद्घाटन समारोह में तेंदुलकर स्वयं उपस्थित रहेंगे, जबकि अन्य विवरणों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य सहयोगी स्टाफ के साथ उद्घाटन समारोह में मौजूद रहेंगे.

इस साल की शुरुआत में एमसीए ने तेंदुलकर को सम्मानित करने का फैसला किया था, जो इस साल 50 साल के हो गए हैं और उनके नाम कई रिकॉर्ड्स दर्ज हैं. सचिन तेंदुलकर मुंबई के रहने वाले हैं. वह उपनगरीय बांद्रा में साहित्य सहवास में पले-बढ़े और मध्य मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क में अपने कोच स्वर्गीय रमाकांत आचरेकर से कोचिंग ली.

तेंदुलकर ने दुनिया भर के विभिन्न स्थानों पर सभी विरोधियों के गेंदबाजी आक्रमणों को परास्त किया, लेकिन घरेलू दर्शकों के सामने खेलना इस महान बल्लेबाज के लिए हमेशा आनंददायक रहा. तेंदुलकर के क्रिकेट करियर का सबसे महान क्षण भी वानखेड़े में आया जब महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत ने 2 अप्रैल, 2011 को श्रीलंका को हराकर आईसीसी वनडे विश्व कप जीता.

नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट के बाद सचिन तेंदुलकर ने वानखेड़े में भी अपने शानदार करियर का अंत किया.

तेंदुलकर वानखेड़े में कई यादगार मैचों का हिस्सा रहे हैं, जिसमें ऐतिहासिक 1991 रणजी ट्रॉफी फाइनल भी शामिल है, जिसे मुंबई हरियाणा से सिर्फ दो रन से हार गया था. तेंदुलकर ने पहली पारी में 47 और दूसरी पारी में 96 रन बनाये, जो बेकार गए. महानतम बल्लेबाजों में से एक को एक बार फिर उनके घरेलू मैदान वानखेड़े पर सम्मानित किया जा रहा है.

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मुंबई : क्रिकेट आइकन सचिन तेंदुलकर का यहां के प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम से एक विशेष संबंध है. आखिरकार, यह महान खिलाड़ी का घरेलू मैदान था और इसलिए जब भी वह इस मैदान पर खेलते थे तो यह हमेशा उनके दिल के करीब होता था.

इस मैदान का एक स्टैंड पहले से ही देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- भारत रत्न और एक उत्कृष्ट क्रिकेटर सचिन रमेश तेंदुलकर के नाम पर है. अब मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) सचिन तेंदुलकर स्टैंड के अलावा सचिन तेंदुलकर की आदमकद प्रतिमा भी लगाएगा. इसका उद्घाटन भारत और श्रीलंका के बीच खेले जाने वाले विश्व कप के लीग मैच से एक दिन पहले 1 नवंबर को किया जायेगा.

एमसीए अध्यक्ष अमोल काले ने शुक्रवार को ईटीवी भारत से इसकी पुष्टि की. काले ने कहा कि उद्घाटन समारोह में तेंदुलकर स्वयं उपस्थित रहेंगे, जबकि अन्य विवरणों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य सहयोगी स्टाफ के साथ उद्घाटन समारोह में मौजूद रहेंगे.

इस साल की शुरुआत में एमसीए ने तेंदुलकर को सम्मानित करने का फैसला किया था, जो इस साल 50 साल के हो गए हैं और उनके नाम कई रिकॉर्ड्स दर्ज हैं. सचिन तेंदुलकर मुंबई के रहने वाले हैं. वह उपनगरीय बांद्रा में साहित्य सहवास में पले-बढ़े और मध्य मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क में अपने कोच स्वर्गीय रमाकांत आचरेकर से कोचिंग ली.

तेंदुलकर ने दुनिया भर के विभिन्न स्थानों पर सभी विरोधियों के गेंदबाजी आक्रमणों को परास्त किया, लेकिन घरेलू दर्शकों के सामने खेलना इस महान बल्लेबाज के लिए हमेशा आनंददायक रहा. तेंदुलकर के क्रिकेट करियर का सबसे महान क्षण भी वानखेड़े में आया जब महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत ने 2 अप्रैल, 2011 को श्रीलंका को हराकर आईसीसी वनडे विश्व कप जीता.

नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट के बाद सचिन तेंदुलकर ने वानखेड़े में भी अपने शानदार करियर का अंत किया.

तेंदुलकर वानखेड़े में कई यादगार मैचों का हिस्सा रहे हैं, जिसमें ऐतिहासिक 1991 रणजी ट्रॉफी फाइनल भी शामिल है, जिसे मुंबई हरियाणा से सिर्फ दो रन से हार गया था. तेंदुलकर ने पहली पारी में 47 और दूसरी पारी में 96 रन बनाये, जो बेकार गए. महानतम बल्लेबाजों में से एक को एक बार फिर उनके घरेलू मैदान वानखेड़े पर सम्मानित किया जा रहा है.

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